हरिद्वार, ऋषिकेश में प्लास्टिक पर प्रतिबंध, नियमों की अनदेखी करने वालों पर 5,000 रुपए का जुर्माना
Sanjay Srivastava 15 Dec 2017 5:32 PM GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को उत्तराखंड के धार्मिक शहरों हरिद्वार व ऋषिकेश में प्लास्टिक पदार्थों के प्रयोग, बिक्री, उत्पादन और संग्रहण पर रोक संबंधी 2015 के अपने आदेश को फिर दोहराया।
एनजीटी ने इन नियमों की अनदेखी करने वालों पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। प्रतिबंध में पॉलीबैग, खाद्य व अन्य सामग्रियों की पैकिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सामान समेत हर प्रकार के प्लास्टिक के सामान पर प्रतिबंध लगाया गया है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंतर कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने जुलाई व दिसंबर 2015 में, गंगा के तटों की दयनीय हालत पर चिंता जताई थी और अधिकारियों को फटकार लगाई थी।
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प्राधिकरण ने उस समय नदी को प्रदूषण-मुक्त बनाने के लिए कई आदेश दिए थे। हालांकि, उसके बाद भी प्लास्टिक सामग्रियों का प्रयोग लगातार चलता रहा।
प्राधिकरण के पहले दिए आदेश का उद्देश्य गंगा को प्रदूषण-मुक्त बनाना भी था, ताकि श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा सकें और नदी से स्वच्छ पानी ले जा सकें।
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