राहुल गांधी बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   16 Dec 2017 5:20 PM GMT

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राहुल गांधी बने कांग्रेस के नए अध्यक्ष सोनिया गांधी के संग कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष राहुल गांधी 

नई दिल्ली (भाषा)। राहुल गांधी ने शनिवार को देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का अध्यक्ष पद ग्रहण कर लिया। राहुल गांधी ने कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष एम रामचंद्रन से पार्टी अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र प्राप्त किया। पिछले 19 साल से उनकी मां सोनिया गांधी के हाथों में कांग्रेस की बागडोर थी, जिसे आज उन्होंने अपने बेटे को सौंप दी। इस मौके पर कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जश्न का माहौल देखने को मिला।

कांग्रेस मुख्यालय में बदल गई पट्टी।

इस अवसर पर सोनिया गांधी ने अपने पुत्र को जिम्मेदारी सौंपने के बाद कहा, राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर मैं बधाई देती हूं।सोनिया गांधी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से देश के सामने अप्रत्याशित चुनौतियां हैं और भय का माहौल है लेकिन हम इससे भयभीत नहीं हो रहे हैं।

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राहुल साहस और प्रतिबद्धता के साथ पार्टी का नेतृत्व करेंगे : सोनिया

सोनिया गांधी (71 वर्ष) ने आज आज पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष पद का प्रमाणपत्र सौंपे जाने के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए अपने परिवार के बलिदान, अपने संघर्षों और पार्टी के समक्ष चुनौतियों के बारे में भावनात्मक अंदाज में अपनी बातें रखीं। उन्होंने पार्टी नेताओं को हिन्दी में संबोधित करते हुए कहा कि उनके पुत्र राहुल पर हुए तमाम हमलों ने उन्हें निडर बना दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि युवा नेतृत्व पार्टी में नए साहस का संचार करेगा।

कांग्रेस को अपने अंतर्मन में झांक कर आगे बढ़ना होगा

सोनिया ने देश के राजनीतिक हालात की चर्चा करते हुए कहा, हम सब जानते हैं कि किस तरह देश के बुनियादी उसूलों पर रोज-रोज हमले हो रहे हैं, हमारी मिली-जुली संस्कृति पर वार हो रहा है, हर तरह से संदेह, भय का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपने अंतर्मन में झांक कर आगे बढ़ना होगा। अगर हम अपने उसूलों पर खुद खरे नहीं उतरेंगे तो हम आम जनता के हितों की रक्षा नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह एक नैतिक लड़ाई है और इसमें जीत हासिल करने के लिए हमें अपने आपको को भी दुरुस्त करना पड़ेगा और किसी भी प्रकार के त्याग एवं बलिदान के लिए तैयार रहना होगा।

राहुल ने बचपन से अपार दुख झेला

राहुल की चर्चा करते हुए सोनिया के कहा कि उनकी तारीफ करना उचित नहीं होगा। मगर मैं इतना जरुर कहूंगी कि बचपन से ही उसने हिंसा और नुकसान का अपार दुख झेला, लेकिन राजनीति में आने पर उसने एक ऐसे भयंकर व्यक्तिगत हमले का सामना किया, जिसने उसको और भी निडर और मजबूत दिल का इंसान बनाया है। मुझे उसकी सहनशीलता एवं दृढ़ता पर गर्व है। मुझे पूरा विश्वास है कि राहुल पार्टी का नेतृत्व सच्चे दिल, धैर्य और पूर्ण समर्थन के साथ करेंगे। सोनिया ने इस अवसर पर अपनी सास एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी याद किया।

इंदिराजी ने मुझे बेटी की तरह अपनाया

उन्होंने कहा, इंदिराजी ने मुझे बेटी की तरह अपनाया। उनसे मैंने भारत की संस्कृति के बारे में सीखा। उन उसूलों के बारे में सीखा जिन पर इस देश की नींव पड़ी है।सोनिया ने कहा, मुझे भरोसा है कि वह ( राहुल ) साहस एवं प्रतिबद्धता के साथ पार्टी का नेतृत्व करेंगे। पार्टी का करीब 19 वर्ष तक नेतृत्व कर चुकीं सोनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष के रुप में उन्हें पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से मिले सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया.

उन्होंने इंदिरा की हत्या के बाद अपने पति राजीव गांधी के समक्ष चुनौतियों का सामना करते हुए कहा, उन दिनों मैं राजनीति को अलग नजरिये से देखती थी। मैं अपने आपको, अपने पति को और बच्चों को इससे दूर रखना चाहती थी। मगर मेरे पति के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी थी, (उन्होंने) उसे अपना कर्तव्य मानकर प्रधानमंत्री पद स्वीकार किया।

हम डरने वालों में से नहीं हैं

सोनिया ने 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस को मिली हार का उल्लेख करते हुए कहा, आज हमारे संवैधानिक मूल्यों पर हमला हो रहा है, इसके साथ साथ हमारी पार्टी कई चुनाव हार चुकी है लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं में बेमिसाल साहस जीवित है, हम डरने वालों में से नहीं हैं, हम झुकने वाले नहीं हैं, हमारा संघर्ष इस देश की रुह के लिए संघर्ष है, हम इससे पीछे नहीं हटेंगे।

