नारद स्टिंग प्रकरण में सीबीआई ने मुकुल, मदन समेत 12 तृणमूल कांग्रेस नेताओं पर एफआईआर दर्ज की
Sanjay Srivastava 18 April 2017 11:43 AM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। नारद स्टिंग प्रकरण में कथित आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई ने राज्यसभा सदस्य मुकुल रॉय और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री मदन मित्रा समेत तृणमूल कांग्रेस के 12 नेताओं पर मामला दर्ज किया है।
इस मामले में ये नेता कैमरे पर कथिततौर पर रुपए लेते हुए कैद हुए थे।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्रियों, तृणमूल के मौजूदा सांसदों समेत पार्टी नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के रिश्वतखोरी और आपराधिक कदाचार से जुड़े आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपियों में एक आईपीएस अधिकारी भी है। इन अपराधों के लिए अधिकतम सजा पांच से सात साल तक की कैद हो सकती है।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने राज्यसभा सदस्य मुकुल रॉय और लोकसभा सांसदों सौगत राय, सुल्तान अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, अपरुपा पोद्दार और प्रसून बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
प्राथमिकी में पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम, परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी, पर्यावरण मंत्री शोभन चटर्जी और पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी के भी नाम हैं। सीबीआई ने कथित अपराध में पूर्व मंत्री मदन मित्रा, विधायक इकबाल अहमद और आईपीएस अधिकारी सैयद मुस्तफा हुसैन मिर्जा को भी आरोपी बनाया है।
पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न समाचार चैनलों पर नारद स्टिंग के टेप प्रसारित किए गए थे, जिनमें भविष्य में फायदा पहुंचाने के एवज में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कथिततौर पर लोगों से पैसे लेते हुए देखा गया।
नारदन्यूज डॉट कॉम पोर्टल ने टेप प्रसारित किए थे, जिसके बाद भाजपा ने चुनावों के दौरान ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने टेपों के मामले में प्रारंभिक जांच करने का आदेश सीबीआई को दिया था।
पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसने 17 मार्च को राहत देने से मना कर दिया और सीबीआई को यदि जरुरत हो तो प्राथमिकी दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया था। टेप नारद न्यूज डॉट कॉम पर चलाए गए जिसके सीईओ मैथ्यू सैमुअल हैं।
स्टिंग ऑपरेशन करीब दो साल तक चले और एक पत्रिका में उन्हें प्रकाशित करने की योजना थी जिसमें सैमुअल काम कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस दोबारा राज्य की सत्ता पाने में तो सफल रही लेकिन टेपों ने उसके नेताओं की समस्या और बढ़ा दी, जिनमें से कई नेता पहले ही चिट फंड घोटाले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे थे। प्रारंभिक जांच के दौरान सीबीआई ने छह अप्रैल को एजेंसी के मुख्यालय में सैमुअल से पांच घंटे तक पूछताछ कर विस्तृत जानकारी ली थी।
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