संसद में वायु प्रदूषण पर चर्चा, पर्यावरण मंत्री बोले- 7 पेड़ लगाकर बनाएं अपना ऑक्सीजन बैंक
गाँव कनेक्शन 22 Nov 2019 11:19 AM GMT
लोकसभा में नियम 193 के अधीन वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा हुई। इस चर्चा में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पर्यावरण के लिए एक जन आंदोलन की जरूरत है। लोग जितने पेड़ लगाएं उतना ही बेहतर है। जिंदगी में जितनी सांसे लेते हैं, उसके लिए 7 पेड़ काफी हैं। तो आज हम अगर संकल्प लें कि हम कम से कम 7 पेड़ लगाएं तो हर कोई अपना ऑक्सीजन बैंक खुद बना सकता है।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ''हमें विकास और पर्यावरण की रक्षा दोनों को साथ में रखकर काम करना है। दिल्ली का मेट्रो आप देख रहे हैं। 2003 में पहली लाइन बनी थी। 274 स्टेशन हैं, 50 लाख लोग ट्रैवल करते हैं। कुछ पेड़ काटने पड़े, लेकिन हमारी पॉलिसी है कि एक पेड़ काटो तो 5 लगाने पड़ेंगे। वो पेड़ भी बढ़े, जंगल भी बढ़ा और पॉल्युशन भी कम हुआ। यही सस्टेनेबल मॉडल है। हमने जंगल बढ़ाने का लक्ष्य भी रखा था। केवल दो देश का ग्रीन कवर बढ़ रहा है, जिसमें एक भारत है इसका हमें गर्व होना चाहिए।''
पर्यावरण मंत्री ने कहा, ''ऐसा क्यों होता है कि गंगा के क्षेत्र में पॉल्युशन ज्यादा है। इसके पीछे का कारण है कि गंगा के क्षेत्र में नमी रहती है, हिमालय से भी नमी आती है। इसके बाद हवा के दबाव से दिक्कत पैदा हो जाती है। हमने पर्यावरण को लेकर कई काम किए हैं। इंडस्ट्री पर काम किया। बदरपुर पॉवर प्लॉन्ट बंद कर दिया। अन्य उद्योगों को नए मानक दिए। 2800 उद्योग सीएनजी पर शिफ्ट हुए। 40 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे। उज्जवला स्कीम लाए। इलेक्ट्रिक व्हीकल लेकर आए।''
चार साल में अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 80000 मेगावाट उत्पादन होने लगा हैः । एक लाख 75 हजार मेगावाट बिजली अक्षय ऊर्जा स्रोतों से करने के लक्ष्य की घोषणा पर किसी को भरोसा नहीं हुआः प्रकाश जावड़ेकर, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री#WinterSession #शीतकालीनसत्र #Rule193 pic.twitter.com/L5WhAtWGNn
— Lok Sabha TV (@loksabhatv) November 22, 2019
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ''2020 में देश भर में बीएस 6 ग्रेड का ईंधन मिलने लगेगा। इससे प्रदूषण काफी कम होगा। हमने सिटी स्पेसफिक प्लान बनाया। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम तैयार किया। हर सिटी का प्लान अलग बन रहा है। हर सिटी का पॉल्युशन कम हो ऐसी कल्पना है। इसमें लोगों की भी भूमिका है। लोग जितने पेड़ लगाएं उतना ही बेहतर है। जिंदगी में जितनी सांसे लेते हैं, उसके लिए 7 पेड़ काफी हैं। तो आज हम अगर संकल्प लें कि हम कम से कम 7 पेड़ लगाएं तो हर कोई अपना ऑक्सीजन बैंक खुद बना सकता है। स्कूल में हम नर्सरी शुरू कराने वाले हैं। ताकि बच्चे अपना पेड़ लगाएं और रिजल्ट के साथ पुरस्कार के रूप में उसे लेकर जाएं और अपने घर पर लगाएं या उसके आसपास कहीं लगाएं।''
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ''पटाखों की बात है तो इस बार पिछले वर्षों की तुलना में कम पटाखे फोड़े गए हैं। बच्चे भी कह रहे हैं कि हमें पटाखे नहीं चाहिए। यह नई शुरुआत है। लोगों का भी सहयोगा चाहिए, जैसे- प्लास्टिक का इस्तेमाल न करना, आसपास के काम के लिए साइकिल इस्तेमाल करना। पर्यावरण के लिए एक जन आंदोलन की जरूरत है। वहीं, सरकार भी काम करेगी। अगर बीजिंग में 15 साल लगा तो हम उससे कम समय में इसे मात देंगे, मिलकर मात देंगे। भारत जलवायु परिवर्तन में भी नेतृत्व करेगा और पॉल्युशन से भी जल्द मुक्ति पाएगा।''
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