पीएम किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए कितनी मददगार?

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
पीएम किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए कितनी मददगार?

- रमनदीप सिंह मान

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट मीटिंग में पीएम किसान सम्मान निधि के दायरे को बढ़ाने की घोषणा की। इस योजना में अब सभी किसानों को शामिल कर लिया गया जिससे इसका दायरा 12.5 करोड़ किसानों से बढ़कर 14.5 करोड़ किसानों तक हो गया।

इसका अर्थ यह हुआ कि अब हर साल प्रत्येक किसान को 6 हजार रूपये तीन अलग-अलग किश्तों में दिए जाएंगे। इस हिसाब से 2019-20 में इस योजना के तहत कुल 87,217.5 करोड़ रूपये खर्च होंगे। किसानों के लिए यह योजना स्वागत के योग्य है लेकिन सवाल यह है कि क्या किसानों के लिए यह योजना मददगार साबित होगी, जिनकी आय दिन प्रति दिन कम होती चली जा रही है।

उदाहरण के तौर पर इस साल हरियाणा में किसानों पर सरसो की फसल बेचने पर एक तय सीमा लगा दी। सरकारी निर्देश के अनुसार किसान सिर्फ 6.5 क्विंटल सरसो बाजार में बेच सकता है। जबकि इस साल हरियाणा में प्रति एकड़ 11 क्विंटल सरसो का उत्पादन हुआ था।


इसकी वजह से किसानों को सरसो खुले बाजार में कम भाव पर बेचना पड़ा। जिसकी वजह से उन्हें प्रति क्विंटल 700 रूपये का नुकसान हुआ। किसानों का इस कारण 7800 रूपये प्रति हेक्टेयर का नुकसान हुआ। तो सवाल यह उठता है कि यह 6000 रूपये किस तरह से किसानों की मदद करेंगे यदि उनको एक सीजन में ही प्रति हेक्टेयर 7800 रूपये का नुकसान हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए पीएम किसान पेंशन योजना की भी घोषणा की। इस योजना के तहत 60 साल के हो चुके छोटे और सीमांत किसानों को 3000 रूपये प्रति माह पेंशन दिये जाने की बात कही गई है। सरकार ने इस योजना के तहत तीन सालों के लिए 10,774.50 करोड़ रूपये आवंटित किये हैं। इस योजना का लाभ 5 करोड़ किसानों को होना है।

इस पेंशन योजना के तहत 18 साल के किसानों को 55 रूपये, 29 साल के किसानों को 100 रूपये और 40 साल के किसानों को 200 रूपये प्रतिमाह प्रीमियम के रूप में जमा करने होंगे। इस तरह से एक 29 साल का लघु और सीमांत किसान जब 31 साल तक हर महीने 100 रूपये जमा करेगा तो 60 साल की उम्र तक 8 प्रतिशत के ब्याज के तहत उसके पास 1.5 लाख रूपये इकट्ठा हो सकते हैं।


वहीं सरकार की इस पेंशन योजना के तहत इस योजना का लाभ 60 साल के ऊपर के किसानों को मिलेगा। भारत में लोगों की औसत आयु 65 साल है। इस तरह से देखा जाए तो प्रत्येक किसान को इस योजना का लाभ महज 5 साल तक ही मिल सकेगा और सरकार का इसमें योगदान महज 30 हजार का ही रहेगा।

दूसरी बात, अगर कोई 40 साल का किसान अभी इस योजना के लिए अपना नाम देता है तो उसे इसका लाभ 20 साल बाद 2039 में ही मिलेगा। जिस किसान के लिए हर एक दिन अनिश्चितिता से भरा हो क्या वह किसान 20 साल आगे की बात सोचेगा?

सरकार की यह चालकी पेपर पर तो दिखती है लेकिन जमीन पर टिकने वाली नहीं है। किसानों की दशा सुधारने का एकमात्र उपाय है कि उन्हें तय समय पर उनके फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिले। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में निवेश को बढ़ाया जाए जिससे किसानों को सीधा लाभ मिले। सरकार को किसानों को उद्यमी बनने के लिए भी प्रोत्साहित करना होगा जिससे बिचौलियो को मिलने वाला पैसा सीधे किसानों के हक में आए।

(यह लेखक के अपने विचार हैं)

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.