लखनऊ (उत्तर प्रदेश)। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों के शिक्षक कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले शिक्षकों के परिवार की मदद करने के लिए अपनी एक दिन सैलेरी दान करेंगे। इसके लिए एक कोष बन रहा है जिसके माध्यम से शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, विशेष शिक्षक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के आश्रितों को समान रूप से आर्थिक मदद की जाएगी। यह फैसला उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया।
शुक्रवार 28 मई को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ की हुई वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में कार्यरत शिक्षक कोरोना महामारी में दिवंगत साथियों के आश्रितों के लिए एक दिन का वेतन फिर कटवाएंगे, इस राशि से संकट से जूझ रहे परिवारों की मदद की जाएगी।
बैठक के बाद संघ ने बताया कि कोविड-19 की पहली लहर के समय संघ ने सभी शिक्षक साथियों से अपील की थी कि वे अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए दें। सरकार की अपील पर बेसिक शिक्षकों ने एक दिन का वेतन इकट्ठा किया और 76 करोड़ रुपए सीएम राहत कोष में दान किया गया था।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षकों ने सरकार का निरंतर सहयोग किया लेकिन, सरकार ने महामारी के बीच उन्हें बंद स्कूलों में बैठने को मजबूर किया और गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया गया। शिक्षकों को कोविड से बचाव के लिए सामग्री तक नहीं मिली। संघ ने कहा कि बिना सुरक्षा प्रबंध के पंचायत चुनाव में शिक्षकों को भेजने से 1621 की असमय मौत हो गई है। लगातार निधन की सूचनाएं अभी मिल रही है,जबकि सरकार का कहना मात्र तीन शिक्षकों की मौत ही कोरोना से हुयी है।
प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश चंद शर्मा ने बताया कि 16 मई को असमय मृत शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशकों को एक करोड़ रुपए मुआवजा, सरकारी नौकरी, पेंशन आदि देने के लिए आठ सूत्रीय मांगपत्र भेजा गया था। सरकार ने 19 मई को सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत की पुष्टि की है। इससे शिक्षक आहत हैं। आश्रितों को आर्थिक सहायता देने में भी विलंब किया जा रहा है। इससे सभी परेशान हैं, संघ साथियों के परिजनों को इस हालात में नहीं देख पा रहा।
संघ ने यह भी कहा कि जो शिक्षक मदद करने में असमर्थ हों वे बीएसए को पत्र भेज सकते हैं। पत्र के माध्यम से संघ ने कहा कि बेसिक शिक्षकों ने पिछले साल सरकार को अपना एक दिन का वेतन दिया। पूरे साल का डीए दिया, लेकिन सरकार ने कोरोना काल में मृत शिक्षकों की संख्या तीन बताई, जबकि संगठन सरकार को कोरोना में मृत शिक्षकों की सूची दे चुका था। संगठन ने फिर निर्णय लिया है कि शिक्षक एक दिन का वेतन देंगे।
विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ें-