आडवाणी राष्ट्रपति न बन सकें बाबरी मामले का ट्रायल प्रधानमंत्री की सोची समझी राजनीति का हिस्सा: लालू यादव
Sanjay Srivastava 19 April 2017 4:05 PM GMT
पटना (भाषा)। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने आज आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका मंजूर करने और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षड़यंत्र के आरोप को बहाल किया जाना आडवाणी का नाम राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से काटे जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ‘एक सोची समझी राजनीति' हिस्सा है।
पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए लालू ने आरोप लगाया कि जबसे राष्ट्रपति पद के लिए आडवाणी के नाम की चर्चा शुरू हुई है, सीबीआई ने स्वयं उच्चतम न्यायालय में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का आडवाणी और अन्य के खिलाफ ट्रायल शुरू कराए जाने का आग्रह किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से आडवाणी का नाम काट दिए जाने के लिए यह नरेंद्र मोदी की ‘एक सोची समझी राजनीति' का हिस्सा है।
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अपने दलील को साबित करने के लिए लालू ने आरोप लगाया कि यह सर्वविदित है कि सीबीआई वही करती है जो केंद्र सरकार चाहती है क्योंकि सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन आती है। लालू ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ खतरनाक राजनीतिक खेल खेलने में भाजपा अपने पराए के बीच भी कोई फर्क नहीं रखती।
राजद प्रमुख उच्चतम न्यायालय के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका मंजूर करने और भाजपा के वरिष्ठ नेतागण लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के आरोप को आज बहाल किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे।
लालू ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के अवसर पर पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में भाजपा द्वारा ‘किसान कुंभ' के आयोजन पर प्रहार करते हुए उसपर एक हाथ से गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने तथा दूसरे हाथ से उनके हत्यारे नाथूराम गोड्से को सलामी देने का आरोप लगाया।
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