कृषि-समुद्रीय प्रसंस्करण योजना ‘संपदा’ को प्रधानमंत्री ने किया लांच
गाँव कनेक्शन 26 May 2017 8:39 PM GMT
गोगामुख (भाषा)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खाद्य प्रसंस्करण के प्रोत्साहन और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से शुक्रवार को ‘कृषि समुद्रीय प्रसंस्करण योजना संपदा' की शुरुआत की।
धेमाजी जिले में यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखने के मौके पर उन्होंने कहा, ‘कृषि उत्पाद मूल्य बढ़ने की असीम संभावनाएं मौजूद हैं और 6,000 करोड़ रुपए की ‘संपदा' (कृषि समुद्रीय प्रसंस्करणएवं कृषि संस्करण विकास योजना) खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विकास और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को तैयार करने में दीर्घकालिक तौर पर मदद करेगी।‘
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केंद्र में राजग सरकार के तीन साल पूरा होने के मौके पर समारोहों की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा, ‘आरंभ में इसमें 6,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और बाद में हम सार्वजनिक निजी साझेदारी को अपनाएंगे, जिसमें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश शामिल होगा।‘ उन्होंने कहा, ‘राजग सरकार के तीन साल पूरा होने पर मैंने कृषि क्षेत्र के लिए यह घोषणा करने का फैसला किया है, क्योंकि इसमें विशेषकर देश के युवाओं के लिए व्यापक संभावना मौजूद है।‘
प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि जूस, अचार जैसे तैयार उत्पाद किसानों द्वारा उत्पादन किए जाने वाले कच्चे उत्पादों का अधिक मूल्यवर्धन करते हैं और ठीक उसी समय रोजगार का सृजन और निर्यात के अवसर भी पैदा करते हैं।
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पूर्वोत्तर के नौजवानों से योजना का लाभ उठाने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र नये भारत का नया इंजन साबित होगा और अब पूर्वोत्तर का नया मतलब एनई यानी नई अर्थव्यवस्था, नई ऊर्जा (एनई) और नया सशक्तिकरण :एनई: होगा। उन्होंने न केवल पूर्वोत्तर भारत को शेष भारत से जोडने की नई संभावनाओं के बारे में बल्कि इसके नई अर्थव्यवथा के केंद्र के रुप में उभरना सुनिश्चित करने के संदर्भ में भी बात की. मोदी ने कहा कि इसे राजमार्ग, रेलवे, जलमार्ग, हवाईमार्ग तथा सूचना मार्ग जैसे आधारभूत ढांचा विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए ‘पांच मागोंर्' पर चलते हुये हासिल किया जा सकता है.
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