नए कल्चर से किसानों की आय दोगुना करेगी सरकार
Mithilesh Dhar 20 Feb 2018 7:44 PM GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस एग्रीकल्चर 2022 कार्यक्रम में कहा कि ये सरकार किसानों के लिए है। उन्होंने इसके साथ ही बताया कि किसानों के विकास के लिए सरकार ने चार अलग-अलग स्तरों पर फोकस किया और नए कल्चर से किसानों की आय दोगुना करने की बात कही।
नेशनल कॉन्फ्रेंस एग्रीकल्चर 2022 कार्यक्रम को दूसरे दिन संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष तो हमारे किसानों के परिश्रम से खाद्यान्न और फल-सब्जियों का उतना उत्पादन हुआ है, जितना पहले कभी नहीं हुआ। ये हमारे देश के किसानों का सामर्थ्य है कि सिर्फ एक साल में देश में दाल का उत्पादन लगभग 17 मिलियन टन से बढ़कर लगभग 23 मिलियन टन हो गया है। पीएम ने आगे कहा कि किसान की उन्नति हो, किसान की आमदनी बढ़े, इसके लिए ‘बीज से बाजार तक’ फैसले लिए जा रहे हैं। उत्पादन में आत्मनिर्भरता के इस दौर में, पूरे इको सिस्टम को किसानों के लिए हितकारी बनाने का काम किया जा रहा है।
चार अलग-अलग स्तरों पर फोकस
पीएम ने बताया कि किसानों के विकास के लिए सरकार ने चार अलग-अलग स्तरों पर फोकस किया है।
- पहला- ऐसे कौन-कौन से कदम उठाए जाएं जिनसे खेती पर होने वाला उनका खर्च कम हो?
- दूसरा- ऐसे कौन-कौन से कदम उठाए जाएं जिससे उन्हें अपनी पैदावार की उचित कीमत मिले?
- तीसरा- खेत से लेकर बाजार तक पहुंचने के बीच फसलों-फलों-सब्जियों की जो बर्बादी होती है, उसे कैसे रोका जाए?
- चौथा- ऐसा क्या कुछ हो जिससे किसानों की अतिरिक्त आय हो।
किसानों को कर्ज लेना हुआ आसान
पीएम ने कहा कि किसानों को अलग-अलग संस्थाओं और बैंकों से कर्ज मिलने में दिक्कत न हो इसके लिए पिछले तीन वर्ष में कर्ज दी जाने वाली राशि साढ़े 8 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर अब इस बजट में 11 लाख करोड़ रुपए कर दी गई। उन्होंने आगे कहा कि सोलर एनर्जी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किसानों की आय बढ़ाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले तीन साल में सरकार ने लगभग पौने तीन लाख सोलर पंप किसानों के लिए स्वीकृत किए हैं। लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इससे डीजल पर होने वाले खर्च की भी काफी बचत हुई है।
देश के अलग-अलग हिस्सों में अब इस तरह की मुहिम जोर पकड़ रही है जो कृषि अपशिष्ट (Agriculture Waste) से धन (Wealth) के लिए काम कर रही है। जूट अपशिष्ट (Coir Waste) हो, नारियल के गोले (Coconut Shells) हों, बांस अपशिष्ट (Bamboo Waste) हो, फसल कटने के बाद खेत में बचा residue हो, इन सभी से आमदनी बढ़ सकती है। कृषि क्षेत्र किस तरह से चलता है, सरकार उस व्यवस्था को बदल रही है। नए कल्चर की स्थापना की जा रही है। यही कल्चर 2022 तक संकल्प से सिद्धि की हमारी यात्रा को पूरा करेगा। जब गांवों का उदय होगा, तभी भारत का भी उदय होगा। जब किसान सशक्त होगा, तो देश भी सशक्त होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत न सिर्फ प्रीमियम कम किया है बल्कि इंश्योरेंस का दायरा भी बढ़ाया है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य को मिलकर काम करना होगा। सरकार ने गन्ने से तैयार एथनाल को पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक मिलाने की मंजूरी दे दी है ताकि कसानों की आय बढ़ायी जा सके।
