नीति अयोग की संचालन परिषद की हुई बैठक, किसानों की आय दोगुनी करने पर चर्चा
गाँव कनेक्शन 15 Jun 2019 11:29 AM GMT
नई दिल्ली/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शनिवार को नीति आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक शुरू हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा सूखे की स्थिति, कृषि क्षेत्र का संकट और नक्सल प्रभावित जिलों में सुरक्षा को लेकर चिंता है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री कर रहे हैं। नई मोदी सरकार के कार्यकाल में यह संचालन परिषद की पहली बैठक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक की शुरुआत में अपने संबोधन में कहा, ''सबका साथ सबका विकास के मंत्र को पूरा करने में नीति आयोग (NITI Aayog) की भूमिका अहम है। हम सामूहिक रूप से गरीबी, बेरोजगारी, सूखा, बाढ़, प्रदूषण, भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ लड़ेंगे। 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है, लेकिन निश्चित रूप से इसे हासिल किया जा सकता है। राज्यों को अपनी क्षमता को पहचानना चाहिए और जिला स्तर से जीडीपी लक्ष्यों को सही करने की दिशा में काम करना चाहिए।''
पीएम ने कहा, ''अब हम प्रदर्शन, पारदर्शिता और वितरण की विशेषता वाली एक शासन प्रणाली की ओर बढ़ रहे हैं। योजनाओं का ऑन-ग्राउंड कार्यान्वयन महत्वपूर्ण है। मैं गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों से ऐसा सेटअप बनाने में मदद करने का अनुरोध करता हूं, जो काम करे और जिसपर लोगों का विश्वास हो।''
बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री नर्मिला सीतारमण और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हैं। बैठक के एजेंडा में वर्षा जल संचयन, आकांक्षी जिला कार्यक्रम, कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव के मुद्दे भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली संचालन परिषद के सदस्यों में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, संघ शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और वरष्ठि सरकारी अधिकारी शामिल हैं।
PM at NITI Aayog meeting: Union Government's commitment to double incomes of farmers by 2022 requires focus on fisheries, animal husbandry, horticulture, fruits&vegetables. Benefits of PM-KISAN-KisanSammanNidhi-&other farmer centric schemes should reach beneficiaries within time pic.twitter.com/4qXH0jhRuc
— ANI (@ANI) June 15, 2019
बैठक में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ भी भाग ले रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। ममता का कहना है कि नीति आयोग के पास राज्यों की योजनाओं के समर्थन के लिए वित्तीय अधिकार नहीं हैं, ऐसे में इस तरह की बैठक की कवायद बेकार है।
संचालन परिषद की बैठक में पिछली बैठकों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाती है और साथ ही भवष्यि की विकास से संबंधित प्राथमिकताएं तय की जाती हैं। अभी तक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संचालन परिषद की चार बैठकें हो चुकी हैं। संचालन परिषद की पहली बैठक आठ फरवरी, 2015 को हुई थी जिसमें प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के लिए प्रमुख कामकाज तय किए थे। इनमें सहकारिता के संघवाद को बढ़ावा देना और राज्यों की सक्रिय भागीदारी के जरिये राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना प्रमुख रूप से शामिल है।
#NITIAayog has a key role to play in fulfilling the mantra of Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka Vishwas. We shall collectively fight against poverty, unemployment, drought, flood, pollution, corruption and violence: PM @narendramodi at #FifthGCM https://t.co/MNGIwsrwov pic.twitter.com/D2tXcut0ZF
— NITI Aayog (@NITIAayog) June 15, 2019
संचालन परिषद की दूसरी बैठक 15 जुलाई, 2015 को हुई थी जिसमें मुख्यमंत्रियों के तीन उप समूहों और दो कार्यबलों की प्रगति की समीक्षा की गई। इसी तरह संचालन परिषद की तीसरी बैठक 23 अप्रैल, 2017 को हुई जिसमें मोदी ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव साथ साथ कराने तथा वत्ति वर्ष को जनवरी-दिसंबर करने पर बल दिया था। संचालन परिषद की चौथी बैठक 17 जून, 2018 को हुई थी जिसमें किसानों की आमदनी दोगुना करने और सरकार की प्रमुख योजनाओं में हुई प्रगति के उपायों पर विचार विमर्श किया गया।
इनपुट- भाषा
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