बच्चियों से रेप पर फांसी देने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी, कांग्रेस ने कहा- क्यों लगा इतना वक्त
गाँव कनेक्शन 22 April 2018 1:53 PM GMT
नई दिल्ली। बारह साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामलों में दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को मृत्युदंड सहित सख्त सजा देने संबंधी अध्यादेश को रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी।
इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को उस अध्यादेश को अपनी स्वीकृति दी थी, जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार करने के दोषी ठहराए गए व्यक्ति के लिए अदालत को मृत्युदंड की सजा की इजाजत दी गई है।
आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2018 के अनुसार, ऐसे मामलों से निपटने के लिए नई त्वरित अदालतें गठित की जाएंगी और सभी पुलिस थानों एवं अस्पतालों को बलात्कार मामलों की जांच के लिए विशेष फॉरेंसिक किट उपलब्ध कराई जाएगी।
सख्त सजा की अनुमति
अध्यादेश का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि इसमें विशेषकर 16 एवं 12 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के मामलों में दोषियों के लिए सख्त सजा की अनुमति है। 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा देने की बात इस अध्यादेश में कही गई है।
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उन्होंने बताया कि महिलाओं से बलात्कार मामले में न्यूनतम सजा 7 साल से 10 साल सश्रम कारावास की गई, जो अपराध की प्रवृत्ति को देखते हुए उम्रकैद तक भी बढ़ाया जा सकता है। 16 साल से कम उम्र की लड़कियों से सामूहिक बलात्कार के दोषी के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान बरकरार रहेगा।
काटनी होगी जेल की सजा
16 साल से कम उम्र की लड़कियों के बलात्कार मामले में न्यूनतम सजा 10 साल से बढ़ाकर 20 साल की गई और अपराध की प्रवृत्ति के आधार पर इसे बढ़ाकर जीवनपर्यंत कारावास की सजा भी किया जा सकता है, यानी दोषी को मृत्यु होने तक जेल की सजा काटनी होगी।
अधिकारी ने बताया कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), साक्ष्य अधिनियम, आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और यौन अपराधों से बाल सुरक्षा (पोक्सो) अधिनियम को अब संशोधित माना जाएगा। अध्यादेश में मामले की त्वरित जांच एवं सुनवाई की भी व्यवस्था है।
अधिकारियों ने बताया कि बलात्कार के सभी मामलों में सुनवाई पूरी करने की समय सीमा दो माह होगी। साथ ही, 16 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार या सामूहिक बलात्कार के आरोपी व्यक्ति को अंतरिम जमानत नहीं मिल सकेगी।
जो सवाल मन में आता है…
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “पार्टी ऐसे मामलों में पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में किसी भी गंभीर कदम का स्वागत करती है।“ उन्होंने कहा, ष्भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की मंशा को लेकर जो सवाल मेरे मन में आता है, वह यह है कि उन्हें इस नतीजे पर पहुंचने में इतना वक्त क्यों लगा कि कड़े कानून और कठोर दंड से जरूरी परिवर्तन आएगा।”
(एजेंसी)
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