देश को फसलों की 35 नई किस्में समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 6-7 सालों में साइंस और टेक्नॉलॉजी को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है।
35 विकसित फसलों में सूखा सहनशील चने की किस्म, विल्ट और स्टरिलिटी मौज़ेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन, चावल, गेहूं, बाजरा, मक्का, चना, क्विनोआ, कुटु और फाबा बीन की बायोफोर्डिफाइड किस्में शामिल हैं। इसमें किनोबा की 1, कुटु की 1, विंग्डबीन की 1, बाकला की 1, गेहूं की 6, धान की 8, मक्का की 3, ज्वार की 3, बाजरा की 3, सरसों की 2, सोयाबीन की 3, अरहर की 2 और चना की 2 किस्में शामिल हैं।
35 विकसित फसलों में सूखा सहनशील चने की किस्म, विल्ट एवं स्टरिलिटी मौज़ेक प्रतिरोधी अरहर, सोयाबीन, चावल, गेहूँ, बाजरा, मक्का, चना, क्विनोआ, कुटु और फाबा बीन की बायोफोर्डिफाइड किस्में शामिल हैं…#ICAR #AatmaNirbharKrishi #climateresilient
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) September 28, 2021
इस मौके पर पीएम मोदी ने नए तरीके से खेती करने वाले किसानों से बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा कि खेती-किसानी को जब संरक्षण मिलता है, सुरक्षा कवच मिलता है, तो उसका और तेजी से विकास होता है। किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए, उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं।
फसलों की एमएसपी बढ़ोत्तरी के मुद्दे पर पीएम ने कहा कि MSP में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमने खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है। इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है।
जलवायु परिवर्तन के कारण जो नए प्रकार के कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इससे इंसान और पशुधन के स्वास्थ्य पर भी बहुत बड़ा संकट आ रहा है और फसलें भी प्रभावित हो रही है।
इन पहलुओं पर गहन रिसर्च निरंतर ज़रूरी है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) September 28, 2021
पिछले वर्ष कोविड के साथ ही किसानों को टिड्डियों से परेशानी उठानी पड़ी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष ही कोरोना से लड़ाई के बीच में हमने देखा है कि कैसे टिड्डी दल ने भी अनेक राज्यों में बड़ा हमला कर दिया था। भारत ने बहुत प्रयास करके तब इस हमले को रोका था, किसानों का ज्यादा नुकसान होने से बचाया था।
यह हैं 35 किस्में
चना- पूसा चना 4005
अरहर
सोयाबीन- एनआरसी 138
धान- पूसा बासमती 1979, पूसा बासमती 1985,
गेहूं: प्रधानमंत्री ने गेहूं की डीबीडब्ल्यू 332, डीबीडब्ल्यू 327, एचआई 1636, एचआई 8823, एचयूडब्ल्यू 838, एपीजेडब्ल्यू 1538 जैसे किस्में लॉन्च की हैं। यह सभी किस्में अधिक प्रोटीन, लौह तत्व व जिंक से भरपूर हैं।
बाजरा: पीबी 1877, एचबी 67 उन्नत 2 किस्म को लॉन्च किया गया, यह सभी किस्में भी लौह तत्व व जिंक से भरपूर हैं।
मक्का: मक्का की सीएफएबी 1 व सीएफएमवी किस्म को लॉन्च किया गया, यह दोनों किस्में भी प्रोटीन, आयरन और जिंक से भरपूर किस्में हैं।
किनोबा: हिम शक्ति
कुटु: हिम फाफड़ा
विंग्डबीन: पीबीडब्ल्यू 11-2
बाकला: एचईबी 2
सरसों: पूसा डबल जीरो सरसों 33 व आरसीएच
सोयाबीन: एनआरसी 142 व करूने