प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए शुरू होगा गरीब कल्याण रोजगार अभियान, 20 जून को प्रधानमंत्री करेंगे बिहार से शुभारंभ

प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए यह अभियान छह राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों तक मिशन मोड पर चलाया जाएगा।

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प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए शुरू होगा गरीब कल्याण रोजगार अभियान, 20 जून को प्रधानमंत्री करेंगे बिहार से शुभारंभ

कोरोना संकट के समय में अपने गांवों को लौटे प्रवासी मजदूरों के सामने आये रोजगार के संकट को दूर करने के लिए अब केंद्र सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान शुरू करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 जून को बिहार से इस अभियान की शुरुवात करेंगे।

प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए यह अभियान छह राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों तक मिशन मोड पर चलाया जाएगा। इस अभियान के जरिये गांवों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के साथ ही स्थायी बुनियादी ढांचा तैयार किया जाना है। केंद्र सरकार अभियान के तहत 25 योजनाओं के जरिये प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराएगी।

इस अभियान में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और ओडिशा इन छह राज्यों को चुना गया है जिसमें सरकारी तंत्र के लोग प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए मिशन मोड पर काम करेंगे।

वापस आए प्रवासी श्रमिकों और गांव के लोगों को सशक्त बनाने और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 20 जून को बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस अभियान की शुरुआत करेंगे। बिहार के खगड़िया जिले के ब्लॉक बेलदौर के गाँव तेलिहार से यह अभियान शुरू होगा।

इस वर्चुअल लॉन्च में पांच अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्रालयों के केंद्रीय मंत्री भी भाग लेंगे। इस बीच छह राज्यों के 116 जिलों के गांव कृषि विज्ञान केंद्रों और सार्वजनिक सेवा केंद्रों के जरिये से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे। इस अभियान के तहत गांवों में 50,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे।

इस अभियान के जरिये गांवों में विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तेजी से क्रियान्वयन किया जाएगा। इससे एक तरफ प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा तो दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।

इस अभियान को लेकर प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "इन छह राज्यों के लगभग 116 ज़िलों से बड़ी संख्या में प्रवासी मज़दूर वापस लौटे हैं। ऐसे में गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के जरिये 125 दिनों में सरकार की करीब 25 योजनाओं को एक साथ लाया जाएगा और इन 125 दिनों में हर योजना को उसके उच्चतम स्तर पर लेकर जाएंगे।"

केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, "जिन ज़िलों में ज्यादा श्रमिक लौटे हैं उनमें सरकार की इन 25 योजनाओं में जिसको भी काम की जरूरत है उसे काम दिया जाएगा। प्रधानमंत्री रोज़गार अभियान की पहली प्राथमिकता अपने संबंधित ज़िलों में लौटे मज़दूरों की तत्काल जरूरत को पूरा करना और उन्हें जल्द-जल्द आजीविका मुहैया कराना है।"

यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से जुड़ा होगा, जिनमें ग्रामीण विकास, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पंचायती राज, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा।

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