पद ग्रहण समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, प्रियंका वाड्रा, राबर्ट वाड्रा और कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी आज यहां पार्टी मुख्यालय में अपना नया कार्यभार संभालेंगे। इस अवसर पर पार्टी के लगभग सभी प्रमुख नेता जुटे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रम में राहुल पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष एम रामचंद्रन से पार्टी अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र ग्रहण करेंगे। राहुल गांधी ने कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष एम रामचंद्रन से पार्टी अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने का प्रमाणपत्र प्राप्त किया।

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इस अवसर पर पार्टी के लगभग सभी वरिष्ठ नेता और युवा पीढी के नेता जुटे हैं। देशभर से पार्टी कार्यकर्ता यहां पहुंचे हैं। मुख्य कार्यक्रम पार्टी मुख्यालय के लॉन में हो रहा है।

कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जश्न

राहुल गांधी की बतौर कांग्रेस अध्यक्ष ताजपोशी को लेकर कांग्रेस मुख्यालय के बाहर जश्न का माहौल है। उनके समर्थन में नारे लगाए जा रहे है, पटाखे छोड़े जा रहे हैं, नाच-गाना हो रहा है। खुशी जाहिर करने के लिए मिठाइयां बांटी जा रही हैं।

कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड के बाहर रंगबिरेगे परिधानों में सजे कलाकारों का एक समूह ड्रम बजा रहा है और पंजाबी भांगड़ा धुन पर नाच हो रहा है। हैदराबाद और राजस्थान के कलाकारों के समूह लोकनृत्य पेश कर रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस देश के लिए एक नया संकल्प ले रही है। उन्होंने कहा "आज हम भारत में एक नए आंदोलन का संकल्प ले रहे हैं।"

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करीब सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस पार्टी में भले ही सोनिया गांधी सबसे अधिक समय तक अध्यक्ष पद पर आसीन रही हो किंतु आजादी के बाद पार्टी का नेतृत्व करने वाले कुल 18 नेताओं में से 14 नेहरु-गांधी परिवार से नहीं हैं। राहुल गांधी नेहरु-गांधी परिवार की पांचवीं पीढ़ी के पांचवें ऐसे व्यक्ति हैं जो कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं।

यदि आजादी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नजर डाले तो जवाहरलाल नेहरु ने प्रधानमंत्री रहते समय पांच वर्ष, इंदिरा गांधी भी करीब पांच वर्ष, राजीव गांधी भी करीब पांच वर्ष तथा पीवी नरसिंह राव ने भी करीब चार वर्ष तक इस जिम्मेदारी को संभाला।

कांग्रेस में लालबहादुर शास्त्री एवं मनमोहन सिंह दो ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री तो बने किन्तु वे पार्टी के अध्यक्ष नहीं बन पाए।

आजादी के बाद सोनिया जहां 19 वर्ष तक कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहीं, वहीं इस मामले में दूसरे स्थान पर उनकी सास इंदिरा गांधी रहीं जिन्होंने अलग-अलग बार कुल सात साल तक इस दायित्व को निभाया।

भारत की स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर आसीन रह चुके नेताओं के नाम वर्षवार इस प्रकार हैं : -

  1. आचार्य कृपलानी (1947-1948)
  2. पट्टाभि सीतारमैया (1948-1950)
  3. पुरषोत्तम दास टंडन (1950-1951)
  4. जवाहरलाल नेहरु (1951-1955)
  5. यू. एन. धेबर (1955-1959)
  6. इंदिरा गांधी (1959-1960 तथा 1978-84)
  7. नीलम संजीव रेड्डी (1960-1964)
  8. के. कामराज (1964-1968)
  9. एस. निजलिंगप्पा (1968-1969)
  10. पी. मेहुल (1969-1970)
  11. जगजीवन राम (1970-1972)
  12. शंकर दयाल शर्मा (1972-1974)
  13. देवकांत बरआ (1975-1977)
  14. राजीव गांधी (1985-1991)
  15. कमलापति त्रिपाठी (1991-1992)
  16. पी. वी. नरसिंह राव (1992-1996)
  17. सीताराम केसरी (1996-1998)
  18. सोनिया गांधी (1998-2017)

केरल में कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर केरल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने शनिवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में जश्न मनाया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां आतिशबाजी की और मिठाई बांटकर खुशियां जाहिर कीं। इसी प्रकार प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के पार्टी प्रमुख का पदभार ग्रहण करने पर जश्न मनाया।

केरल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एम. एम. हसन, पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्नीथाला जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का एक समूह राहुल गांधी की ताजपोशी में शरीक होने दिल्ली गया है जबकि पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष थेन्नाला बालकृष्ण पिल्लई, वी. एम. सुधीरन और अन्य लोगों ने दिल्ली में हुए कार्यक्रम को टीवी न्यूज चैनल पर देखा।

यह ऐतिहासिक क्षण है कि राहुल गांधी युवाओं के आदर्श बन गए हैं। हम सब आश्वस्त हैं कि वह पार्टी को बुलंदियों पर ले जाएंगे।
ओमन चांडी पूर्व मुख्यमंत्री केरल

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