राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोग इस सप्ताह बचकर रहें

अगले 4-5 दिनों तक उत्तर-पश्चिमी गर्म हवाएं चलेंगी। उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी में लू चलने की भी आशंका है। मैदानी राज्यों में इस सप्ताह पारा 45 डिग्री तक पहुंच सकता है।

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   22 May 2018 5:23 AM GMT

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राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लोग इस सप्ताह बचकर रहें

लखनऊ। इस समय मैदानी इलाकों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी स्काइमेट वेदर के अनुसार अब उत्तर भारत के मैदानी भागों में हवा बदल गई है और अगले 4-5 दिनों तक उत्तर-पश्चिमी गर्म हवाएं चलेंगी। उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी में लू चलने की भी आशंका है। मैदानी राज्यों में इस सप्ताह पारा 45 डिग्री तक पहुंच सकता है।
मैदानी राज्यों में अगले कुछ दिनों के दौरान दिन में उत्तर-पश्चिमी हवाएं तेज़ गति से चलेंगी जिससे पारा 45 डिग्री से ऊपर नहीं जाएगा। स्काइमेट के वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ एवीएम जीपी शर्मा के अनुसार, हवा की रफ्तार 20 किमी प्रति घण्टे तक जा सकती है जो बढ़ते तापमान को रोकेगी। अगर हवा की रफ्तार कम रहती तो अगले 4-5 दिनों में पारा 47-48 डिग्री तक भी जा सकता था। लेकिन राहत की बात है कि तेज़ हवाएँ चलने से ऐसा नहीं होगा। एक और राहत की खबर यह है कि अगले सप्ताह से फिर से मौसम के मिजाज़ में बदलाव के आसार दिखाई दे रहे हैं। अनुमान है कि 28 मई से बारिश मैदानी राज्यों में प्री-मॉनसून वर्षा हो सकती है।


मौसम विज्ञान में वैज्ञानिक आनंद शर्मा ने कहा, 'लू की स्थिति अभी जारी रहेगी, इसलिए बच्चों और बुजुर्गों को दिन में 11 से 4 के बीच घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए वयस्क भी जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें और ज्यादा शारीरिक श्रम का काम नहीं करें क्योंकि डिहाइड्रेशन होने का खतरा बना रहता है।' उधर बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव अगले 48 घंटों में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। इसके चलते तमिलनाडु के उत्तरी समुद्र तटीय इलाके, पुडुचेरी और उत्तरी आंध्र प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है। चेतावनी दी गई है कि उत्तरी तमिलनाडु और पुडुचेरी में 55 से 65 किलोमीटर की गति से तूफानी हवाएं चलेंगी।
फसलों को लू से बचाने के उपाय
जायद की फसल में बोई गई मूंगफली, मक्का, बाजरा, उर्द, मूंग, हरा चारा एवं सब्जियों को लू से बचाने के लिए किसान समय का ख्याल रखते हुए सिंचाई करें। फसल की कटाई और मडाई भी लू, गर्म हवाओं के बीच न करें। फसलों को बचाने के लिए हल्की सिंचाई की जाए। की फसलों की सिंचाई सुबह पांच बजे से लेकर 10 बजे तक और सांय काल पांच बजे से रात्रि तक करें। उर्द, मूंग की फसलों की सिंचाई करते समय ध्यान रखे कि सिंचाई हल्की की जाए। खेतों में पानी इतना न भरा जाए कि सुबह से शाम तक भरा रहे। उर्द, मूंग की फसल में खेतों की निराई, गुढाई करके मिटटी को भुरभुरी बनाए रखे ताकि मृदा में नमी बनी रहे। आम, नीबू, पपीता आदि के बागों में सूर्यास्त के बाद सिंचाई की जाए। ताकि बागों में पर्याप्त नमी बनी रहे। हीट वेब, लू से फसल को ही नहीं बल्कि किसान स्वयं को, पशुओं को भी बचा कर रखें। पशुओं को स्वच्छ जल हैंडपंप, कुआं, नहर, टयूबवेल का पानी पिलाए। फसल अपशिष्ट में आग न लगाई जाए बल्कि इसे गढढा खोदकर एकत्र कर कंपोस्ट खाद बना ले। फसलों की नर्सरी अवस्था में मल्चिंग की जाए।


तीन दिन पहले मानसून के पहुंचने के आसार
इस बार बारिश संभावित समय से पहले शुरू होकर गर्मी से राहत देगी। मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून तीन दिन पहले दस्तक दे देगा। भीषण गर्मी जहां लोगों को त्रस्त कर रही है वहीं मानसून विभाग द्वारा जारी किया गया मानसून के आगमन का आकलन राहत देने वाला है। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य तय समय से तीन दिन पहले 29 मई को केरल में दस्तक देने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून की शुरूआत के लिए अंडमान सागर और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर 23 मई से स्थितियां अनुकूल हैं।

    

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