तिलहन उत्पादन के लिए इस राज्य को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार
Divendra Singh 20 March 2018 5:29 PM GMT
चाय के खेती के लिए मशहूर असम को कृषि कर्मण पुरस्कार 2015-16 से सम्मानित किया गया लेकिन चाय नहीं तिलहन के रिकॉर्ड उत्पादन के लिए असम राज्य को ये सम्मान मिला है।
पूसा में आयोजित कृषि उन्नति मेला में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम को सम्मानित किया, साथ ही यहां के दो किसानों को भी कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मान मिला। माजुली के बिनॉय लिखक व लखीमपुर की हेमकांति पेंग को दो लाख रुपए के चेक के साथ ही ये सम्मान मिला।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के परिसर में कृषि उन्नति मेले (16 से 18 मार्च, 2018) का आयोजन किया गया। इस मेले का उद्देश्य आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों के प्रति लोगों को जागरुक करना तथा किसानों की प्रतिक्रिया जानना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मेले में कृषि कर्मण पुरस्कार तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया।
असम में 2,85,677 हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों की खेती हुई थी, जिससे 1,99,501 मीट्रिक टन सरसों का रिकार्ड उत्पादन हुआ। इस अवसर पर असम सरकार को दो करोड़ रुपए का चेक दिया गया।
कृषि उन्नति मेला के दौरान बोलते हुए, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की पहल का लक्ष्य है कि कृषि में नवीनतम तकनीकी विकास के बारे में जागरूकता पैदा करने से 2022 तक कृषि आय को दोगुना करने में मदद मिलेगी।
कृषि कर्मण पुरस्कार फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन पर कई राज्यों को दिया गया। पश्चिम बंगाल को दाल, असम को तिलहन, बिहार को मोटे अनाज, मध्य प्रदेश को गेहूं व पंजाब को धान उत्पादन के लिए ये सम्मान मिला। केंद्र सरकार की तरफ से देश की अन्न पैदावार बढ़ाने के क्षेत्र में हर वर्ष दिया जाने वाला कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त करने वाले राज्य को 2 करोड़ रुपए की राशि के साथ-साथ एक स्मृति चिन्ह और ताम्रपत्र दिया जाता है।
More Stories