शर्मनाक: बेहोश गर्भवती को नहीं मिली एंबुलेंस, बाइक से पहुंचाया अस्पताल
इससे पहले भी कई बार एंबुलेंस न मिलने पर मरीज को बाइक से अस्पताल ले जाने की खबरें आती रही हैं, इस खबर ने एक बार फिर झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं
गाँव कनेक्शन 28 Jun 2019 12:19 PM GMT

लातेहार(झारखंड)। देश की स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। कहीं दवाइयों को अभाव है तो कहीं डॉक्टरों का। झारखंड के लातेहार जनपद में चार माह की गर्भवती महिला को एंबुलेंस न मिलने पर बाइक से अस्पताल ले जाया गया। यह तस्वीर देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े करती है।
लातेहार जिले के चंदवा ब्लॉक के चौतंग गांव गंजू की पत्नि शांति देवी चार माह की गर्भवती है। गंजू ने एक समाचार एजेंसी को बताया, " हमारे घर से अस्पताल दस किलोमीटर दूर है। सुबह पत्नी के पेट में तेज दर्द होने लगा। हम लोगों ने सरकारी एम्बुलेंस के लिए फोन किया, लेकिन काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई। इस दौरान मेरी पत्नी की हालत और खराब होती गई। और इतंजार न करते हुए हम लोग उसे बाइक से लेकर सीएचसी पहुंचे।"
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Jharkhand: 4-months pregnant woman brought to Chandwa Community Health Centre in an unconscious condition on a motorbike allegedly due to unavailability of an ambulance. (26.06.19) pic.twitter.com/48aolUNMNU
— ANI (@ANI) June 28, 2019
"इस दौरान शांति की तबीयत औ खराब हो गई थी। सीएचसी के डॉक्टरों ने उसे लातेहार के जिला अस्पताल भेजा दिया। लेकिन यहां भी एंबुलेंस नहीं मिली। मजबूरी में हम लोग उसे बाइक से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां से उसे रिम्स रेफर कर दिया गया।" गंजू ने आगे बताया।
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S Sharma, Civil Surgeon, Latehar District: They had asked for an ambulance but didn't wait for it to reach them,brought the woman to the hospital on a motorbike. If you've called for an ambulance then you should wait for it. The woman has been referred to RIMS Ranchi #Jharkhand pic.twitter.com/HDgJmcRPwc
— ANI (@ANI) June 28, 2019
वहीं इस मामले में लातेहर के सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी शर्मा का कहना है, " हमारे पास एक एंबुलेंस की कमी नहीं है। गर्भवती महिला के लिए ममता वाहन है। इसके बावजूद महिला को एंबुलेंस नहीं दी गई तो यह गलत है। मैं मामले की जांच कराउंगा।"
इससे पहले भी कई बार एंबुलेंस न मिलने पर मरीज को बाइक से अस्पताल ले जाने की खबरें आती रही हैं। इस खबर ने एक बार फिर झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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