पीएम किसान सम्मेलन 2022: दिवाली से पहले किसानों को मिले कई तोहफे

प्रधानमंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया, साथ ही 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों का शुभारंभ किया और पीएम-किसान निधि से 16,000 करोड़ रुपये जारी किए।

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नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) का भी शुभारंभ किया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र एक उर्वरक का भी शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किस्त भी जारी की। प्रधानमंत्री ने कृषि स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने उर्वरक पर एक ई-पत्रिका 'इंडियन एज' का भी विमोचन किया।

सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आज यहां इस मंत्र को जीवंत रूप में देख सकते हैं। किसान सम्मेलन किसानों के जीवन को आसान बनाने, उनकी क्षमता को बढ़ाने और उन्नत कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने का एक माध्यम है।

प्रधानमंत्री ने रसायन व उर्वरक मंत्रालय के तहत 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) का उद्घाटन किया। इस योजना के तहत देश में खुदरा खाद की दुकानों को चरणबद्ध तरीके से पीएमकेएसके में बदला जाएगा। पीएमकेएसके किसानों की विभिन्न प्रकार की जरूरतों को पूरा करेंगे और कृषि सामग्री (उर्वरक, बीज, उपकरण), मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करेंगे; किसानों के बीच जागरूकता पैदा करेंगे; विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे और ब्लॉक/जिला स्तर के आउटलेट पर खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण सुनिश्चित करेंगे। 3.3 लाख से ज्यादा खुदरा उर्वरक दुकानों को पीएमकेएसके में बदलने की योजना है।

प्रधानमंत्री ने 'प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- एक राष्ट्र, एक उर्वरक' को भी लॉन्च किया। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री, भारत यूरिया बैग लॉन्च करेंगे जो कंपनियों को सिंगल ब्रांड नेम 'भारत' के तहत उर्वरकों की मार्केटिंग में मदद करेंगे।

इस कार्यक्रम के दौरान किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की निरंतर प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किश्त राशि भी जारी की। इस योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को 6000 रुपये का लाभ प्रति वर्ष, 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में प्रदान किया जाता है। अब तक पात्र किसान परिवारों को पीएम-किसान के अंतर्गत 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के लाभ मिल चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने इसके अलावा कृषि स्टार्टअप कॉन्क्लेव और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। लगभग 300 स्टार्टअप यहां पर प्रीसिजन फार्मिंग, पोस्ट-हार्वेस्ट एंड वैल्यू एड सॉल्यूशंस, संबंद्ध खेती, वेस्ट टू वेल्थ, छोटे किसानों के लिए मशीनीकरण, सप्लाई चेन मैनेजमेंट और एग्री-लॉजिस्टिक से संबंधित अपने इनोवेशन का प्रदर्शन करेंगे। यह मंच स्टार्टअप्स को किसानों, एफपीओ, कृषि-विशेषज्ञों, कॉरपोरेट्स आदि के साथ बातचीत करने की सुविधा प्रदान करेगा। स्टार्टअप भी अपने अनुभव साझा करेंगे और तकनीकी सत्रों में अन्य हितधारकों के साथ बातचीत करेंगे।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने उर्वरक पर एक ई-पत्रिका 'इंडियन एज' का भी शुभारंभ किया। ये घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी जिसमें हालिया घटनाक्रमों, मूल्य रुझानों के विश्लेषण, उपलब्धता और खपत और किसानों की सफलता की कहानियां शामिल होंगी।

पीएम ने आगे कहा, "आज 600 से अधिक प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों की शुरुआत हो रही है। ये केंद्र न केवल उर्वरक के लिए बिक्री केंद्र हैं बल्कि देश के किसानों के साथ एक घनिष्ठ नाता जोड़ने वाला एक तंत्र हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की नई किस्त के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना किसी बिचौलिए को शामिल किए पैसा सीधे किसानों के खातों में पहुंचता है।

पीएम मोदी ने दिवाली से ठीक पहले किसानों तक धनराशि पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में करोड़ों किसान परिवारों को 16,000 करोड़ रुपये की एक और किस्त भी जारी की गई है।"

मेहनती किसानों को अत्यधिक लाभान्वित करने वाले कदमों के बारे में प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तरल नैनो यूरिया उत्पादन में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि नैनो यूरिया कम लागत में अधिक उत्पादन करने का माध्यम है। इसके लाभ बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरिया से भरी एक बोरी का स्‍थान अब नैनो यूरिया की एक बोतल ले सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इससे यूरिया की परिवहन लागत में भी काफी कमी आएगी।

प्रधानमंत्री ने भारत की उर्वरक सुधार की कहानी में दो नए उपायों का उल्‍लेख किया। सबसे पहले देश भर में 3.25 लाख से अधिक उर्वरक दुकानों को 'प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों' के रूप में विकसित करने का एक अभियान आज शुरू किया जा रहा है। ये ऐसे केंद्र होंगे जहां किसान न केवल उर्वरक और बीज खरीद सकते हैं बल्कि मिट्टी परीक्षण भी करा सकते हैं और कृषि तकनीकों के बारे में उपयोगी जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। दूसरे, 'एक राष्ट्र, एक उर्वरक' से किसान को खाद की गुणवत्ता और उसकी उपलब्धता को लेकर फैली हर तरह की भ्रांति से मुक्ति मिलने वाली है।

प्रौद्योगिकी आधारित आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने की समय की जरूरत पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें कृषि में नई प्रणालियां सृजित करनी होंगी, खुले दिमाग से अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी विधियों को भी अपनाना होगा। इसी सोच के साथ हमने कृषि में वैज्ञानिक विधियों को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अभी तक 22 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए जा चुके हैं और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले बीज उपलब्ध कराने के लिए भी वैज्ञानिक प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 वर्षों के दौरान किसानों को बदली हुई जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल लगभग 1700 नई किस्मों के बीज उपलब्ध कराए गए हैं।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्तर पर बाजरे के बारे में बढ़ती जिज्ञासा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "हमारे यहां जो पारंपरिक मोटा अनाज-बाजरा होता है, उनके बीजों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी आज देश में अनेक हब बनाए जा रहे हैं।" पूरे विश्व में भारत के मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि अगले वर्ष को मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष भी घोषित किया गया है।

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