उज्जवला योजनाः कश्मीर में ग्रामीण महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है फायदा, विपक्ष ने लगाया घोटाले का आरोप

जम्मू-कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि उनसे उज्ज्वला योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले मुफ्त एलपीजी सिलेंडर के लिए पैसों की मांग की जा रही है और ऐसा न करने पर उन्हें गैस कनेक्शन नहीं दिया जाता है। हालांकि उनके नाम लाभार्थियों की सूची में दर्ज हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि 'गैस माफिया' इस घोटाले को अंजाम दे रहे हैं।

Raja Muzaffar BhatRaja Muzaffar Bhat   29 Dec 2021 7:04 AM GMT

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उज्जवला योजनाः कश्मीर में ग्रामीण महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है फायदा, विपक्ष ने लगाया घोटाले का आरोप

फातिमा जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के चलियां-चोंटीनाड गांव की रहने वाली हैं और वह अकेली ऐसी महिला नहीं हैं जिन्हें खाना पकाने के लिए धुएं औऱ प्रदूषण फैलाने वाले लकड़ी के ईंधन पर निर्भर रहना पड़ रहा है।

बडगाम (जम्मू और कश्मीर)। मिट्टी के चूल्हे 'दांबूर' के पास बैठी अधेड़ उम्र की फातिमा की आंखे धुएं से जल रही हैं। अपनी आंखों से आते पानी को रगड़ते हुए वह लगातार खांस रही हैं। उनके दिन का एक बड़ा हिस्सा, रोजाना यूं ही धुएं से भरी रसोई में परिवार के लिए खाना पकाने में बीतता है। हालांकि रोजाना होने वाली इस परेशानी से बचने के लिए फातिमा ने रसोई गैस कनेक्शन का आवेदन काफी पहले कर दिया था और एलपीजी सिलेंडर के लिए एक फॉर्म भी जमा किया था। लेकिन इन बातों को लगभग दो साल से ऊपर हो चुके हैं, फातिमा को अभी तक अपना सिलेंडर नहीं मिला है।

गुर्जर अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाली फातिमा जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले के चलियां-चोंटीनाड गांव की रहने वाली हैं। और वह अकेली ऐसी महिला नहीं हैं जिन्हें खाना पकाने के लिए धुएं औऱ प्रदूषण फैलाने वाले लकड़ी के ईंधन पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कश्मीर में पड़ने वाली कड़ाके की ठंड में जलाने के लिए सूखी लकड़ियों को व्यवस्था करना, केंद्र शासित प्रदेश में हजारों महिलाओं के लिए रोजाना का एक संघर्ष है।

कश्मीर क्षेत्र में बहुत सी ग्रामीण महिलाएं हैं जिन्होंने 'मुफ्त' गैस सिलेंडर कनेक्शन के लिए आवेदन किया हुआ है। कनेक्शन के लिए उन्होंने पैसा भी दिया, पर उसके बावजूद उन्हें अभी तक सिलेंडर नहीं मिला है। इस संबंध में घोटाले के कई आरोप सामने आए हैं।

राज्य के पूर्व विधायक और नेशनल कांफ्रेंस के नेता सैयद बशीर वीरी ने गांव कनेक्शन को बताया, "कई लोगों ने आरोप लगाया है कि उनसे फ्री एलपीजी योजना के लिए पैसे लिए गए हैं। सरकार को पूरे जम्मू कश्मीर में इस घोटाले की गहराई से जांच करनी चाहिए ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके।

फातिमा के गांव से लगभग 50 किलोमीटर दूर, बडगाम जिले के ड्रेजर गांव के लोग भी गैस ऑपरेटरों से एलपीजी कनेक्शन देने के लिए पैसे की मांग से खासे परेशान हैं। इस गांव के लगभग 500 लोग, दो महीने पहले, 18 अक्टूबर को कथित धोखाधड़ी के खिलाफ एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने के लिए इकट्ठा हुए थे।


बडगाम में पंचायत (परिषद) की बैठक में भाग लेने वाले ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें एलपीजी सिलेंडर नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए भुगतान करने के लिए कहा जाता है। जबकि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को फ्री में एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है।