पीएम ने कहा कि यूरिया की सौ प्रतिशत नीम कोटिंग की वजह से यूरिया की उपलब्धता बढ़ी है और ये सामने आ रहा है कि अब उतनी ही जमीन के लिए किसानों को कम यूरिया डालना पड़ता है। कम यूरिया डालने की वजह से पैसे की बचत और ज्यादा पैदावार की वजह से अधिक कमाई। ये बदलाव यूरिया की नीम कोटिंग से आ रहा है।
अनाज की पैदावार बढ़ रही
पीएम ने कहा, सॉयल हेल्थ कार्ड की वजह से अनाज की पैदावार बढ़ रही है। देश के 19 राज्यों में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि सॉयल हेल्थ कार्ड के आधार पर खेती करने की वजह से केमिकल फर्टिलाइजर के इस्तेमाल में 8 से 10 प्रतिशत की कमी आई है और उत्पादन में भी 5 से 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
साल के अंत तक लगभग 50 सिंचाई योजनाएं पूरी
उन्होंने आगे कहा, सरकार ने तय किया कि दो-तीन दशकों से अटकी हुईं देश की 99 सिंचाई परियोजनाओं को तय समय में पूरा किया जाएगा। इसके लिए 80,000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया। इस साल के अंत तक लगभग 50 योजनाएं पूरी हो जाएंगी और बाकी अगले साल तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, जो काम 25-30 साल से अटका हुआ था, वो हम 25-30 महीने में पूरा कर रहे हैं। पूरी होती हर सिंचाई परियोजना देश के किसी न किसी हिस्से में किसान का खेती पर होने वाला खर्च कम कर रही है। अब तक 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को माइक्रो इरिगेशन के दायरे में लाया जा चुका है।
ऑपरेशन ग्रीन्स का मिलेगा फायदा
इस बजट में जिस ऑपरेशन ग्रींस का ऐलान किया है, वो भी नई सप्लाई चेन व्यवस्था से जुड़ा है। जैसे देश में दूध के क्षेत्र में अमूल मॉडल बहुत कामयाब रहा, लाखों किसानों की आय बढ़ाने वाला रहा, वैसे ही ऑपरेशन ग्रीन्स टमाटर, प्याज और आलू उगाने वाले किसानों के लिए लाभकारी रहेगा।
खेत में बैठकर देश के बाजार का हाल जान पाएगा किसान
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ग्राम (GrAM) के तहत देश के 22 हजार ग्रामीण हाटों को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड किया जाएगा और इन्हें एपीएमसी (APMC) और ई-नाम (e-Nam) प्लेटफॉर्म के साथ इंटीग्रेड कर दिया जाएगा। खेत के 5-15 किलोमीटर के दायरे में किसान के पास ऐसी व्यवस्था होगी, जो उसे देश के किसी भी मार्केट से कनेक्ट कर देगी। किसान निर्माता संगठन (Farmer Producer Organization- FPO) को बढ़ावा दे रही है।
किसान अपने क्षेत्र में अपने स्तर पर छोटे-छोटे संगठन बनाकर भी ग्रामीण हाटों और बड़ी मंडियों से जुड़ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा "जो काम 25-30 साल से अटका हुआ था, वो हम 25-30 महीने में पूरा कर रहे हैं। पूरी होती हर सिंचाई परियोजना देश के किसी न किसी हिस्से में किसान का खेती पर होने वाला खर्च कम कर रही है। अब तक 20 लाख हेक्टेयर से ज्यादा जमीन को माइक्रो इरिगेशन के दायरे में लाया जा चुका है।
ये भी पढ़ें- हर साल आता है किसानों की जान लेने वाला ‘मौसम’
More Stories