डिजिटल इंडिया अभियान के छह साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से बातचीत की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने नवाचार के लिए उत्साह और उन नवाचारों को तेजी से अपनाने की क्षमता दोनों को दिखाया है। डिजिटल इंडिया भारत का संकल्प है। डिजिटल इंडिया आत्मनिर्भर भारत के लिए साधन है। डिजिटल इंडिया एक मजबूत भारतीय की अभिव्यक्ति है जो 21वीं सदी में उभर रही है।
प्रधानमंत्री ने न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन के अपने मंत्र को याद करते हुए बताया कि किस तरह डिजिटल इंडिया सरकार और लोगों, प्रणाली और सुविधाओं, समस्याओं और समाधानों के बीच की खाई को कम करके आम नागरिक को सशक्त बना रहा है।उन्होंने एक उदाहरण दिया कि किस तरह डिजिलॉकर ने विशेष रूप से महामारी के दौरान लाखों लोगों की मदद की। पूरे देश में स्कूल प्रमाण पत्र, चिकित्सा दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र डिजिटल रूप से संग्रहित किए गए थे।
उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, जन्म प्रमाण पत्र बनवाने, बिजली बिल का भुगतान करने, पानी का बिल चुकाने, आयकर रिटर्न दाखिल करने आदि जैसी सेवाएं तेज और सुविधाजनक हो गई हैं और गांवों में ई-कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) लोगों की मदद कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया के माध्यम से है, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड जैसी पहल को साकार किया गया है।
Addressing a programme to mark #DigitalIndia Day. https://t.co/x5kZVrNtwV
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2021
उन्होंने सभी राज्यों से इस पहल को अपने-अपने राज्यों में लागू करने के लिए कहने के लिए उच्चतम न्यायालय की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि डिजिटल इंडिया ने लाभार्थियों के जीवन को कैसे बदल दिया है। उन्होंने स्वनिधि योजना के लाभों तथा स्वामित्व योजना के माध्यम से मालिकाना हक की सुरक्षा की कमी की समस्या के समाधान का उल्लेख किया। उन्होंने दूरस्थ चिकित्सा के संबंध में ई-संजीविनी योजना की भी चर्चा की और बताया कि राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एक प्रभावी प्लेटफॉर्म के लिए काम जारी है।
“भारत द्वारा कोरोना काल में तैयार डिजिटल समाधान आज पूरी दुनिया में चर्चा और आकर्षण का विषय हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप में से एक आरोग्य सेतु ने कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी मदद की है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने टीकाकरण के लिए भारत के कोविन ऐप में भी दिलचस्पी दिखाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण प्रक्रिया के लिए इस तरह के एक निगरानी उपकरण हमारी तकनीकी निपुणता का एक सबूत है, “प्रधानमंत्री ने कहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया का अर्थ है सभी के लिए अवसर, सभी के लिए सुविधा, सभी की भागीदारी। डिजिटल इंडिया का अर्थ सरकार की प्रणाली तक हर किसी की पहुंच है। डिजिटल इंडिया का अर्थ पारदर्शी, भेदभाव रहित व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर हमला है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया का अर्थ समय, श्रम और धन की बचत करना है। डिजिटल इंडिया का मतलब तेज लाभ,पूरा लाभ होता है। डिजिटल इंडिया का अर्थ न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन है।
Our strides in technology have helped us during the time of COVID-19. pic.twitter.com/mQNBHoFGPs
— Narendra Modi (@narendramodi) July 1, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया अभियान ने कोरोना काल के दौरान देश की मदद की है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब विकसित देश लॉकडाउन के कारण अपने नागरिकों को सहायता राशि भेजने में असमर्थ थे तब भारत हजारों करोड़ रुपये सीधे लोगों के बैंक खातों में भेज रहा था। डिजिटल लेन-देन ने किसानों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाया है। पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के बैंक खाते में 1.35 लाख करोड़ रुपये सीधे जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने एक देश-एकएमएसपी के भाव को साकार किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के लिए बुनियादी ढांचे तैयार करने के पैमाने और गति पर काफी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2.5 लाख कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से इंटरनेट दूरदराज इलाकों में पहुंच गया था। उन्होंने बताया कि भारत नेट योजना के अंतर्गत गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट लाने के लिए मिशन मोड में काम चल रहा है। पीएम वाणी के माध्यम से एक्सेस प्वाइंट बनाए जा रहे हैं ताकि ग्रामीण युवा बेहतर सेवाओं और शिक्षा के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि देश भर के छात्रों को किफायती टैबलेट और डिजिटल डिवाइस की पेशकश की जा रही है। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी की पेशकश की जा रहीहै। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के कारण पिछले 6-7 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के बैंक खातों में करीब 17 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दशक डिजिटल प्रौद्योगिकी, वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी में भारत की क्षमताओं को काफी बढ़ाने जा रहा है। 5जी तकनीक विश्व में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी और भारत उसके लिए तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री का मानना था कि डिजिटल सशक्तिकरण के कारण युवा आपको नई ऊंचाइयों पर ले जाते रहेंगे। इस दशक को ‘भारत के टेकेड’ के रूप में बनाने में मदद करेंगे।
प्रधानमंत्री के साथ बातचीत के दौरान उत्तर प्रदेश के बलरामपुर की छात्रा सुहानी साहू ने दीक्षा ऐप के साथ अपने अनुभवों को साझा किया और बताया कि लॉकडाउन के दौरान यह उनकी शिक्षा के लिए कैसे उपयोगी रहा।
महाराष्ट्र के हिंगोली के प्रहलाद बोरघ़ड ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि कैसे उन्हें ई-नैम ऐप के माध्यम से बेहतर कीमत मिली और परिवहन पर लागत बचाई गई।
बिहार के पूर्वी चंपारण में नेपाल सीमा से सटे एक गांव के शुभम कुमार ने प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किया कि कैसे वह अपनी दादी को लखनऊ जाने की जरूरत के बिना ई-संजीवनी ऐप के माध्यम से डॉक्टर से परामर्श करने में मदद सक्षम हुए।
ई-संजीवनी ऐप के माध्यम से परिवार को परामर्श देने वाले लखनऊ के डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने अपने अनुभव को साझा किया कि किस तरह ऐप के माध्यम से परामर्श प्रदान करना आसान है। प्रधानमंत्री ने डॉक्टर दिवस के अवसर पर उन्हें शुभकामनाएं भी दीं और उनसे वादा किया कि बेहतर सुविधाओं के साथ ई-संजीवनी ऐप को और बेहतर बनाया जाएगा।