करीब आठ अरब रुपए की बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर सिंचाई परियोजना के उद्घाटन से पहले कैनाल की दीवार टूटी

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   20 Sep 2017 5:14 PM GMT

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करीब आठ अरब रुपए की बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर सिंचाई परियोजना के उद्घाटन से पहले  कैनाल की दीवार टूटीबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार।

पटना (आईएएनएस)। बिहार के भागलपुर में करोड़ों रुपए की लागत से बना बटेश्वरस्थान गंगा पंप नहर सिंचाई परियोजना के उद्धाटन से पहले ही कैनाल की दीवार टूट जाने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का उद्धाटन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।

इस बीच, उद्घाटन के पूर्व ही कैनाल के टूट जाने पर भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष जहां सरकार पर निशाना साध रहा है, वहीं सरकार सफाई में दीवार के पुराने होने की बात कह रही है। बिहार और झारखंड़ में किसानों के लिए सिंचाई के लिए पानी व्यवस्था करने के लिए भागलपुर जिले के बटेश्वरस्थान में गंगा नदी पर करीब 800 करोड़ रुपए की लागत से इस परियोजना को तैयार किया गया है। उद्घाटन के पूर्व इस परियोजना की मंगलवार को जांच की जा रही थी कि पानी के अत्याधिक दबाव के कारण कैनाल की एक दीवार टूट गई, जिससे पानी आसपास के इलाके में फैल गया है।

गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को भागलपुर जाने वाले थे, जहां करीब 40 साल बाद पूरी हुई बहुप्रतीक्षित बटेश्वरस्थान पंप नहर परियोजना का उद्धाटन करना था। कैनाल की दीवार टूट जाने के कारण उनका कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।

इधर, परियोजना के उद्धाटन के पूर्व ही दीवार टूट जाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को ट्वीट कर कहा, "जल संसाधन विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा है। मुख्यमंत्री जी, इस विभाग के भ्रष्टाचार पर ना जाने क्यों चुप रहते हैं?"

उल्लेखनीय है कि बिहार में जल संसाधन मंत्री ललन सिंह हैं, जो नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं। इधर, राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने इस मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अपने अंदाज में कहा, "जल संसाधन मंत्री ललन सिंह कहते हैं कि बिहार में बाढ़ चूहे के कारण आ गई थी तो क्या यह कैनाल घड़ियाल आकर तोड़ दिया। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि सरकार में नैतिकता समाप्त हो गई है।

इधर, जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि इस योजना की स्वीकृति वर्ष 1977 में मिली थी और काम 1979 में प्रारंभ हुआ। इस क्रम में वर्ष 1985 से 1988 के बीच कैनाल बनाने का काम पूरा कर लिया गया, परंतु परियोजना प्रारंभ नहीं हो सकी।

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उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार ने इस योजना के मशीनीकरण का काम किया। इसी क्रम में उद्घाटन के पूर्व मंगलवार को पांच पंप एक साथ चालू कर दिए गए और कैनाल में पानी भर गया। पानी का दबाव के कारण कैनाल की दीवार एक जगह पर टूट गई।

उन्होंने दीवार टूटने के कारणों के विषय में बताया कि कैनाल की दीवार पुरानी हो गई थी, इस कारण भी टूट हो सकता है। उन्होंने हालांकि कहा कि अब इसकी मरम्मत करा दी गई है।

करीब 40 साल पूर्व इस योजना पर काम प्रारंभ किया गया था। इस योजना के सरजमीं पर उतर जाने से भागलपुर में 18620 हेक्टेयर तथा झारखंड के गोड्डा जिला की 4038 हेक्टयर भूमि सिंचित होगी। इस योजना पर अब तक 828 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च की जा चुकी है।

                      

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