इस स्टेशन को पार करने के लिए जान दांव पर लगाते हैं सैकड़ों लोग 

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इस स्टेशन को पार करने के लिए जान दांव पर लगाते हैं सैकड़ों लोग मालगाड़ी के नीचे से निकलती महिला।

दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे को देश की धड़कन कहा जाता है। लेकिन यही रेल की पटरियां कई इलाकों में लोगों के मुसीबत भी बनती है, मध्य प्रदेश से हमारे पाठक नीरज केशरवानी ने अपने इलाके की लोगों की समस्या कुछ ऐसे बताई है।

भारतीय रेल यूं तो अपने यात्रियों की सुविधा को लेकर सतर्कता के दावे करती है लेकिन कई जगह ऐसे रेलवे स्टेशन भी हैं जहां पर फुट ओवरब्रिज नहीं है। ऐसी स्थिति में उन स्टेशनों पर यात्रियों को पटरी पार करके ही दूसरे प्लेटफार्म पर जाना पड़ता है। यात्रियों के अलावा आम नागरिकों के पास भी पटरियां पार करने के अलावा और कोई चारा नहीं होता। ऐसे हालात हमेशा किसी अनहोनी को न्यौता देते लगते हैं। कुछ ऐसी ही तस्वीर है वेंकटनगर रेलवे स्टेशन की।

इस रेलवे स्टेशन के आस-पास के 10-12 गांवों के लोग रोज इसे पार करते हैं। स्टेशन के दोनों ओर आबादी होने के कारण रेलवे लाइन क्रास करना लोगों की मजबूरी है। दूसरी तरफ, यह स्टेशन बिलासपुर-कटनी रेलखण्ड के बीच में है इसलिए यहां ट्रेन यातायात का भारी दबाव रहता है।इसी वजह से अक्सर यहां मालगाड़ी भी खड़ी रहती है।

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चूंकि, इसी स्टेशन से होकर लोगों का ऑफिस, अस्पताल व बच्चों का स्कूल आना-जाना है। अक्सर मालगाड़ी खड़ी होने के कारण लोग मालगाड़ी पर चढ़कर या उसके नीचे से निकल कर एक छोर से दूसरे छोर पर जाते हैं। कई बार तो गाड़ियों के नीचे से निकलने के कारण लोग घायल तक हो चुके हैं।पटरियों के दोहरी करण के कारण वेंकटनर स्टेशन में दो प्लेटफार्म का निर्माण किया गया था लेकिन फुट ओवरब्रिज नहीं बनाया गया।

फुट ओवरब्रिज न होने के कारण बिलासपुर से कटनी की ओर जाने वाली सारी पैंसेंजर गाड़ी प्लेटफार्म नंबर दो पर खड़ी होने लगी है। टिकट काउंटर एक नंबर प्लेटफार्म पर होने के कारण अगर यात्री को दो नंबर प्लेटफार्म से ट्रेन पकड़नी है तो उसके लिए उन्हें पटरी पार करके ही जाना पड़ता है।

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मैं स्किल वे पब्लिक स्कूल में पढता हूं ,हम लोगों के स्कूल जाने का यही रास्ता है यहां पर हमेशा मालगड़िया खड़ी रहती हैं अब तो हम लोगो की ट्रेन के नीचे से निकले की आदत हो गई है।
निखिल सेन, छात्र

डीआरएम के संज्ञान में है मामला

फुट ओवरब्रिज की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने डीआरएम समेत आलाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही दिया गया। शायद विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है।

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अभी हमारे जितने भी हाईलेवल वाले प्लेटफार्म हैं उसमें वेंकटनगर भी शामिल है वहां जल्द ही फुटओवर ब्रिज का निर्माण होना है।
अंबिकेश साहू, जनसंपर्क निरीक्षक, बिलापुर मण्डल

स्थानीय निवासी आरबी मिश्रा का कहना है कि हम लोगों को अनुपपुर, शहडोल व कटनी जाने के लिये प्लेटफॅार्म नंबर एक से प्लेटफॅार्म नंबर दो पर जाना पड़ता है। ओवर ब्रिज न होन के कारण हमें ट्रैक पर खड़ी गाडियों के नीचे से निकलना पड़ता है। कभी-कभी हमारी ट्रेन तक छूट जाती है जिससे यात्रियों के साथ काफी समस्या हो जाती है।

वहीं बुजर्ग महिला यात्री कुसुम तिवारी ने बताया कि ट्रेन पकड़ने के लिये इस-पार से उस पार जाने के लिए ट्रेन के नीचे से निकलने में काफी दिक्कत होती है। अगर ओवर ब्रिज बन जाये तो हम बुजर्गों को काफी सहूलियत हो जाएगी।

ख़बर हमारे पाठक नीरज केशरवानी द्वारा दिए गए तथ्यों पर आधारित है।

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