मेरे पापा कभी दिवाली पर घर नहीं आते 

Abhishek PandeyAbhishek Pandey   18 Oct 2017 6:26 PM GMT

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मेरे पापा कभी दिवाली पर घर नहीं आते यूपी पुलिस 

लखनऊ। पापा दिवाली पर घर जल्दी पटाखे और मिठाईयां लेकर आ जाना हम सब मिलकर फुलझड़ी जलायेगे। कुछ इस तरह की बाते हर उस पुलिस कर्मी के बच्चे त्यौहारों पर अपने पापा से कहते हैं, जो आज तक किसी भी दीवाली पर परिवार के साथ मिलकर खुशियां नहीं मना पाये हैं।

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अक्सर हम पुलिस को बात-बात पर कोसते हैं, लेकिन क्या कभी उनका दर्द समझने की हमने कोशिश की है कि जब सारी दुनिया परिवार और बच्चों के साथ दिवाली पर पटाखे घरों में जलाती है और एक पुलिस कर्मी सड़कों पर घूम-घूम कर आपकी हमारी सुरक्षा में जी-जान लगाकर अपने फर्ज को पूरा करता नजर आता है।

यूपी के लखनऊ में बने हुसैनगंज थाने पर तैनात दरोगा राहुल राठौर ने बताया कि, पुलिस की नौकरी 2013 में ज्वाइन की, जिसके बाद त्यौहारों पर भूल ही गया कि मेरा भी कोई परिवार है। बावजूद इसके 12 साल की बेटी हर दीवाली पर एक ही बात कहती है, पापा घर जल्दी आ जाना मिलकर पटाखे जलायेगे, लेकिन शायद कभी ऐसा अवसर मिला ही नहीं की परिवार के साथ खुशियां बांट पाऊं।

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राहुल राठौर आगे कहते हैं कि, परिवार से पहले आम जनता की सुरक्षा सर्वोपरी है, इसलिए आम लोग ही हमारे परिवार बने जाते हैं। जिनकी सुरक्षा में हम तैनात रहते हैं। वहीं दूसरी ओर हरदोई जिले में तैनात एसआई उदय प्रताप सिंह कहते हैं कि, पिता की मौत के बाद मुझे उनके स्थान पर पुलिस विभाग में नौकरी मिली। इसके बाद मेरा ट्रांसफर लखनऊ जनपद में हो गया, जहां मैंने नौकरी के बाद किसी भी दीवाली पर बुढ़ी मां के साथ खुशियां नहीं बांट पाया। अक्सर त्यौहारों पर मां की याद आती है तो मन मचलने लगता है फिर भी मन मसोस के भुलाने का प्रयास करता हूं, लेकिन जब आम जनता की सुरक्षा में तैनात रहता हूं तो उसके बाद सारे गम कही पीछे छोड़ आता हूं।

कुछ इस तरह का दर्द लखीमपुर जिले में तैनात खीरी थाना प्रभारी बताते हैं कि, त्यौहारों के दौरान ड्युटी पहले की अपेक्षा और अधिक बढ़ जाती है, जिसके चलते घर परिवार के लिए समय नहीं निकल पाता है, फिर भी थोड़ा बहुत समय निकाल कर फोन से बच्चों और पत्नी से बात कर दिल को सुकून देने की कोशिश करता हूं। उधर इस तरह का दर्द हर उस पुलिस कर्मी का रहता है जो त्यौहारों के मद्देनजर आम जनता की सुरक्षा की खातिर घर-परिवार को कही पीछे छोड़ आता है।

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