इस साल सस्ता हो सकता है चावल, बारिश से धान के बंपर उत्पादन की उम्मीद

Ashwani NigamAshwani Nigam   14 July 2017 2:22 PM GMT

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इस साल सस्ता हो सकता है चावल, बारिश से धान के बंपर उत्पादन की उम्मीदयह बारिश खरीफ की मुख्य फसल धान के लिए वरदान साबित हो रही है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हो रही भारी मानसूनी बरसात से इस साल बंपर अनाज उत्पादन होने की संभावना है। बहुत सालों बाद ऐसी स्थति आई है जब खरीफ की बुवाई के समय उत्तर प्रदेश के सभी हिस्सों से सामान्य से भी ज्यादा बरसात हो रही है। यह बारिश खरीफ की मुख्य फसल धान के लिए वरदान साबित हो रही है।

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कृषि अनुसंधान संस्थान के परिषद के महानिदेशक राजेन्द्र कुमार बताया '' खरीफ के इस सीजन में उत्तर प्रदेश में अभी तक 230.1 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है जो सामान्य वर्षा 182.8 मिलीमीटर से 26 प्रतिशत ज्यादा है। इस बरसात से ख्ररीफ की फसलों की बुवाई में तेजी आ गई है। अगर ऐसी ही बरसात होती रही तो प्रदेश सरकार ने 194.62 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे प्राप्त किया जा सकता है। ''

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सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक हुई बारिश

बुधवार को मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह की 13वीं बैठक में कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश् में कुल औसत वर्षा 261.5 मिलीमीटर हुई जो सामान्य वर्षा 201.6 से 30 प्रतिशत अधिक है, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुल औसत वर्षा 182.2 मिलीमीटर हुई जो सामान्य वर्षा 154 मिलीमीटर से 18 प्रतिशत ज्यादा है।

नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के एग्रीकल्चर मेट्रोलाजी विभाग के वैज्ञानिक प्रोफेसर डा. ए.के. सिंह ने बताया '' उत्तर प्रदेश में सामान्य वर्षा से सबसे अधिक फायदा धान की फसल को हा रहा है। अधिक बुवाई होगी तो निश्चित तौर पर पैदावार भी अधिक होगी। ''

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अच्छी बरसात से खरीफ की अच्छी बुवाई हो रही है इसकी पुष्टि कृषि विभाग के आंकड़े भी कर रहे हैं। पूरे प्रदेशभर में खरीफ बुवाई की 12 जुलाई तक जो आंकड़े मिले हैं उसके मुताबिक खरीफ बुवाई के लक्ष्य 91.58 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 24.58 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है जो लक्ष्य का 26.84 प्रतिशत है। धान की नर्सरी अपने तय लक्ष्य 3.97 लाख हेक्टेयर की तुलना में 3.76 लाख हेक्टेयर में डाली जा चुकी है, जो लक्ष्य का 94.76 प्रतिशत है। धान की बुवाई भी अपने लक्ष्य 59.66 लाख हेक्टेयर की तुलना में 15.90 लाख हेक्टेयर में की जा चुकी है, जो लक्ष्य का 26.66 प्रतिशत है।

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खरीफ में मक्का की बुवाई तय लक्ष्य 7.27 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 3.83, ज्वार 1.82 लाख हेक्टेयर की जगह 0.52 लाख हेक्टेयर, बाजरा तय लक्ष्य 9.07 लाख के मुकाबले 1.38 लाख हेक्टेयर, उर्द अपने लक्ष्य 5.94 लाख हेक्टेयर की तुलना में 0.82 लाख, अरहर तय लक्ष्य 3.37 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 1.20 लाख हेक्टेयर, मूंगफली 0.95 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 0.24 लाख हेक्टेयर, सोयाबीन लक्ष्य 0.20 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 0.04 लाख हेक्टेयर ओर तिल तय लक्ष्य 2.75 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 0.46 लाख हेक्टेयर में बुवाई की जा चुकी है। पिछले खरीफ सीजन में 13 जुलाई तक इतनी बुवाई नहीं हुई थी।

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खरीफ का सीजन जून-जुलाई से शुरू होकर नवंबर तक जाता है। उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने खरीफ सीजन में पिछले साल के मुकाबले फसलों की बुवाई का क्षेत्रफल और खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले साल इस सीजन में 91.44 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हुई थी इस बार 91.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले साल खरीफ में 185.11 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था, जबकि इस बार 194.62 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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