मंगलवार से फिर लौट सकता है ऑड-ईवन, अगर एनजीटी दिल्‍ली सरकार की पुनर्विचार करती है मंजूर

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मंगलवार से फिर लौट सकता है ऑड-ईवन, अगर एनजीटी दिल्‍ली सरकार की पुनर्विचार करती है मंजूरप्रतीकात्मक तस्वीर  साभार इंटरनेट

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के महिलाओं और दो पहिया वाहनों को ऑड-ईवन के दौरान छूट नहीं देने चलते दिल्‍ली सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है, लेकिन दिल्‍ली सरकार मंगलवार से दोबारा ऑड-ईवन लागू कर सकती है अगर एनजीटी उनकी पुनर्विचार याचिका पर महिलाओं और दोपहिया वाहनों को छूट देने के लिए तैयार हो जाती है।

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दोपहिया वाहनों और महिलाओं को छूट ना दिए जाने से ऑड-ईवन को लागू करने में दिक्कत आएगी, क्योंकि हमारे पास पर्याप्त बसें नहीं हैं। दिल्ली सरकार सोमवार को इस संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में अपील करेगी।

वहीं, शनिवार सुबह एनजीटी (नेशनल ग्रीन टिब्यूनल) ने केजरीवाल सरकार को कहा कि इस बार ऑड-इवेन फॉर्मूले में किसी को छूट नहीं मिलनी चाहिए, जबकि, सरकार महिलाओं को और दोपहिया चालकों को इस नियम से छूट देना चाहती थी।

केजरीवाल सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए एनजीटी ने इस योजना के तहत केवल आपातकालीन वाहनों को ही छूट देने की बात कही। एनजीटी द्वारा योजना को सशर्त मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोपहर को अपने निवास पर आपात बैठक बुलाई। इसमें अधिकांश मंत्रियों व अधिकारियों ने फिलहाल फैसला वापस लेने का सुझाव दिया। इससे पहले सत्ता पक्ष के विधायक भी सरकार से फैसला रद करने की मांग अलग-अलग तरीके से कर चुके थे।

सोमवार को एनजीटी के पास जाएगी दिल्ली सरकार

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि दिल्ली सरकार सोमवार को फिर से एनजीटी के पास जाएगी और निवेदन करेगी कि महिलाओं और दोपहिया चालकों के मामले में पिछली बार दी गई छूट को इस बार भी जारी रहने दिया जाए। एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में लगभग लाख दोपहिया वाहन रोजाना चलते हैं। अगर इतनी बड़ी तादाद को ऑड-इवेन के दायरे में लाया गया तो राजधानी में यातायात की गंभीर समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा महिलाओं को भी ऑड- इवेन के दायरे में लाने पर उनके साथ सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। दिल्ली सरकार फिलहाल इस तरह की कोई परेशानी मोल लेना नहीं चाहती है।

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नहीं हैं पर्याप्त बसें

दिल्ली में अभी करीब चार हजार डीटीसी की बसें चलती हैं। 10 बसें कलस्टर सेवा के अंतर्गत चलती हैं। इन बसों में करीब 35 लाख लोग रोज सफर करते हैं। औसतन एक बस यात्रियों को सफर कराती है। दोपहिया बंद होने से करीब 35 लाख लोग रोज पैदल होंगे। इस हिसाब से 4400 और बसों की फौरन जरूरत होगी। ऐसा नहीं होने पर एक बस में औसतन 1700 लोग सफर करेंगे। इससे बस में चढ़ने वालों की भीड़ बढ़ेगी। भीड़ बढ़ने से कानून व्यवस्था बनाए रखने की समस्या खड़ी हो सकती है।

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