किसान क्रांति यात्रा: दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले, कई किसान घायल

Ranvijay SinghRanvijay Singh   2 Oct 2018 9:52 AM GMT

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किसान क्रांति यात्रा: दिल्ली बॉर्डर पर पुलिस ने किसानों पर दागे आंसू गैस के गोले, कई किसान घायल

गाज़ियाबाद। हरिद्वार से दिल्ली के लिए रवाना हुई किसान क्रांति यात्रा में शामिल हजारों किसानों पर दिल्ली सीमा से सटे गाजियाबाद के इलाके में पुलिस ने आंसू गैस के गोलों और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया है। आंसू गैस के गोलों की चपेट में आकर कम से कम तीन किसान घायल हो गए हैं। इन किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली थी। प्रशासन ने क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी है। ऐसी भी ख़बरें हैं कि पुलिस ने प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के सीमावर्ती क्षेत्र पूर्वी दिल्ली में धारा 144 लगा दी है।


इससे पहले सोमवार रात में भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की, लेकिन यह वार्ता विफल रही। भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गौरव टिकैत ने बताया कि 'योगी जी ने हमारी मांगों को सुना और इस मामले को केंद्र पर छोड़ दिया'। ये किसान गाजियाबाद के वैशाली मेट्रो स्टेशन के पास डेरा जमाए हुए थे।

गौरव टिकैत ने बताया कि "दिल्ली में ट्रैक्टर ले जाने की अनुमति नहीं दे रहे। केंद सरकार से वार्ता चल रही है।" भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कहते हैं कि "जब तक हमारी मांग नहीं मानी जायेगी हम वापस नहीं जाएंगे।"

#WATCH Visuals from UP-Delhi border where farmers have been stopped during 'Kisan Kranti Padyatra'. Police use water cannons to disperse protesters after protesters broke the barricades pic.twitter.com/9KUwKgvrwW


बता दें, भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले हजारों किसान अपनी समस्‍याओं को लेकर दिल्‍ली कूच कर रहे हैं। हरिद्वार से चली ये पदयात्रा अब दिल्‍ली के बॉर्डर के पास पहुंच गई है। इस यात्रा में भारी संख्‍या में ट्रैक्‍टर भी मौजूद हैं। किसान यूनियन के मुताबिक, करीब 1 हजार ट्रैक्‍टर यात्रा में शामिल हैं। गौरव टिकैत कहते हैं, ''किसान अपने ट्रैक्‍टर दिल्‍ली में ही छोड़ आएगा। या तो ये कानून बदल दें या रख लें हमारे ट्रैक्‍टर।''

राशन साथ लेकर चल रहे किसान

यात्रा में शामिल किसान अपने साथ राशन लेकर चल रहे हैं। किसानों को जब दिल्‍ली में प्रवेश की अनुमति न मिलने की जानकारी हुई तो ज्‍यादातर का कहना था कि हम दिल्‍ली में दाखिल होकर रहेंगे। वहीं, कई किसान कह रहे थे कि हमारे पास खाने पीने से लेकर जरूरत का हर सामान है। हम 1 महीने तक रुक सकते हैं।

यह भी देखें:किसान क्रांति यात्रा को दिल्‍ली में प्रवेश की अनुमति नहीं, गौरव टिकैत बोले- किसान आतंकवादी नहीं



    

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