पुलवामा हमला: सर्वदलीय बैठक खत्म, गुलाम नबी आजाद ने कहा- हम सरकार के साथ
गाँव कनेक्शन 16 Feb 2019 7:53 AM GMT
लखनऊ। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को आतंकी हमला हुआ। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। इस हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश है। इसी कड़ी में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को दिल्ली में संसद भवन में यह सभी दलों की बैठक बुलाई गई। बैठक में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ''हम राष्ट्र की एकता और सुरक्षा के लिए सरकार के साथ खड़े हैं। चाहे वह कश्मीर हो या देश का कोई अन्य हिस्सा, कांग्रेस पार्टी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार को अपना पूरा समर्थन देती है।'' उन्होंने कहा, ''हमने गृहमंत्री से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाएं और उनके साथ विचार विमर्श करना चाहिए। हमारी इस मांग का बाकी दलों ने भी समर्थन किया।''
Ghulam Nabi Azad, Congress: I had also said that barring war, for the first time since 1947 such large number of security personnel have been killed in an attack. We stand with our security forces - Army, CRPF, local police. The entire nation is standing with them. #PulwamaAttack https://t.co/J2tGzkBcpF
— ANI (@ANI) February 16, 2019
सर्वदलीय बैठक के बाद सभी दलों ने इस हमले की निंदा की। बैठक के बाद जारी पत्र में कहा गया कि सभी दल आतंकवाद के खिलाफ हैं। हम देश की एकता और सुरक्षा के लिए सुरक्षाबलों के साथ हैं।
मीटिंग में शामिल हुए ये नेता
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुए बैठक में फारुख अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, बीएसपी नेता सतीश चंद्र मिश्रा, सीपीएम नेता टी के रंगराजन, टीआरएस के जितेंद्र रेड्डी, आप नेता संजय सिंह, शिवसेना नेता संजय राउत, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन समेत कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए।
Delhi: All party meeting called by central govt. underway at the Parliament. #PulwamaAttack pic.twitter.com/OqeqgzteE1
— ANI (@ANI) February 16, 2019
पुलवामा में क्या हुआ?
जम्मू-कश्मीर में कल अब तक के सबसे बड़ा आत्मघाती आतंकी हमला हुआ। फिदायीन हमलावर ने 350 किलो विस्फोटक से लदी गाड़ी जवानों के काफिले से टकरा दी। इसमें सीआरपीएएफ के 40 जवान शहीद हो गए। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। सीआरपीएफ के जिस काफिले पर हमला हुआ उसमें 70 गाड़ियां थीं जिसमें 76वीं बटालियन के करीब 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे।
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