देशभर में माटी मोल हुआ आलू, 75 फीसदी से ज्यादा गिरीं कीमतें
Karan Pal Singh 25 Dec 2017 4:23 PM GMT
देश में इन दिनों सब्जियों के राजा कहे जाने वाले आलू के भाव जमीन पर आ गए हैं। इससे उपभोक्ताओं को तो सस्ते रेट पर आलू मिल जा रहा है मगर किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। आलम यह है कि उत्तर प्रदेश में सड़कों के किनारे आलू फेंका जा रहा है।
आलू किसानों के लिए हालात कितने खराब हो गए हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि पिछले साल इसी सप्ताह आलू का थोक भाव प्रति बोरी (50 किलो) 1200 से 1500 रुपए था जबकि अब आलू को कोई 50 से लेकर 100 रुपए भी नहीं पूंछ रहा है। आगरा की मंडी में पिछले साल के मुकाबले आलू का औसत थोक रेट 86.95 प्रतिशत कम है। महाराष्ट्र की नासिक मंडी में पिछले साल इसी दौरान आलू का थोक रेट 2607 रुपए प्रति क्विंटल था, जो अब 576 रुपए है। यानी रेट में 77.88 प्रतिशत की गिरावट आई है।
अगर हम देश की राजधानी की बात करें तो दिल्ली में आलू के फुटकर रेट इस समय 10 से 15 रुपए के आसपास हैं। थोक रेट प्रति क्विंटल लगभग 500 रुपए (सप्ताह का औसत) चल रहा है। वहीं पंजाब में फुटकर रेट 10 रुपए प्रति किलो तक गिर गए हैं। ये रेट भी अच्छे आलू के मिल रहे हैं, जो आलू थोड़ा खराब है उसके रेट तो और नीचे आ गए हैं।
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दिसंबर में आलू के फुटकर रेट
- राज्य रेट-----------------------------प्रति किलो
- दिल्ली -------------------------------15 रुपए
- चंडीगढ़------------------------------- 12 रुपए
- शिमला -------------------------------10 रुपए
- आगरा -------------------------------6 रुपए
- मुंबई -------------------------------15 रुपए
- जयपुर -------------------------------8 रुपए
- स्रोत – डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स
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आवक बढ़ने से गिरे दाम
कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर सुरर्शन सिंघल बताते हैं, "मंडियों में आलू की आवक एकदम बढ़ जाने की वजह से आलू की कीमतें नीचे आ गई हैं। यूपी की फतेहाबाद मंडी में नवंबर की आवक वर्ष 2016 के मुकाबले 3752.79 फीसदी ज्यादा रही। वहीं दिसंबर के महीने की आवक देखें तो पिछले साल के मुकाबले यह 937 फीसदी ज्यादा रही। आगरा में इस बार आलू की पैदावार 21.03 मीट्रिक टन रही। आगरा मंडी में भी आवक पिछले साल के मुकाबले काफी बढ़ी। देशभर की मंडियों में ऐसे ही हालत हैं, जिसकी वजह से रेट कम हो गए हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के किसानों ने आलू का अच्छा प्रोडक्शन किया, मगर दाम इतने नीचे गिर गए कि लागत तक नहीं निकल पा रही है। कोल्ड स्टोरेज में नए आलू रखने की जगह न होने की वजह से पुराना आलू किसान ले नहीं जा रहे हैं इसलिए आलू कोल्ड स्टोर से बाहर फेंका जा रहा है।"
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ग्रामीण इलाकों में लगें फैक्ट्री
इस बारे में भारतीय किसान यूनियन के महासचिव धर्मेंद मलिक बताते हैं, "सरकार को आलू की खरीद के लिए पॉलिसी बनानी होगी तभी किसान का भला हो पाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आलू की खरीद का वादा किया था मगर सारी खरीद बस कागजों में हुई। उन्होंने ट्रांसपोर्ट सब्सिडी भी मुहैया कराई मगर उसका फायदा व्यापारियों को हुआ क्योंकि छोटा किसान अपनी फसल लेकर दूसरे राज्य नहीं जा पाता उसे अपनी उपज व्यापारियों को ही देनी होती है। अगर कृषि आधारित उद्योग गांवों में लग जाएं तो इससे किसानों को ज्यादा फायदा होगा। चिप्स की फैक्ट्री नोएडा में लगने की बजाए आगरा, कन्नौज में लगे तो सबको फायदा होगा।"
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गेहूं, धान की तरह आलू का भी घोषित हो समर्थन मूल्य
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष मोहन सिंह चाहर बताते हैं, "कोल्ड स्टोर में आलू रखने का सामान्य किराया 115 रुपए प्रति बोरी (50 किलो) है, लेकिन जब कोल्ड स्टोर से आलू निकालने की बारी आती है तो उसे इतना कम रेट मिलता है कि वे कोल्ड स्टोर से आलू नहीं निकाल पाता है। हम किसानों की मांग है कि गेहूं, धान की तरह ही आलू का भी सरकार समर्थन मूल्य घोषित करे इसी से किसानों का भला होगा कम से कम लागत तो निकल आएगी।" आलू किसान समिति के प्रदेश महासचिव पुष्पेंद्र जैन ने गांव कनेक्शऩ से कहा, “कई सालों से आलू किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ किसानों को आलू का इतना भी भाव नहीं मिल रहा कि वो लागत निकाल सके। वहीं दूसरी तरफ पैसे की कमी के कारण किसान अगली फसल तक नहीं ले पा रहा है। यूपी सरकार को आलू का समर्थन मूल्य घोषित करना होगा। बिना समर्थन मूल्य घोषित किए आलू किसानों की दशा नहीं सुधरेगी।"
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यूपी में मुफ्त में ले जाएं आलू
आगरा के आलू किसान सुरेंद्र सिंह ने बताते हैं, ‘जब तक आलू किसाने के घर में नहीं आता तब तक तो उसके रेट ठीक रहते हैं मगर जैसी ही किसान के दरवाजे पर आलू आना शुरू हो जाता है रेट नीचे आ जाते हैं। इस बार प्रदेश के आलू किसानों की हालत बहुत खराब है। लोग कोल्ड स्टोर से अपनी फसल नहीं उठा रहे। मंडी के हालात तो आप जान ही रहे हैं। आगरा में आप मुफ्त में आलू पा सकते हैं। आलू को कोल्ड स्टोर में रखने का आम रेट 115 रुपए प्रति बोरी है। एक बोरी में 50 किलो आलू आता है। आलू के एक कट्टे का रेट इस समय 150 रुपए तक गिर गया है। ऐसे में किसान कोल्ड स्टोर में रखा हुआ आलू उठा ही नहीं रहे हैं, जिसकी वजह से कोल्ड स्टोर वाले इन्हें सड़कों पर फेंक रहे हैं।"
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