आपके PF खाते में होने वाला है यह बड़ा बदलाव, आंगनवाड़ी और मिड-डे मिल वर्कर्स को भी पीएफ !

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आपके PF खाते में होने वाला है यह बड़ा बदलाव, आंगनवाड़ी और मिड-डे मिल वर्कर्स को भी पीएफ !प्रतीकात्मक फ़ोटो 

नई दिल्ली (भाषा)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ईटीएफ की यूनिटों को कमर्चारी के पीएफ खातों में दिखाने की तैयारी कर रहा है। अग्रिम निकासी के समय कर्मचारी इन यूनिटों को भी भुना सकेंगे। ईपीएफओ ने इस योजना पर नियंत्रक एवं महा लेखापरीक्षक (कैग) की राय मांगी है। एक अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के अंत तक ईटीएफ में ईपीएफओ की ओर से निवेश की हुई राशि 45,000 करोड़ रुपये के स्तर को छू लेगी।

केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वीपी जॉय ने बताया कि कैग इस पर जल्द ही अपनी टिप्पणी दे सकता है। कैग के विचार मिलने के बाद इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए ईपीएफओ के सर्वोच्च निर्णायक निकाय केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) के समक्ष रखा जाएगा। श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले सीबीटी की बैठक अगले महीने हो सकती है। जॉय ने कहा, ‘हमें अब तक ईटीएफ से कोई रिटर्न नहीं लिया है।

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अब तक हम इसे अपने अंशधारकों को ही देते आए हैं। अब हमने यह व्यवस्था तैयार की है, जिसे लेकर कैग से विमर्श चल रहा है। इसका नतीजा सामने आने के बाद मंजूरी दिलाने और लागू करने के लिए हम सीबीटी के समक्ष ले जाएंगे। इस प्रस्ताव को सीबीटी की पिछली बैठक में भी रखा गया था, लेकिन फैसला टाल दिया गया था।’

ईपीएफओ ने अगस्त, 2015 में ईटीएफ में निवेश की शुरुआत की थी। प्रारंभ में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते की राशि से पांच प्रतिशत इस मद में निवेश किया जाता था। चालू वित्त वर्ष में इसे 15 फीसद कर दिया गया है। अब कर्मचारी के पीएफ खाते की 15 फीसद राशि ईटीएफ के मद में निवेश की जाती है। नई व्यवस्था को मंजूरी मिलने के बाद इस राशि से खरीदी गई यूनिटें कर्मचारी के पीएफ खाते में दिखने लगेंगी। पीएफ खाते से लोन लेते समय कर्मचारियों को इन यूनिटों को भी भुनाने का विकल्प मिलेगा। कर्मचारी भविष्य निधि की निकासी और अग्रिम निकासी से जुड़े सभी नियम इन ईटीएफ यूनिटों पर भी लागू होंगे। वर्तमान समय में ईपीएफओ से करीब पांच करोड़ लोग जुड़े हैं। यह संगठन 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के फंड का प्रबंधन करता है।

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आंगनवाड़ी और मिड-डे मिल वर्कर्स को भी पीएफ

देश में काम कर रहीं लाखों आंगनबाड़ी, आशा और मिड डे मील वर्कर्स को जल्द ही प्रॉविडेंट फंड का फायदा मिल सकता है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस बारे में एक प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। ईपीएफओ के इस प्रस्ताव के पास होने से करीब 62 लाख वर्कर्स को फायदा होगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी सीबीटी मेंबर के मुताबिक आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को पीएफ की सुविधा मुहैया कराने को लेकर एक प्रस्ताव रखा है गया है। जिसपर सरकार जल्द फैसला कर सकता है। ट्रेड यूनियन भारतीय मजदूर संघ के महासचिव और सीबीटी मेंबर के मुताबिक आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को पीएफ बेनेफिट दिलाने के का प्रस्ताव सीबीटी के एजेंडे में शामिल किया गया था।

सैलरी की बात करें तो दिल्ली में फिलहाल आंगनबाड़ी वर्कर्स की सैलरी 9 हजार के करीब है। जबकि हेलपर्स को करीब 4000 रुपए तक मिलते हैं। जिसमें 900 रुपए प्रतिमाह केंद्र सरकार के हिस्से का होता है। इसके अलावा ५०० रुपए तक मोबाइल के लिए भी मिलता है। उम्मीद है कि ईपीएफओ और सरकार इस बारे में जल्द ही खुशखबरी दे सकती है।

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सरकार जता चुकी है सहमति

केंद्र सरकार ने पिछले साल भारतीय मजदूर संघ की मांगों पर विचार विमर्श के दौरान आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स को पीएफ का फायदा दिए जाने की मांग को सहमति जताई थी। वित्त मंत्रालय ने इस पर एक्सपर्ट कमेटी का गठन भी किया था। मौजूदा समय में ईपीएफओ के सक्रिय मेंबर्स की संख्या लगभग 4.5 करोड़ है। ईपीएफओ ने जनवरी 2017 से जून, 2017 के बीच में लगभग 1 करोड़ नए मेंबर्स अपने साथ जोड़े हैं। ईपीएफओ लगभग 8 लाख करोड़ रुपए के पीएफ फंड का प्रबंधन कर रहा है।

     

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