छोटे बच्चों में गणित जैसे विषयों की समझ बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम निपुण भारत को लॉन्च किया गया है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का प्रत्येक बच्चा 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक मूलभूत साक्षरता और संख्या गणना कौशल आवश्यक रूप से प्राप्त कर सके।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल लॉन्च के दौरान कहा कि निपुण भारत का उद्देश्य 3 से 9 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की सीखने की जरूरतों को पूरा करना है। शिक्षकों को बुनियादी भाषा के विकास के लिए हर बच्चे की साक्षरता और संख्यात्मक कौशल पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि उन्हें बेहतर पाठकों और लेखकों के रूप में विकसित करने में मदद मिले। इस तरह निपुण भारत ने बुनियादी चरण में ही सीखने के अनुभव को समग्र, एकीकृत, समावेशी, सुखद और आकर्षक बनाने की परिकल्पना की है।
पोखरियाल ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने निपुण भारत के तहत एक व्यापक दिशा-निर्देश विकसित किया है। इसे लचीला और सहयोगी बनाने के लिए भागीदारों, विशेषज्ञों के साथ श्रृंखला रूप में गहन परामर्श किया गया है।
Hon’ble Education Minister @DrRPNishank will be launching the National Initiative for Proficiency in reading with Understanding and Numeracy (NIPUN) Bharat under the Atma Nirbhar Programme today! #NEP2020 #NIPUNBharat pic.twitter.com/9LaEtSTxB9
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) July 5, 2021
निपुण भारत में राष्ट्रीय, राज्य, जिला, ब्लॉक और स्कूल स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वयन व्यवस्था करने के लिए मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक के प्रमुख तकनीकी पहलुओं के साथ-साथ प्रशासनिक पहलुओं को शामिल किया गया है। 2021-22 में फाउंडेशनल स्टेज के लिए विभिन्न उपायों को लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समग्र शिक्षा योजना के तहत 2688.18 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है।
इसकी अनूठी विशेषता यह है कि मिशन के लक्ष्यों को लक्ष्य सूची या मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के लिए लक्ष्य के रूप में स्थापित किया जाता है। समग्र उद्देश्य ग्रेड 3 के अंत तक वांछित सीखने के परिणामों को प्राप्त करना है, माता-पिता, समुदाय, स्वयंसेवकों आदि के बीच अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए, लक्ष्य को बाल वाटिका से ग्रेड 3 तक विकसित किया गया है। लक्ष्य एनसीईआरटी और अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान व ओआरएफ अध्ययन द्वारा विकसित सीखने के परिणामों पर आधारित हैं। उदाहरण के लिए एक बच्चे को उसकी उम्र के हिसाब से अपरिचित पाठ-सामग्री को पूरी समझ और स्पष्टता के साथ क्रमशः प्रति मिनट45 से 60 शब्द और ग्रेड II व III के अंत तक कम से कम 60 शब्दों को सही ढंग से पढ़ने में सक्षम होना चाहिए।
निपुण भारत की सफलता मुख्य रूप से शिक्षकों पर निर्भर करेगी। इसलिए शिक्षकों के क्षमता निर्माण पर विशेष जोर दिया जाएगा। एनसीईआरटी द्वारा निष्ठा के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के लिए एक विशेष पैकेज तैयार किया जा रहा है और पूर्व प्राथमिक से प्राथमिक ग्रेड में पढ़ाने वाले लगभग 25 लाख शिक्षकों को एफएलएन पर इस वर्ष प्रशिक्षित किया जाएगा।
निपुण भारत मिशन की परिकल्पना
प्राथमिक कौशल बच्चों को कक्षा में रखने में सक्षम बनाते हैं जिससे बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को कम किया जा सकता है और प्राथमिक से उच्च प्राथमिक व माध्यमिक चरणों में पढ़ाई छोड़ने की दर में कमी आती है।
गतिविधि आधारित लर्निंग और सीखने के अनुकूल माहौल से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
इस तरह के खिलौना आधारित और अनुभवात्मक सीखने के रूप में अभिनव अध्यापन कला कक्षा कार्य मेंइस्तेमाल की जाएगी जिससे सीखना एक खुशहाल और आकर्षक गतिविधि रहे।
शिक्षकों की सघन क्षमता निर्माण से उन्हें सशक्त बनाया जाएगा और अध्यापन कला चुनने के लिए अधिक स्वायत्ता प्रदान की जाएगी।
शारीरिक औरसामाजिक-भावनात्मक विकास, साक्षरता और संख्यात्मक विकास, संज्ञानात्मक विकास, जीवन कौशल आदि जैसे परस्पर संबंधित और परस्पर निर्भरविकास के विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके बच्चे का समग्र विकास प्रगति कार्ड में परिलक्षित होगा।
बच्चे तेजी से सीखने की गति हासिल करेंगे जिसका बाद के जीवन के परिणामों और रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
लगभग हर बच्चा प्रारंभिक ग्रेड में शामिल होता है इसलिए उस स्तर पर ध्यान देने से सामाजिक-आर्थिक अलाभकारी समूह को भी लाभ होगा जिससे समान और समावेशी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित होगी।
इस प्रकार निपुण भारत अपने स्कूलों, शिक्षकों, माता-पिता और समुदायों के साथ-साथ छात्रों को हर संभव तरीके से बच्चों की वास्तविक क्षमता को प्राप्त करने और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करने के लिए समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए परिकल्पित है।