गांव के सरपंच (प्रमुख) गुलाम नबी शाह ने गांव कनेक्शन को बताया कि हालांकि ड्रैगर गांव के कई लोगों के नाम योजना के नियमित लाभार्थियों के रूप में आधिकारिक रिकॉर्ड में मौजूद हैं, लेकिन उन्हें फ्री में कोई सिलेंडर नहीं मिला था।

शाह ने गांव कनेक्शन से कहा, "हम सरकार से, गांव के लोगों के साथ न्याय करने की अपील करते हैं। उज्ज्वला योजना एक मुफ्त सरकारी योजना है। इसके लिए पैसे लेकर उनके साथ ठगी की गई है।"

पुंछ जिले के बुफलियाज प्रखंड में प्रखंड विकास परिषद के अध्यक्ष शफीक मीर ने भी पुंछ और राजौरी जिलों में एलपीजी योजना के क्रियान्वयन की जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों और 'एलपीजी गैस माफिया' का मिलीभगत से अशिक्षित ग्रामीणों को ठगा जा रहा है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना

मई 2016 में, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ग्रामीण और वंचित परिवारों (गरीबी रेखा से नीचे) को रसोई गैस जैसे स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन मुहैया कराने के मकसद से 'प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना' शुरू की थी। ताकि ये लोग खाना बनाने के लिए लकड़ी, कोयला और गोबर के उपले जैसे प्रदूषण फैलाने वाले पारंपरिक ईंधन का इस्तेमाल करना बंद कर दें।


पारंपरिक ईंधन का इस्तेमाल घर में होने वाले वायु प्रदूषण से जुड़ा हुआ है, जो ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। 2014 में अपने अक्टूबर-दिसंबर संस्करण में यूनाइटेड स्टेट्स नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इंडोर एयर पॉल्यूशन इन इंडिया: इंप्लीकेशंस ऑन हेल्थ एंड इट्स कंट्रोल नामक एक रिपोर्ट के अनुसार, घर में होने वाले वायु प्रदूषण के दुष्परिणामों के चलते हर साल लगभग 20 लाख लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है। जिसमें 44 प्रतिशत मौत निमोनिया से, 54 प्रतिशत क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से और दो प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर से होती हैं।

मीर ने गांव कनेक्शन को बताया,"हमारा ब्लॉक बुफलियाज जिला पुंछ, जोकि कश्मीर के सबसे दूरस्थ ब्लॉकों में से एक है, में उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लोगों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन नहीं दिया गया है। जिन महिलाओं को कनेक्शन मिला है, उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी थी। मैं चाहता हूं कि पुंछ और राजौरी जिलों में जल्द ही इसकी जांच की जाए।"

विपक्षी दलों ने लगाया बड़े घोटाले का आरोप

जम्मू और कश्मीर में दो प्रमुख विपक्षी दलों- नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, ने केंद्र शासित प्रदेश में 'गैस माफिया' की सांठगांठ का आरोप लगाया है। ये लोग उन एलपीजी सिलेंडर्स को बेचकर पैसा कमा रहे हैं जिन्हें गरीब जरूरतमंदों को फ्री में दिया जाना चाहिए था।

नेशनल कांफ्रेंस के नेता सैयद बशीर वीरी ने गांव कनेक्शन से कहा, "उज्ज्वला योजना में कुप्रबंधन वास्तव में एक घोटाला है।" उन्होंने इसकी एक आधिकारिक जांच की मांग की है।

वह कहते हैं, "कई लोगों ने आरोप लगाया है कि इस मुफ्त एलपीजी योजना के लिए उनसे पैसे लिए गए हैं। सरकार को पूरे जम्मू कश्मीर में इस घोटाले की गहन जांच करनी चाहिए ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके।

इस बीच, तत्कालीन राज्य कैबिनेट में पूर्व शिक्षा मंत्री और पीडीपी नेता नईम अख्तर ने योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता की कमी की ओर इशारा किया।

अख्तर ने गांव कनेक्शन को बताया, "लाभार्थियों की सूची वास्तव में हर जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पीडीपी इस योजना में की जा रही धांधली की जांच की मांग करती है और उन सभी लोगों को उनका पैसा वापस किया जाना चाहिए, जिन्होंनें मुफ्त में मिलने वाली इस एलपीजी सेवा के लिए भुगतान किया है। सरकार को इस घोटाले में शामिल एलपीजी डीलरों या सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।"

