यूपी में शादी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं आप? नहीं हो पाएगा!
Ranvijay Singh 3 Aug 2019 11:53 AM GMT
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले रवि प्रकाश सिंह (29 साल) की शादी पिछले साल 25 जून को हुई। करीब एक साल के विवाह बंधन को हंसी खुशी गुजारने के बाद अब रवि अपनी शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए परेशान चल रहे हैं।
क्योंकि उत्तर प्रदेश में 2017 से ही विवाह का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में एक जागरूक नागरिक होने के नाते रवि ने भी अपने विवाह का पंजीकरण कराने का फैसला लिया।
जैसा कि उत्तर प्रदेश में विवाह के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रकिया शुरू की गई थी, जिसका इस्तेमाल कर लोग आसानी से अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करा सकें। इस बात की जानकारी रवि को भी थी। रवि 2019 के अप्रैल महीने में अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन कराने वेबसाइट https://igrsup.gov.in/igrsup/defaultAction.action पर गए।
रवि के एक दोस्त ने उन्हें बताया था कि यहां उन्हें और उनकी पत्नी को अपने-अपने आधार नंबर दर्ज करने होंगे, इसके बाद उनके फोन पर एक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। इस ओटीपी को दर्ज करने के बाद उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर शादी के रजिस्ट्रेशन का प्रमाण पत्र जनरेट कर दिया जाएगा। ये इतनी आसान सी प्रक्रिया थी।
रवि जब इस वेबसाइट पर गए तो वहां शादी के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए जैसे ही क्लिक किया तो वहां लिखा हुआ आया- ''तकनीकी समस्या के कारण यह सेवा अस्थायी रूप से बंद कर दी गई है। कार्यालय आधारित विवाह पंजीकरण कराने हेतु नहीं के विकल्प का चयन करें।''
रवि गांव कनेक्शन से फोन पर बताते हैं, ''शादी का ऑनलाइन पंजीकरण अभी पिछले साल (2018) तक सही चल रहा था। यह कुछ महीनों से ऑनलाइन शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा रहा। ऐसे में मेरा भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है।''
रवि आगे कहते हैं, ''मुझे ऑनलाइन व्यवस्था के बंद होने के पीछे जो वजह समझ आ रही है वो है कि शादी का रजिस्ट्रेशन कराने जब मैं गोरखपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय गया तो वहां मुझसे इसके लिए 6 हजार रुपए मांगे गए। अब आप समझ सकते हैं कि शादी के पंजीकरण की फीस मात्र 50 रुपए है और मुझसे 6 हजार रुपए देने की बात की गई। इसमें वकील से लेकर कार्यालय में बैठे बाबू तक शामिल हैं। यह एक वजह हो सकती है कि ऑनलाइन प्रकिया को जानबूझ कर बंद किया गया हो।''
शादी के रजिस्ट्रेशन शुल्क की बात करें तो नियम के अनुसार शादी होने के एक साल के अंदर अगर शादी का पंजीकरण कराया जाए तो उसका शुल्क मात्र 10 रुपए है। वहीं, एक साल के बाद इसका शुल्क 50 रुपए है, जो कि हर साल के साथ बढ़ता जाएगा। जैसे अगर शादी के दो साल के बाद पंजीकरण कराया गया तो इसका शुल्क 50*2= 100 रुपए होगा।
रवि की बात को जांचने के लिए जब गांव कनेक्शन की टीम लखनऊ के रजिस्ट्रार ऑफिस गई तो वहां एक वकील ने शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 5 हजार रुपए की मांग की। इस वकील का कहना था कि आप खुद देखेंगे कि कहां-कहां पैसा दिया जा रहा है। लेकिन 5 हजार देने में असमर्थता जताने पर इसी वकील ने शादी का रजिस्ट्रेशन 3 हजार में कराने को कहा, साथ ही यह शर्त रखी कि शपथ पत्र से लेकर और दूसरी कागजी कार्यवाही का खर्च अलग से देना होगा। वकील ने शादी के कार्ड से लेकर एफिडेविट और मार्कशीट तक की एक लिस्ट भी थमा दी, जिसे कार्यालय में शादी के रजिस्ट्रेशन कराने के वक्त लाना होगा।
क्या है नियम?
नियम के अनुसार विवाह पंजीकरण के तहत आधार आधारित विवाह पंजीकरण की भी व्यवस्था की गई है। इसमें अगर दोनों पक्षकारों (पति-पत्नी) के आधार, मोबाइल नंबर से लिंक हैं तो विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें कार्यालय आने की जरूरत नहीं है। लेकिन फिलहाल तो यूपी में ऑनलाइन शादी का रजिस्ट्रेशन कराना संभव नहीं लगता। इसके लिए कार्यालय जाना ही है, जहां नेग के नाम पर कई हजार वसूले जा रहे हैं।
इस बारे में जब स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के महानिरीक्षक निबन्धन के ऑफिस में संपर्क करने की कोशिश की गई तो वहां फोन रिसीव नहीं हो पाया।
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