इन लोगों को नहीं मिलेगा प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 6000 रुपए का लाभ
गाँव कनेक्शन 12 Jun 2019 11:51 AM GMT
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री किसान निधि योजना का लाभ देश के हर किसान को मिलेगा। भारत सरकार इस फैसले को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन नई योजना के तहत कुछ लोगों को इस योजना से बाहर रखा गया है।
योजना के तहत हर किसानों को तीन किस्तों में 6000 रुपए का सीधा फायदा मिलेगा। ये पैसे लाभार्थी किसान के बैंक खाते में जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने 31 मई की पहली मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया था। वर्ष 2019 के आम चुनाव में भाजपा ने इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई रैलियों में सभी किसानों को पीएम किसान निधि से लाभ देने का वादा किया था। अब योजना का लाभ सभी किसानों को मिलेगा बेशक उनके पास कितनी की जमीन हो।
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8 जून को इस फैसले को अधिसूचित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों लाभार्थियों की पहचान करने को कहा है। राज्यों को यह भी पहचान करनी होगी कि कौन से लोग इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं।
इस योजना का लाभ जिन लोगों को नहीं मिल सकेगा उनमें संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार, राज्य / केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
डॉक्टर, इंजीनियर और वकील के साथ-साथ 10,000 रुपये से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों और अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले पेशेवरों को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है। अंतरिम बजट में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री-किसान योजना की घोषणा की गई थी। इसके तहत दो हेक्टेयर तक की जोत वाले अनुमानत: रूप से 12.5 करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष (तीन बराबर किस्तों में) 6,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे।
संशोधित योजना के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में इस पर अनुमानित रूप से 87,217.50 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। साथ ही इसके दायरे में दो करोड़ और किसानों को लाया जाएगा। केंद्र ने राज्य सरकारों को "मौजूदा भूमि स्वामत्वि प्रणाली" का उपयोग करने के लिए कहा है ताकि लाभार्थियों की पहचान की जा सके और पीएम-किसान पोर्टल पर परिवार के विवरण अपलोड होने के बाद लाभ का अंतरण किया जा सके।
इसमें कहा गया है कि पात्र लाभार्थी किसानों की पहचान करने और पीएम-किसान पोर्टल पर उनका विवरण अपलोड करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकारों की है। मंत्रालय ने कहा, "सभी राज्य / केन्द्र शासित प्रदेशों को, संशोधित योजना के अनुसार पात्र लाभार्थियों की शत-प्रतिशत गणना एवं उनकी सूचीबद्धता करने के काम में तेजी लाने का अनुरोध किया जाता है ताकि किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।"
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सरकार ने अब तक 3.66 करोड़ लाभार्थियों के नामों को सूचीबद्ध किया है। इनमें से 3.03 करोड़ लाभार्थियों को 2,000 रुपये की पहली किस्त दी जा चुकी है तथा दो करोड़ को दूसरी किस्त भी मिल चुकी है।
इन इन लोगों को नहीं मिलेंगे साल में 6,000 रुपए
-संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार
-संस्थागत भूमि के मालिक
-राज्य / केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी
-डॉक्टर, इंजीनियर और वकील
-10 हजार रुपए से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगी।
-अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले पेशेवरों को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है। (इनपुट भाषा)
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