स्काईमेट वेदर ने जारी किया प्रारंभिक पूर्वानुमान, कैसा रहेगा 2022 में मानूसन

स्काईमेट वेदर ने अभी प्रारंभिक मानसून पूर्वानुमान जारी किया है, जबकि अप्रैल महीने में मानसून 2022 की संभावनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा।

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स्काईमेट वेदर ने जारी किया प्रारंभिक पूर्वानुमान, कैसा रहेगा 2022 में मानूसन

Photo: Abraham Jacob, Flickr

https://www.gaonconnection.com/desh/monsoon-forecast-2021-indian-meteorological-department-49013

देश भर में इस बार मानसून कैसे रहेगा? सामान्य बारिश होगी या फिर कम? स्काईमेट वेदर ने इस साल के मानसून का पूर्वानुमान जारी किया है।

स्काईमेट वेदर साल 2022 के लिए अभी प्रारंभिक मॉनसून पूर्वानुमान मार्गदर्शन' लेकर आया है। स्काईमेट के अनुसार आगामी मानसून 'सामान्य' रहेगा।

स्काईमेट के अनुसार हर साल मॉनसून के आगमन, तीव्रता, अवधि और निकासी में बड़े अंतर पर उतार-चढ़ाव होते हैं। इस स्तर पर इन सभी पहलुओं को समझना जल्दबाजी होगी। हालांकि, चार महीने के लंबे सीजन के दौरान इसकी शुरुआती झलक पाने और आकलन करने के लिए काफी हैं। पिछले 2 मॉनसून सीज़न एक के बाद एक होने वाली ला नीना घटनाओं से प्रेरित रहे हैं, जो अब कम होने लगे हैं। इसका मतलब यह भी है कि मॉनसून 2022 एक परिवर्तनशील ला नीना होने जा रहा है जो बाद में तटस्थ होकर शुरू होगा।

भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान की नकारात्मक स्थितियां कमजोर हो रही हैं। प्रशांत महासागर की यह स्थितियां, खराब मानसून की संभावना तो बनाती हैं लेकिन तटस्थ सीमाओं के भीतर सामान्य या अधिक वर्षा का कारण नहीं बन सकती है। यह 'सामान्य' मॉनसून वर्षों में से एक हो सकता है, जो सामान्य सीमा के मध्य में एक मजबूत शुरुआत और समाप्ति कर रहा है। सामान्य वर्षा की सीमा एलपीए (880.6 मिमी) का 96-104% है।


स्काईमेट वेदर के एवीएम मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन अध्यक्ष जीपी शर्मा के अनुसार, "2020 और 2021 के दौरान एक के बाद एक ला नीना का अवलोकन करने के बाद, सांख्यिकीय रूप से ऐसी एक और घटना की संभावना से इंकार किया जाता है। भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान जल्द ही बढ़ने की संभावना है जिससे ला नीना के जारी रहने की संभावना कम हो जाएगी।"

उन्होंने आगे कहा, "आगामी 'स्प्रिंग बैरियर' के दौरान ENSO की सम्भावना भी कम हो जाती है और कई बार एक अस्थिर ENSO परिस्थिति की ओर ले जाती है। यह घटनाएं हमारे अप्रैल के पूर्वानुमान में शामिल होंगी। मॉनसून ट्रफ दक्षिण उष्णकटिबंधीय हिंद महासागर के ऊपर है, जिसके चलते आईओडी की घटनाएं आम तौर पर अप्रैल तक नहीं बन पाती हैं। इसके उत्तरार्ध में 'हिंद महासागर द्विध्रुव' की विश्वसनीय प्रवृत्तियां उभरती हैं। शुरुआती संकेत इसे 'तटस्थ' होने का सुझाव देते हैं लेकिन इसका झुकाव नकारात्मक सीमा के करीब बना हुआ है। IOD-ENSO की परिस्थितियां भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून 2022 को पूरी तरह प्रभावित करेंगी।

स्काईमेट अप्रैल महीने में मॉनसून 2022 की संभावनाओं पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेगा। स्काईमेट संपूर्ण मॉनसून पूर्वानुमान के लिए प्रासंगिक आंकड़े एकत्रित करने की प्रक्रिया में लगा हुआ है।

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