पुलवामा हमला: कौन था पहला आत्मघाती हमलावर, कहां से हुई थी इसकी शुरुआत

Mithilesh DharMithilesh Dhar   15 Feb 2019 12:00 PM GMT

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pulwama attack, pulwama suicide attack in pulwama, what is suicide attack, suicide bomberपुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की तस्वीर

लखनऊ। पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गये। इससे पहले भी भारत और दुनिया में आत्मघाती हमले होते आये हैं लेकिन भारत में यह सबसे बड़ा आत्मघाती हमला बताया जा रहा है। 2014 से अब तक देश में कुल 14 आत्मघाती या फिदाईन हमले हो चुके हैं। एक नजर डालते हैं कि आखिर आत्मघाती हमला होता क्या है और उसकी शुरुआत कब और कहां से हुई।

अमरिका की पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय ने 2015 में आत्मघाती हमलों के इतिहास पर 'दी राइज एंड स्प्रेड ऑफ सुसाइड बॉम्बिंग' के नाम से एक शोध पत्र छापा जिसमें बताया गया कि इसकी शुरूआत 1983 में 23 अक्टूबर को उस समय हुई जब लेबनान में हिजबुल्लाह संगठन ने अमरिका और फ्रांस के समुद्री बैरक को तबाह कर दिया था जिसमें दोनों देशों के कुल 307 जवान शहीद हो गये थे। इस हमले के लिए इग्नेटी ग्रिनवित्स्की नामक शख्स को जिम्मेदार ठहराया गया।

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इस शोध में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की एक रिपोर्ट को भा शामिल किया गया है जिसके अनुसार 1981 से 2015 के बीच 40 देशों में 4814 सुसाइड अटैक (आत्मघ्राती हमले) हुए जिसमें 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई। इस तरह के हमलों का सबसे भयावह रूप यह भी है कि आतंकी हमलों में इनकी भूमिका महज चार फीसदी ही है लेकिन मौतें 32 फीसदी से ज्यादा हुई हैं।


भारत में कब हुआ पहला आत्मघाती हमला...

साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (एसएटीपी) के अनुसार भारत में पहली बार वर्ष 2000 में आत्मघाती हमला हु्आ था। कश्मीर में क्लास 12वीं के छात्र अहमद शाह ने अपनी कार को बादामीबाग सेना के हेडक्वार्टर में उड़ा दिया था जिसमें सेना के चार जवान शहीद हुए थे। इसे भारत में आत्मघाती हमले की शुरुआत कहा जाता है।

2009

12 सितंबर को रेनवारी क्षेत्र के सेंट्रल जेल के बाहर विस्फोटको से लदे कार को आत्मघाती हमलावर में पुलिस की गाड़ी से लड़ा दिया था जिसमें दो पुलिसकर्मियों की मौत हो गयी थी जबकि 10 घायल हो गये थे।

2005

दो नवंबर को गुलाम नबी आजाद के शपथ ग्रहण समारोह के कुछ घंटे बाद ही नोगांव में बड़ा आत्मघाती हमला हुआ जिसमें 10 लोगों की मौत हो गयी जबकि 18 घायल हुए।

इसी साल 16 नवंबर को ऐसा ही एक और हमला हुआ जिसमें चार आम नागरिकों की मौत हो गयी। ये हमला श्रीनगर के जम्मू एंड कश्मिर बैंक के बाहर हुआ था।

20 जुलाई को श्रीनगर के स्कूल के पास हुए आत्मघामी हमले में सेना का एक जवान शहीद हो गया, ये हमला भी कार से हुआ था। इससे पहले 13 जून को पुलवामा के गवर्नमेंट स्कूल के बाहर शक्तिशाली आत्मघाती हमले में दो स्कूली छात्र समेत 13 आम नागरिकों की मौत हो गयी। 11 मई को श्रीनगर के ही जवाहर नगर क्षेत्र में भी ऐसाही हमला हुआ जिसें दो लोगों की मौत हो गयी।

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2003

इस साल छह सितंबर को श्रीनगर के परिमपोरा में एक फ्रूट मार्केट में हुए आत्मघाती हमले में 7 आम नागरिकों की मौत हो गयी थी।

दुनिया के कुछ बड़े आत्मघाती हमले

  • 31 जनवरी 1996 में श्रीलंका में बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था जिसमें 86 लोगों की जान गयी थी।
  • अलकायदा ने सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर हमला किया जिसमें 3000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी।
  • 1987 में 14 अगस्त को अलकायदा ने इराक के याजिदी समुदाय पर हमला किया था जिसमें 500 से ज्यादो लोगों की जान गयी।
  • 7 अगस्त 1998 को अलकायदा ने केन्या व तंजानिया स्थित अमेरिकी दूतावासों पर हमलाद किया जिसमें 224 लोगों की मौत हुई।
  • 12 अक्टूबर 2002 को जिमाह इस्लामिया ने इंडोनेशिया के बाली में हमला किया जिसमें 202 लोगों की जान गयी।
  • 2017 में सोमालिया की राजधानी मोगादिशू में हुआ आत्मघाती हमले में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।
  • पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के अंदर एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किए गए विस्फोट में करीब 100 लोगों की मौत हुई।

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