यूपी में हर दिन 50 लाख मजदूरों को मनरेगा में रोजगार देने की तैयारी, MSME क्षेत्र के लिए कल से ऑनलाइन ऋण मेला शुरू
एक तरफ जहाँ बड़े स्तर पर प्रवासी मजदूर हर दिन अपने गृह राज्य लौट रहे हैं वहीं राज्य सरकार इनके लिए बड़े स्तर पर रोजगार उपलब्ध करने की तैयारी कर रही है।
Kushal Mishra 13 May 2020 2:34 PM GMT
कोरोना संकट के समय में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार आगे बढ़कर सामने आ रही है। एक तरफ जहाँ बड़े स्तर पर प्रवासी मजदूर हर दिन अपने गृह राज्य लौट रहे हैं वहीं राज्य सरकार इनके लिए बड़े स्तर पर रोजगार उपलब्ध करने की तैयारी कर रही है।
इसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने मई के अंत तक मनरेगा में 50 लाख मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, वहीं एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 14 मई से ऑनलाइन ऋण मेला शुरू करने की भी घोषणा की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा, "हमें लॉकडाउन के कारण घर लौट चुके लोगों को रोजगार प्रदान करने की आवश्यकता है और यह हम तभी कर सकते हैं जब अधिकारी ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएं।"
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मनरेगा से जुड़े 35,818 ग्राम रोजगार सेवकों के खातों में 225.39 करोड़ रुपए मानदेय का भुगतान किया। ग्राम रोजगार सेवकों का यह भुगतान पिछले तीन वर्षों से रुका हुआ था। इस बीच मुख्यमंत्री ने ग्राम रोजगार सेवकों से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये बातचीत भी की।
We should aim to provide jobs to 50 lakh people every day by the end of May. We can only do this if the officials perform their duty honestly. We need to provide jobs to those who have returned home due to lockdown: UP CM during video conference with officials on MGNREGA pic.twitter.com/tF6q8nO0Db
— ANI UP (@ANINewsUP) May 12, 2020
उत्तर प्रदेश में अभी तक मनरेगा के तहत करीब 20 लाख ग्रामीण परिवारों को रोजगार मिलता आया है। वहीं मुख्यमंत्री ने आधिकरियों और रोजगार सेवकों के सामने 50 लाख लोगों के लिए प्रतिदिन रोजगार सृजन करने का लक्ष्य रखा है जो दोगुने से भी ज्यादा है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संकट के समय में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से देश के लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपए का ऋण देने के फैसले का स्वागत किया।
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मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं वित्त मंत्री को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने एमएसएमई क्षेत्र को तीन लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया। उत्तर प्रदेश में एमएसएमई क्षेत्र से जुड़ी इकाइयों की सबसे बड़ी संख्या है।"
From tomorrow, we are going to start an online loan fair for MSME sector. Around 36000 business persons will get loan worth Rs 1600 - Rs 2000 crore tomorrow: Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath https://t.co/OP4Ull15qM
— ANI UP (@ANINewsUP) May 13, 2020
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक ऑनलाइन ऋण मेला शुरू करने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "चौदह मई से हम एमएसएमई क्षेत्र के लिए एक ऑनलाइन ऋण मेला शुरू करने जा रहे हैं। इससे लगभग 36,000 व्यवसायी व्यक्तियों को कल 1600-2000 करोड़ रुपये का ऋण मिलेगा।"
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने लौट रहे मजदूरों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों में 90 लाख अतिरिक्त अवसर मुहैया कराने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा था, "उत्तर प्रदेश में एमएसएमई का इतिहास बेहद संपन्न रहा है। हर जिले के खास उत्पाद इसके सबूत भी हैं। अब इन्हीं एमएसएमई उद्योगों और एक जिला एक उत्पाद योजना के जरिए सरकार रोजगार के लगभग 90 लाख अतिरिक्त अवसर मुहैया कराएगी।"
वहीं मनरेगा के तहत रोजगार को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही हर जिले में कंट्रोल रूम स्थापित किये हैं। साथ ही इस कंट्रोल रूम से हर जिले में हेल्पलाइन नंबर जारी किये गए हैं। इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति अपने जनपद में मनरेगा में काम के लिए आवेदन कर सकता है।
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