प्रधानमंत्री ने दलहनों की सरकारी खरीद की समयसीमा एक हफ्ते बढ़ाई

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प्रधानमंत्री ने दलहनों की सरकारी खरीद की समयसीमा एक हफ्ते बढ़ाईसूरत में मोदी ने जल को फूल चढ़ाया।

बाजीपुरा (तापी)। देश भर में किसानों को राहत देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सरकार ने दलहनों की सरकारी खरीद की अंतिम तिथि को एक सप्ताह के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। यहां एक विशाल जन सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अधिक तुअर दाल उगाने की अपनी अपील को स्वीकार करने के लिए किसानों को धन्यवाद भी दिया।

वर्ष 2014 में कार्यभार संभालने के कुछ ही दिनों के भीतर दालों की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर आड़े हाथ लेने के लिए प्रधानमंत्री ने विपक्षियों पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष देर से मानसून आने के कारण दलहन फसलों की बुवाई और कटाई में देर हुई। इसलिए हमने पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दलहनों की खरीद करने का फैसला किया है। मोदी ने कहा कि हाल ही में किसानों ने मुझे ज्ञापन सौंपा तथा किसानों से दलहन की खरीद करने की सरकार द्वारा तय समयसीमा को बढ़ाए जाने की मांग की।

उन्होंने कहा, "उन्होंने अपील की कि 15 अप्रैल के बाद भी नाफेड द्वारा की जा रही खरीद को रोका न जाये। आज मैं घोषणा करता हूं कि हमने इस समयसीमा को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है। इससे उन सभी किसानों को सुविधा होगी जिनकी फसल अभी भी काटी जा रही है। अपनी सरकार के आरंभिक दिनों की याद करते हुए मोदी ने शुरू में दालों की दाम में वृद्धि के लिए उनकी नवनिर्वाचित भाजपा नीत सरकार पर आरोप लगाने के लिए विपक्षी दलों पर करारा प्रहार किया।

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उन्होंने कहा कि कार्यभार संभालने (वर्ष 2014 में) के एक सप्ताह के भीतर मुझे पसंद नहीं करने वाले लोगों ने दाल की कीमत में वृद्धि के लिए मेरी आलोचना शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि हमारे विजयमाला के फूल सूखने के पहले ही हमलोगों पर आरोप लगाया गया। जबकि मूल्यवृद्धि हमें विरासत में मिली थी। इसके आवजूद हमारे उपर गरीबों की थाली से दाल को छीनने का आरोप लगाया गया। मोदी ने कहा, "उस समय मैंने किसानों से मूंग, अरहर और तुअर जैसी दलहनों की खेती पर ध्यान केन्द्रित करने की अपील की।

आज मैं अपनी अपील को स्वीकार करने के लिए किसानों को धन्यवाद देता हूं क्योंकि इस बार हमारे पास दलहन की भारी फसल हुई है। इसने न केवल कई लोगों को जुबान को बंद कर दिया है बल्कि लोगों को भी सस्ती दालें मिल रही हैं। प्रधानमंत्री यहां सुरत जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक यूनियन के पशुचारा संयंत्र का उद्घाटन करने आये थे। यह सुमूल डेयरी के नाम से चर्चित है। मोदी ने यहां सुमूल डेयरी द्वारा नवी पारदी गांव में बनाये गये आइसक्रीम संयंत्र का भी उद्घाटन किया तथा ‘रिमोट कंट्रोल' के जरिये उक्त डेयरी कंपनी की विभिन्न अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

उन्होंने किसानों से सहकारी मॉडल में विभिन्न अन्य गतिविधियों को शुरू करने की अपील की जैसे कि सौर उर्जा पैनलों की स्थापना, बायो गैस संयंत्रों का निर्माण और शहद उत्पादन इत्यादि। सुमूल की विभिन्न परियोजनाओं के अलावा मोदी ने आदिवासी बाहुल्य वाले नर्मदा, तापी और सूरत जिलों के लिए 958 करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजनाओं के लिए सांकेतिक शिलान्यास भी किया। मोदी ने तापी जिले के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में पाईपलाईन नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 440 करोड़ रुपए की परियोजना का उद्घाटन भी किया। इस परियोजना को गुजरात सरकार की महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकीय उपलब्धता करार देते हुए मोदी ने कहा कि देश के कई भाग अभी भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि ये पाइपलाईन इतना बडा है कि आप इसमें अपनी कार चला सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है

        

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