जीएसटी, रेरा से थोड़े समय के लिए रियल एस्टेट बाजार में नहीं रहेगी तेजी : रिपोर्ट
Sanjay Srivastava 30 Jun 2017 4:52 PM GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)। रिहायशी रियल एस्टेट के बाजार में अभी तेजी के लिए थोड़े समय के लिए इंतजार करना होगा, क्योंकि रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (रेरा) और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से थोड़े समय के लिए रियल एस्टेट बाजार बाधित होने की संभावना है।
एक रिपोर्ट में यह बात कही गई। केपीएमजी-मैजिकब्रिक्स की 'रेसिडेंटियल रियल एस्टेट : एन इनवेस्टेबल एसेट' रिपोर्ट में कहा गया, "यद्यपि अगली कुछ तिमाहियों में बाजार के जोर पकड़ने की संभावना है।"
इसमें आगे कहा गया, "नोटबंदी के कारण साल 2016 के अंत से ही रियल एस्टेट बाजार में मंदी छाई है। वहीं, रेरा और जीएसटी के कारण भी इसमें अभी थोड़े समय के लिए बाधा उत्पन्न होगी।"
इसमें कहा गया कि रियल एस्टेट क्षेत्र लंबे समय में घर खरीदारों को उनके निवेश पर अच्छा रिटर्न मुहैया कराती है और संभावना है कि यह आगे भी अच्छा प्रदर्शन करेगी, क्योंकि कई सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें ब्याज दरों में कटौती, घर खरीदारों को ब्याज में छूट, मोरगेज पेनेट्रेशन में वृद्धि और रियल एस्टेट क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र के लिए एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के मानदंडों में छूट प्रमुख है।
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इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत के रिहायशी प्रापर्टी बाजार की कीमतें पिछले एक दशक में दोगुनी हो गई है जो वैश्विक स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला बाजार है।
मैजिकब्रिक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर पाई ने बताया, "साल 2030 तक भारत की शहरी आबादी में करीब 36 फीसदी वृद्धि का अनुमान है जो 58 करोड़ हो जाएगी। इससे देश में रिहायशी बाजार में काफी ज्यादा मांग बढ़ने की संभावना है।"
केपीएमजी के पार्टनर और प्रमुख (आसियान कॉरिडोर, बिल्डिंग, कंसट्रक्शन और रियल एस्टेट क्षेत्र) नीरज बंसल ने कहा, "भारत में आवासीय संपत्ति बाजार में विकास के लिए एक मजबूत क्षमता है, जिसकी अगले दशक में काफी मूल्य वृद्धि की संभावना है।"
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