कोरोना इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की नई गाइड लाइंस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
India Science Wire 9 Jun 2021 6:51 AM GMT
देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के नये मामले अब तेजी से कम हो रहे हैं। मई के महीने में जहाँ रोजाना चार लाख से अधिक नये केस सामने आ रहे थे, तो वहीं अब यह संख्या घटकर एक लाख के आसपास रह गई है।
ऐसे में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों के इलाज के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत एंटी-पाइरेटिक और एंटी-ट्यूसिव को छोड़कर अन्य सभी दवाओं के सेवन से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
इन दिशा-निर्देशों के अनुसार बिना लक्षण व हल्के लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टरों की ओर से दी जाने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंक, मल्टी-विटामिन और अन्य दवाओं को बंद कर दिया है। इस प्रकार के मरीजों को बुखार के लिए एंटी-पायरेटिक और सर्दी जुकाम के लक्षण वाले मरीजों को एंटी-ट्यूसिव ही दी जाएगी।
जिन मरीजों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं हैं, उनके लिए कोई दवाई नही बताई गई है, बशर्ते वे किसी अन्य बीमारी से ग्रसित न हों। जो हल्के लक्षण वाले मरीज हैं, उन्हें खुद से ही बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन लेवल की निगरानी करने को कहा गया है।
Hello @Ameesh33212940,
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 8, 2021
"The Guidelines released by the Government of India have simplified the #COVID19 treatment to a large extent" says Dr. N. K. Arora, Chairman, COVID-19 Working Group, NTAGI. #COVIDCharcha https://t.co/NvNTHy6SL3 pic.twitter.com/PO7HrfJb9M
इसके साथ ही, डॉक्टरों को मरीजों के गैर-जरूरी टेस्ट बंद करने के लिए भी कहा है, जिसमें सीटी स्कैन को भी शामिल किया गया है, और कोरोना मरीजों और उनके परिजनों को एक-दूसरे से फोन या वीडियो-कॉल के जरिये सकारात्मक बातें करने और एक-दूसरे से जुड़े रहने का भी सुझाव भी दिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन्स में पौष्टिक आहार पर भी जोर दिया है, ताकि इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सके, और दवाओं का कम से कम सेवन कर मरीज ठीक हो सकें। इसके साथ ही, कहा गया है कि मधुमेह के प्रत्येक रोगी को मधुमेह आधारित आहार शुरू करना चाहिए और आहार चार्ट में बताए गए समय और मात्रा का सख्ती से पालन करना चाहिए।
दिशा-निर्देशों में बताया गया है कि वैक्सीनेशन के लिए उन्हीं केंद्रों का चुनाव किया जाना चहिए, जो व्यवस्थित हों, जिसमें व्हील-चेयर, बैठने की व्यवस्था, पीने के पानी और शौचालय की सुविधा सहित बुजुर्गों और अलग-अलग विकलांग नागरिकों के प्रवेश और निकास की सुविधा हो।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीनेशन के समय दिव्यांग लाभार्थियों की देखभाल करने वाले या फिर परिवार के सदस्य को साथ अंदर जाने की अनुमति दी जा सकती है। लाभार्थियों को टीकाकरण स्थल पर मार्गदर्शन करने के लिए सुविधाओं में संकेत भी सुनिश्चित किए जाने चाहिए।
टीकाकरण सत्र के लिए योजना तैयार करने की जिम्मेदारी टास्क फोर्स की होगी। टीकाकरण के लिए कम से कम 20-30 और अधिकतम 100-120 लाभार्थियों के लिए एक टीम बनायी जाएगी। यदि एक दिन में 100-120 से अधिक लाभार्थियों को एक साइट पर टीका लगाया जाना है, तो दूसरी टीकाकरण टीम को तैनात किया जा सकता है।
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