प्रधानमंत्री मोदी ने की टीकाकरण अभियान की शुरुआत, देशवाशियों को दिया नया नारा – दवाई भी, कड़ाई भी, पढ़िए पीएम मोदी के भाषण से जुड़ी 10 बड़ी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना महामारी के खिलाफ भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को दवाई भी, कड़ाई भी का नया नारा दिया।

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कोरोना महामारी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत में दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और देशवाशियों को बधाई दी और रिमोट बटन दबाकर टीकाकरण अभियान का शुभारंभ किया।

शुभारंभ के दौरान सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 3000 से ज्यादा टीकाकरण केंद्र ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहें। पहले दिन करीब तीन लाख स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। देश भर में हर एक केंद्र से 100 लाभार्थियों को टीका लगाया जाना है। इस दौरान सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगेगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम देशवाशियों को संदेश दिया। अपने संबोधन में उन्होंने अब देशवाशियों को नया नारा दिया – दवाई भी, कड़ाई भी। पढ़िए टीकाकरण अभियान को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें ...

1. देशवासियों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार था। आज बहुत कम समय में कोरोना महामारी के खिलाफ भारत में टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। आम तौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं, मगर इतने कम समय में दो-दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं, यह भारत की दक्षता का जीताजागता सबूत है।

2. जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, जिसे जोखिम ज्यादा है, उसे सबसे पहले टीका लगेगा। इसके बाद सुरक्षा बल के जवान और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जायेगी और इन सभी के टीकाकरण का खर्च भारत सरकार द्वारा उठाया जायेगा।

3. पहली और दूसरी खुराक के बीच लगभग एक महीने का अंतराल है और दूसरी खुराक कब लगेगी, यह सबको समय पर बताया भी जाएगा। मगर जब तक दूसरी खुराक नहीं ली जाती तब तक सावधानी बरती जाए क्योंकि दूसरी खुराक के बाद ही शरीर में कोरोना के खिलाफ प्रतिरोधक शक्ति बढती है। इसलिए अब लाभार्थियों को दवाई के साथ-साथ कोरोना की सावधानियों को लेकर कड़ाई का पालन करना होगा, दवाई भी और कड़ाई का।

4. कोरोना से हमारी लड़ाई के बीच देशवाशियों को वैक्सीन को लेकर किसी भी तरह के दुष्प्रचार से बचकर रहना है। आज पूरे विश्व में वैक्सीन को लेकर भारत की विश्वनीयता है। दुनिया भर के करीब 60 % प्रतिशत बच्चों को जो जीवन रक्षक टीके लगते हैं वो भारत में ही बनते हैं, और अब दुनिया का यह विश्वास और मजबूत होने वाला है।

5. ऐसा अभियान दुनिया में पहले कभी नहीं चलाया गया है। 100 से ज्यादा कई देश ऐसे हैं जिनकी जनसँख्या तीन करोड़ से कम है और हम पहले चरण में ही तीन करोड़ लोगों को टीका लगाने जा रहे हैं।

6. टीकाकरण के लिए पंजीकरण से लेकर ट्रैकिंग तक के लिए विशेष तौर पर कोविन (CO-WIN) डिजिटल प्लेटफार्म तैयार किया गया है। इसमें वैक्सीन को लेकर सभी जानकारी की व्यवस्था है। .

7. विदेशी वैक्सीन की तुलना में भारतीय वैक्सीन बहुत सस्ती है। विदेश में कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसे -70 डिग्री तापमान में रखना होता है। मगर हमारे वैज्ञानिकों ने ऐसी वैक्सीन विकसित की हैं जिन्हें उपयोग करना आसान है।

8. कोरोना जैसे अंजान दुश्मन को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका यही था कि जो जहाँ है, वहीं रहें। इसलिए हमने लॉकडाउन का फैसला लिया। जान है तो जहान है की प्राथमिकता को ध्यान में रखकर देशवासियों की भलाई के लिए यह फैसला लिया गया।

9. लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था की रिकवरी में भी भारत दुनिया में आगे निकल रहा है। भारत उन गिने-चुने देशों में जिसने 150 से ज्यादा देशों में जरूरी दवाएं और जरूरी मेडिकल सहायता पहुंचाई है।

10. हमारा टीकाकरण अभियान लंबा चलेगा और हमारा यह अभियान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, दुनिया के अनेक देशों को हमारे अनुभव का लाभ मिलेगा।

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