'घोटाले' का पर्दाफाश करने के लिए आरटीआई का इस्तेमाल कर रहे कार्यकर्ता

कुछ इलाकों में सामाजिक कार्यकर्ताओं सक्रिय रूप से उज्ज्वला योजना के कुप्रबंधन का मुद्दा उठा रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने मामले को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया है। ऐसा करने पर तो कुछ लाभार्थियों को 24 घंटे के अंदर ही कनेक्शन मिल गया।

इस साल सितंबर में, बडगाम जिले के सुदूर वांगवास गांव में कुम्हार समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मुक्ति बेगम को दो साल के बाद उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन मिला था।


कार्यकर्ता मुश्ताक अहमद लोन ने जब आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जरिए आधिकारिक जानकारी ली, तब उन्हें पता चला कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) की लाभार्थी सूची में मुक्ति बेगम का भी नाम है।

मुक्ति बेगम ने गांव कनेक्शन को बताया, "तीन साल से ज्यादा समय से मैं स्थानीय एलपीजी डीलरों से मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन देने का आग्रह कर रही थी, लेकिन उन्होंने शायद ही इस पर कभी ध्यान दिया हो। मुझे नहीं पता था कि मेरा नाम लाभार्थियों की सूची में पहले से ही है। इसका खुलासा मुदसेर यातू को आरटीआई के जरिए एक गैस कंपनी से विवरण मिलने के बाद हुआ था।"

मुक्ति बेगम ने बताया, "जब यह खबर इंटरनेट के जरिए दूसरे गांवों में फैली, तो 24 घंटे के अंदर स्थानीय एलपीजी डीलर मेरे घर आया और मुझे एक भरा हुआ एलपीजी सिलेंडर, एक गैस स्टोव और पाइप के साथ रेगुलेटर देकर गया।" उन्होंने कहा, "मुझे तो न्याय मिल गया है लेकिन जम्मू और कश्मीर में मेरे जैसी हजारों महिलाएं हैं जो अभी भी इस मुफ्त एलपीजी सेवा का इंतजार कर रही हैं।"

प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 24 जून,2019 तक अविभाजित जम्मू और कश्मीर में 1,080,810 एलपीजी कनेक्शन दे चुका है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रेडियो कार्यक्रम में कुप्रबंधन का जिक्र किया

सामाजिक कार्यकर्ता लोन ने बडगाम जिला प्रशासन से इस मुद्दे को सुलझाने और पीड़ित महिलाओं को गैस कनेक्शन देने का अनुरोध किया था। वह गांव कनेक्शन को बताते हैं, "लेकिन उन्होंने इसके बारे में कुछ नहीं किया। फिर मैंने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को एक पत्र लिखा, जिन्होंने अपने आवाम की आवाज़ रेडियो कार्यक्रम में इस मुद्दे का जिक्र किया।"

अक्टूबर में जम्मू-कश्मीर के लोगों को महीने में एक बार किए जाने वाले अपने संबोधन में, उपराज्यपाल ने कार्यकर्ता के प्रयासों की प्रशंसा की और उज्ज्वला गैस सिलेंडर में कथित दुर्व्यवहार की जांच का आश्वासन दिया।

सिन्हा ने कहा था, 'मैं संबंधित अधिकारियों को मामले की गहराई से जांच करने का आदेश दूंगा।

गांव कनेक्शन ने जांच में हुई प्रगति की जानकारी लेने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से बात की। विभाग के सहायक निदेशक इफ्तिकार अहमद ने बताया कि दो गांवों की जांच की जा चुकी है।

उन्होंने कहा, "गोगे पथरी और ड्रैगगर गांवों से हमारी जांच रिपोर्ट तैयार है। इसे दिसंबर के अंत तक अपने प्रशासनिक विभाग के समक्ष प्रस्तुत कर देंगे। हमने इन दो गांवों की लगभग सभी पीड़ित महिलाओं बात की है।"

हालांकि, जम्मू-कश्मीर में इसी तरह की जांच के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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अनुवाद: संघप्रिया मौर्या

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