प्‍याज ने निकाले किसानों के आंसू, 51 पैसे प्रति किलो बेचने को मजबूर

कई किसान विरोध स्‍वरूप ऐसे कदम उठा रहे हैं तो कई अपने प्‍याज को मंडियों में फेंक कर विरोध दर्ज करा रहे हैं।

Ranvijay SinghRanvijay Singh   13 Dec 2018 11:55 AM GMT

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प्‍याज ने निकाले किसानों के आंसू, 51 पैसे प्रति किलो बेचने को मजबूर

लखनऊ। किसानों को प्‍याज के दाम रुला रहे हैं। महाराष्‍ट्र और मध्‍य प्रदेश में प्‍याज के किसान बेहद परेशान हैं। उनकी पेरशानी की वजह प्‍याज के कम दाम मिलना है। खबरों के मुताबिक, महाराष्ट्र के येओला तहसील के अंडरसुल के निवासी एक किसान ने 51 पैसे प्रति किलो के हिसाब से प्‍याज बेचा है। वहीं, महाराष्ट्र के संगमनेर के थोक बाज़ार में एक किसान को एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्‍याज बेचना पड़ा।

अंडरसुल के निवासी चंद्रकांत भीकन देशमुख ने 51 पैसे के हिसाब से 545 किलोग्राम प्याज को बेचा था। बिक्री के बाद देशमुख को 216 रुपये का भुगतान किया गया। इससे नाराज देशमुख ने 216 रुपए का मनी ऑर्डर महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेज दिया।

''हमारे क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति है। मैं कैसे इतनी कम आय के साथ अपना घर चलाऊं और कैसे अपने क़र्ज़ को चुकाऊं। मेरे प्याज की बेहतर गुणवत्ता होने के बावजूद हमें अच्छा मूल्य नहीं प्राप्त हुआ। इसलिए मैंने विरोध स्वरूप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को 216 रुपये भेज दिया है।'' - चंद्रकांत भीकन देशमुख

चंद्रकांत भीकन देशमुख की तरह ही महाराष्ट्र के संगमनेर के थोक बाज़ार में श्रेयस अभाले नाम के एक किसान को 2,657 किलो प्याज एक रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचना पड़ा. उन्‍हें तमाम खर्च काटने के बाद सिर्फ 6 रुपए का मुनाफा हुआ। श्रेयस ने भी अपने कमाई महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम मनी ऑर्डर के तौर पर भेज दी।


देशमुख और श्रेयस की तरह तमाम प्‍याज के किसान परेशान हैं। कई विरोध स्‍वरूप ऐसे कदम उठा रहे हैं तो कई अपने प्‍याज को मंडियों में फेंक कर विरोध दर्ज करा रहे हैं। मध्य प्रदेश में भी थोक मंडी में प्याज की कम कीमत मिलने से किसान परेशान हैं। मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नीमच मंडी में प्याज पचास पैसे प्रति किलोग्राम के भाव बिकने के चलते किसान या तो अपनी फसल वापस ले जा रहे हैं या उसे वहीं छोड़ जा रहे हैं।

देश में प्याज उत्पादन में महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश का नंबर आता है। यहां इंदौर, रतलाम, खांडवा, नीमच, धार और उज्जैन में बड़े पैमाने पर प्याज की खेती होती है। एमपी में करीब 50-60 हजार हेक्टेयर प्याज का रकबा है। दिल्ली में आजादपुर में मंडी के बड़े प्याज कारोबारी राजेंद्र शर्मा इसपर कहते हैं, मंडी में 4 से लेकर 7 रुपए तक प्‍याज बिक रहा है। अगर किसी किसान का प्‍याज खराब होगा तो उसके दाम भी कम मिलेंगे। आज ही आजदपुर मंडी में एक ट्रक आया है। ये ट्रक अपनी कीमत नहीं निकाल पाएगा, क्‍योंकि इसमें सड़े हुए प्‍याज हैं। कई बार किसान ज्‍यादा फायदे के लिए प्‍याज का स्‍टॉक करता है और जब मार्केट में ज्‍यादा प्‍याज हो जाता है तो ऐसे में उसे उसके स्‍टॉक किए प्‍याज के दाम भी नहीं मिल पाते।

फिलहाल इस मामले पर पर महारष्‍ट्र में राजनीति भी तेज हो गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने नासिक जिले में प्याज की कम कीमतों को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर आरोप लगाया कि वो किसानों के साथ हो रही लूट को लेकर चिंतित नहीं हैं।

  

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