रेलवे ने शुरू की वैकल्पिक कैटरिंग व्यवस्था, अब ट्रेन में जरूरी नहीं होगा खाना लेना 

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   27 July 2017 1:10 PM GMT

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रेलवे ने शुरू की वैकल्पिक कैटरिंग व्यवस्था, अब ट्रेन में जरूरी नहीं होगा खाना लेना भारतीय रेल

लखनऊ। रेलवे के खाने को लेकर हाल ही में जारी की गई नियंत्रक एवं लेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पर काफी बवाल मचा था। अभी ये विवाद थमा नहीं था कि दिल्ली से कोलकाता जा रही पूर्वा एक्सप्रेस में एक यात्री के खाने से छिपकली मिलने की खबर सामने आई है। इन सभी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने ट्रेनों में वैकल्पिक कैटरिंग व्यवस्था लागू कर दी है।

ट्रेनों में वैकल्पिक कैटरिंग व्यवस्था की शुरुआत सात राजधानी, छह शताब्दी और पांच दूरंतो ट्रेनों से की गई है। इनके यात्रियों को बुकिंग के वक्त बताना होगा कि उन्हें खाना चाहिए या नहीं। यदि वे नहीं का विकल्प अपनाएंगे तो उनके किराए में कैटरिंग का शुल्क नहीं जोड़ा जाएगा।

ऑडिट के लिए दो कंपनियों का हुआ चयन

रेलवे बोर्ड के सदस्‍य (ट्रैफि‍क) मोहम्‍मद जमशेद कहा कि हमनें फूड स्‍टॉल और पैंट्री कार का थर्ड पार्टी ऑडिट करने के लिए दो प्रतिष्ठित कंपनियों को नियुक्‍त किया है। इसके अलावा रेलवे बेस किचन में फूड क्‍वालिटी और साफ-सफाई की जांच के लिए तीन हफ्ते का एक विशेष अभियान भी चला रहा है। इसके तहत 88 ट्रेनों तथा 100 फास्ट फूड ज्वाइंट्स में खानपान सेवाओं का थर्ड पार्टी ऑडिट कराया जाएगा। फूड सर्ट तथा बैक्सिल नामक निजी कंपनियों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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हर वर्ष तीन ठेके किए गए रद्द

रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मोहम्मद जमशेद ने बताया कि खाने को लेकर कैग की रिपोर्ट तथा यात्रियों की शिकायतों के मद्देनजर दोषी ठेकेदार के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को सख्त कर दिया गया है। जहां पिछले तीन सालों में हर साल औसतन तीन ठेके रद्द किए गए थे।

छह महीने में 12 ठेके किए गए रद्द

2017 में जनवरी से जून तक छह महीनों में ही 12 ठेके रद्द किए जा चुके हैं। इन ठेकों की अवधि 2019 तक थी। रेलवे के खाने में छिपकली, कैटरर का ठेका रद्दहावड़ा से दिल्ली आ रही एक ट्रेन में परोसे गए वेज बिरयानी में छिपकली मिलने के बाद रेल मंत्रालय ने बुधवार को कैटरर का ठेका रद्द कर दिया।

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खाने में निकली छिपकली, यात्री की तबियत बिगड़ी

इंडियन रेलवे के मुताबिक बिरयानी में छिपकली मिलने का मामला पूर्वा एक्सप्रेस में सामने आया। ट्रेन नंबर 12303 के फर्स्ट क्लास में यात्रा कर रहे वकील संतोष कुमार सिंह ने अपने लिए वेज बिरयानी का ऑर्डर किया। उन्हें बिरयानी में छिपकली दिखी। इसके बाद उन्होंने कैटरिंग स्टाफ को इसकी जानकारी दी और बिरयानी की फोटो भी ट्वीट करते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु को टैग कर दी। बाद में इस यात्री की तबीयत खराब होने पर उसे दवा भी दी गई। रेलवे मंत्रालय के प्रवक्ता एके सक्सेना ने बताया कि भोजन की खराब गुणवत्ता और अधिक रुपए लिए जाने के प्रति रेलवे की शून्य सहिष्णुता की नीति के अनुरप रेल प्रशासन ने हावड़ा-नयी दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस के लिए कैटरिंग ठेकेदार आर के एसोसिएट्स का ठेका रद्द कर दिया।

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इंसानों के खाने लायक नहीं खाना: कैग रिपोर्ट

कैग रिपोर्ट में साफतौर पर बताया गया कि रेलवे स्टेशनों पर जो खाने-पीने की चीजें परोसी जा रही हैं, वो इंसानों के खाने के लायक ही नहीं हैं। डिब्बाबंद और बोतलबंद चीजों को एक्सपायरी डेट के बावजूद बेचा जा रहा है। ठेके बांटने के दौरान भी घोटाला किया गया। यहां तक कि खाने को गंदगी से बचाने के लिए कवर करने से स्टाफ आंखे मूंद रहा है। इसके अलावा ट्रेन में बिक रही चीजों के बिल न दिए जाने और फूड क्वॉलिटी में कई तरह की खामियों की भी शिकायतें हैं।

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