कोटा में शुरू हुआ 6 लेन का हैंगिंग ब्रिज, जानिए पुल की खासियत

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कोटा में शुरू हुआ 6 लेन का हैंगिंग ब्रिज, जानिए पुल की खासियतराष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर 277.67 करोड़ की लागत से बना है लेन हैंगिंग ब्रिज

लखनऊ। राजस्थान दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैंगिंग ब्रिज का उद्घाटन किया। एक ही दिन में मोदी ने 15,000 करोड़ रुपए की योजनाओं की शुरुआत की। कोटा में चम्बल नदी पर राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर 277.67 करोड़ की लागत से बना यह 6 लेन हैंगिंग ब्रिज है। इससे शहर में भारी वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा। शहर में हर साल औसतन 125 मौतें एक्सीडेंट में होती हैं जिसमें से करीब 50 मौतें भारी वाहनों के कारण होती हैं।

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हैंगिंग ब्रिज 1.4 किमी लम्बा है जिसकी चौड़ाई 30 मीटर है। 6 लेन ब्रिज पर 1.6 मीटर का फुटपाथ भी दिया गया है। हैंगिंग ब्रिज चम्बल नदी से 60 मीटर की उंचाई पर है। यह 80 केबिलों पर टिका हुआ है। 41 मीटर सबसे छोटा केबल तथा 192 मीटर सबसे बड़ा केबल है। इस ब्रिज के निर्माण में आठ देशों भारत, फ्रांस, अमेरिका, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, इटली, जापान एवं यूक्रेन की तकनीकी एवं अनुभव को काम लिया गया है।

वैसे देश का यह तीसरा हैंगिंग ब्रिज है। जयपुर से बारां जाने वाले वाहन अभी बड़गांव से चंबल ब्रिज, घंटाघर चौराहा होते हुए जाते हैं, अब इस पुल की मदद से वाहन हैंगिंग ब्रिज से होकर बाईपास से बारां जा सकेंगे। चित्तौड़-उदयपुर से बारां व झालावाड़ जाने वाले वाहनों शहर के भीतर आने की बजाय हैंगिंग ब्रिज से होकर निकल जाएंगे। रावतभाटा से झालावाड़ रोड जाने के लिए चंबल ब्रिज तक का 16 किमी लंबा चक्कर नहीं लगाना होगा।

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मई में खुला था देश का सबसे लंबा पुल


इससे पहले 26 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने असम और अरुणाचल को जोड़ने वाला सबसे बड़ा पुल ‘ढोला सदीया सेतु’ का उद्घाटन किया था। ये पुल करीब 9.15 किलोमीटर लंबा है और ये पुल मुंबई स्थित प्रसिद्ध बांद्रा-वर्ली सी लिंक से भी करीब दो-तिहाई लंबा है। इस पुल के बनने से पूर्वी अरुणाचल प्रदेश में संचार सुविधा काफी बेहतर हो गई है। इस पुल का सबसे बड़ा लाभ भारतीय सेना को हो रहा है। चीन की सीमा के नजदीक भारत में किसी नदी पर बना सबसे लंबे पुल है। पुल से सेना को असम से अरुणाचल प्रदेश स्थित भारत-चीन सीमा तक पहुंचने में तीन से चार घंटे कम लगते हैं। इसके अलावा पुल के चालू होने के बाद अरूणाचल प्रदेश और असम के बीच की दूरी 165 किलोमीटर और 5 घंटे कम हो गई है।

          

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