वाजपेयी सरकार में भी कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके प्रहलाद पटेल के बारे में खास बातें

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
वाजपेयी सरकार में भी कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके प्रहलाद पटेल के बारे में खास बातें

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में प्रहलाद पटेल को भी शामिल किया गया है। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में मंत्रीपद की शपथ ली है। प्रहलाद पटेल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके है।

प्रहलाद पटेल ने मध्य प्रदेश की दमोह लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव जीता है। दमोह लोकसभा क्षेत्र से यह पहला मौका है कि किसी सांसद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।

दमोह लोकसभा की आठों विधानसभा में कुल 17 लाख 37 हजार मतदाता थे। इनमें से 11 लाख 64 हजार 617 मत पड़े थे। पटेल को कुल 7 लाख 4 हजार 334 मत मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह को 3 लाख 51 हजार 70 मत मिले थे। बीजेपी प्रत्याशी को कुल 60.51 प्रतिशत वोट मिले थे। पटेल पहली बार 1989 में सांसद बने थे।

मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग से नाता रखने वाले 57 वर्षीय प्रहलाद सिंह पटेल कुशल वक्ता हैं। स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर गहरी पकड़ रखते हैं। पांच बार के सांसद पटेल 2003 में केन्द्र की राजग सरकार में कोयला राज्य मंत्री थे।

यह भी पढ़ें- नितिन गडकरी ने दूसरी बार ली कैबिनेट मंत्री पद की शपथ, क्या है इनके बार में खास

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोधी समाज से ताल्लुक रखने वाले मध्यप्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता पटेल एक समय उमा भारती के कट्टर समर्थक थे।

पटेल ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार चढ़ाव देखे हैं। साल 2005 में वह भाजपा से अलग होकर 'भारतीय जनशक्ति' में उमा भारती के साथ रहे थे और तीन साल बाद ही मार्च 2009 में उन्होंने भाजपा में घर वापसी कर ली और 2014 में पांच साल बाद दमोह लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और भाजपा के सांसद बने।

पटेल, इस बार भी दमोह से जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं। पटेल वर्ष 2000 में देश में गौहत्या पर प्रतिबंध के लिये एक निजी विधेयक लोकसभा में लाये थे। पटेल सबसे पहले वर्ष 1989 में लोकसभा के सदस्य चुने गये। वह एक अनुभवी सांसद हैं। इसके साथ ही वह लोकसभा की अनेक समितियों के सदस्य भी रहे हैं।

यह भी पढ़ें- LIVE: लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनें नरेंद्र मोदी, यहां देखें...

पटेल अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गये थे। वर्ष 1980 में वह जबलपुर वश्विवद्यिालय छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गये। इसके बाद उन्होंने राजनीति में पलट कर नहीं देखा और लगातार आगे बढ़ते गये। इसके बाद वह भाजपा की युवा शाखा 'भारतीय जनता युवा मोर्चा' के प्रदेश में कई अहम पदों पर रहे।

उमा भारती ने वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में जब प्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाले कांग्रेस के दस वर्षीय शासन को उखाड़ा, तब पटेल, उमा के साथ चट्टान की तरह खड़े थे। इसके बाद भाजपा ने उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में लगातार 15 साल तक शासन किया।

पटेल उन गिने चुने राजनेताओं में से हैं जिन्होंने नर्मदा परिक्रमा की है। नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर लगभग 3300 किलोमीटर की यह पैदल परिक्रमा नर्मदा भक्तों में पवित्र मानी जाती है। वह विशुद्ध शाकाहरी हैं तथा हिंदुत्व की राह पर चलने वाले नेता हैं।

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.