प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किसान आत्महत्या और आंदोलनों पर चुप्पी से उठे सवाल
प्रधानमंत्री की इस वार्ता में न तो किसान आत्महत्या का मुद्दा उठा न ही किसान आंदोलनों का।
Arvind Shukkla 20 Jun 2018 6:22 AM GMT

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 90 मिनट में किसानों से बात के नाम पर अपनी सरकारी की योजनाएं गिनाईं और प्रगतिशील किसानों के नाम पर दो दर्जन किसानों से बात की। लेकिन प्रधानमंत्री की इस वार्ता में न तो किसान आत्महत्या का मुद्दा उठा न ही किसान आंदोलनों का।
बुधवार की सुबह अपने प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 10 राज्यों के किसानों से नमो ऐप और दूरदर्शन के जरिए सीधी बात की। जिसमें मृदा स्वास्थ्य कार्ड, सिंचाई, सिंचाई परियोजनाएं, ई-नाम, डबलिंग इनकम, नीली क्रांति (मछली उत्पादन), बूंद-बूंद सिंचाई, फसल बीमा, जैविक खेती आदि का जोर-शोर से जिक्र किया। लेकिन किसान आत्महत्या, किसान आंदोलन, लहसुन-प्याज माटी मोल कीमत, दाल का आयात, मंदसौर कांड, तमिलानाडु के किसान जैसे किसी मुद्दे पर बात नहीं की।
पीएम की वार्ता पर सवाल उठाते हुए स्वराज अभियान के संयोजक और किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े योगेंद्र यादव ने ट्वीटर पर लिखा.. किसान की बात स्क्रिप्टेड थी, असली किसान टर्नओवर और वैल्यू एडिशन जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते सुना है। उन्होंने आगे लिखा कि मोदी जी हम सिर्फ एक आपके मुंह से किसानों की आत्महत्या का जिक्र सुनना चाहते हैं।समाधान नहीं है तो कोई बात नहीं, समस्या है इतना तो मान लो!"
प्रधानमंत्री @narendramodi जी
आजकल आप किसान को याद कर रहे है,धन्यवाद।
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) June 20, २०१८
पहले आपने किसान को अपने मन की बात सुनाई।
आज आपने अपने ही मन की बात किसानों के मुंह से सुनी।
अब किसानों के मुंह से किसानों के मन की बात कब सुनेंगे?
2019 से पहले टाइम निकाल लेंगे ना?
सिर्फ #KisanSeJhoot तो नहीं?
कुछ और ट्वीट भी गौर करने लायक हैं :
PM Modi's 90 minute interaction with farmers from 9 states completely missed the crisis in agriculture. KVKs showcased successful farmers whose incomes grew manifold in last few yrs. Among 24 farmers who spoke only one from UP flagged income risks but was abruptly cut off by Modi pic.twitter.com/GdY3KOHqSA
— Sayantan Bera (@sayantanbera) June 20, 2018
Just saw, a "sham" on TV, wherein, d perception given was that @PMOIndia is interacting freely with #farmers wrt their issues. It is impossible that any #farmer will not confront #Modi on falling farm incomes & inability to realize MSP's, provided he is allowed to.#KisanSeJhoot pic.twitter.com/rvnu0I0nLc
— Ramandeep Singh Mann (@ramanmann1974) June 20, 2018
मोदी जी, इस तस्वीर को जितना बार देखता हूँ आँख भर जाती है। ये महाराष्ट्र के आत्महत्या पीड़ित किसानों के अनाथ बच्चे हैं, दिल्ली आए थे, आप के आप के कोई नुमाइंदे भी नही मिले। कुछ इनके बारे में बोलेंगे?
— Rajeev Ranjan kumar (@rajeev_ranjan25) June 20, २०१८
@PMOIndia @narendramodi @_YogendraYadav
#KisanSeJhoot pic.twitter.com/8eCBBKaBPpदिल्ली में रहने वाले कृषि विशेषज्ञ और सोशल मीडिया पर किसानों के मुद्दे उठाने वाले रमनदीप सिंह मान ने फेसबुक पर लिखा... "आज बड़ा शोर मचा था की मोदी जी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से #किसानों से बात करेंगे। मैं भी देखने बैठा की क्या सुनाते हैं, किसान मोदी जी को, लेकिन फिर देखा की 9 राज्यों से 24 किसान बैठा रखे थे। ये वो किसान थे जिनको पहले से ही पड़ा लिखा दिया था की क्या पूछना है.....और कितना पूछना है ? एक किसान भाई ने किसान की गिरती आमदनी की बात नहीं की.....क्या ये मुमकिन है की अगर मौका मिले तो किसान अपनी गिरती आमदनी का सवाल नहीं करेगा ? उल्टा प्रोग्राम में कहा जा रहा था की छत्तीसगढ़ में किसानों की आमदनी 6 गुना बढ़ गई.....किसान कंप्यूटर इस्तेमाल करने लग गया....किसान अंग्रेजी बोलने लग गया....जरूरत है की मोदी जी को किसान महा पंचायत में बिठाओ....वहां समझायेंगे मोदी जी कौन सा किसान अंग्रेजी बोल रहा है और किस किसान की कितनी आमदनी बड़ी।"
#गाँव कनेक्शन #narendramodi #नरेन्द्र मोदी #किसान आत्महत्या #किसान असंतोष
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