भावुक हुईं सोनिया, राहुल को सौंपी कमान
गाँव कनेक्शन 16 Dec 2017 3:39 PM GMT
लगभग दो दशकों तक कांग्रेस की अध्यक्ष रही सोनिया गांधी अध्यक्ष पद छोड़ते समय भावुक हो गईं। देशवासियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, हमने विपक्षी दल की महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई और संविधान के मौलिक मूल्यों की रक्षा की।
1998 में कांग्रेस अध्यक्ष पद की शपथ लेने वाले पल को याद करते हुए सोनिया ने कहा, जब मैं अध्यक्ष पद के लिए चुनी गई तो इसी तरह संबोधित करने के लिए खड़ी थी। मेरे दिल में घबराहट थी, मैं सोच नहीं पा रही थी कि इस ऐतिहासिक संगठन को संभालूंगी कैसे। तब तक राजनीति से मेरा नाता निजी था।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष के रूप लम्बे समय तक कांग्रेस पार्टी का सफल नेतृत्व करने के लिए श्रीमती सोनिया गांधी जी का हार्दिक #आभार। #CongressPresidentRahulGandhi#ThankYouSoniaGandhi pic.twitter.com/9QgN6PwkQW
— Uttarakhand Congress (@INCUttarakhand) December 16, 2017
गांधी परिवार का हिस्सा बनने पर सोनिया बोलीं, मैं एक क्रांतिकारी परिवार में आई। इस परिवार के लोगों ने देश के लिए धन दौलत और जीवन लुटा दिया। इंदिरा जी ने मुझे बेटी की तरह स्वीकार किया। जब इंदिरा जी की हत्या हुई तो मुझे लगा जैसे मेरी मां छीनी गई हों। इस हादसे ने मेरे जीवन को बदल डाला।
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राजनीति में सोनिया का आगमन उनकी खुशी से नहीं हुआ। सोनिया का कहना था, मैं खुद को, बच्चों को राजनीति से दूर रखना चाहती थी। लेकिन मेरे पति ने देश की जिम्मेदारी कोसमझकर प्रधानमंत्री पद ग्रहण कर लिया। उन दिनों मैंने पूरे देश का दौरा किया। इंदिरा गांधी की हत्या के 7 साल के बाद मेरे पति की भी हत्या की गई। इसके बाद मुझे पार्टी के आमकार्यकर्ताओं की पुकार सुननी पड़ी। मुझे लगा कि इस जिम्मेदारी को नकारने से इंदिरा जी और राजीव जी का बलिदान व्यर्थ जाएगा। इसीलिए अपने कर्तव्य को समझते हुए मैं राजनीति मेंआई।
Delhi: Dance being performed as supporters gather outside Rahul Gandhi's residence 12, Tughlak Lane, ahead of his takeover as Congress President. pic.twitter.com/LLqsJGda6V
— ANI (@ANI) December 16, 2017
राजनीति की डगर सोनिया के लिए आसान नहीं थी क्योंकि जब सोनिया कांग्रेस अध्यक्ष बनीं उस समय कांग्रेस की सरकार देश के केवल 3 राज्यों में थी। सोनिया ने कार्यकर्ताओं को इसका श्रेय देते हुए कहा, आपके सहयोग से केंद्र में भी हमारी सरकार बनी। इस यात्रा में आप हमारे साथी रहे हैं। मैं आपको धन्यवाद देती हूं। आपसे जो सीखा, समझा उसकी कोई तुलना नहीं हो सकती।
आखिर में राहुल को अध्यक्ष पद की बागडोर सौंपते हुए सोनिया ने कहा, राहुल मेरा बेटा है मैं बड़ाई तो नहीं करूंगी लेकिन बचपन से ही हालातों ने उन्हें मजबूत और सहनशील बनायाहै।
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बीजेपी पर आक्रमण करते हुए सोनिया ने कहा, 'जितनी बड़ी चुनौती आज है, उतनी बड़ी कभी नहीं रही। हम संघर्ष से पीछे कभी नहीं हटेंगे। हमारे देश के बुनियादी उसूलों पर रोज हमले हो रहे हैं। आजादी पर हमला,मिलीजुली संस्कृति पर हमला हो रहा है।' सोनिया ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को वर्तमान समय की चुनौती का सामना करने के लिए अपने अंतर्मन में झांकने का कहा। वह बोलीं, अगर हम अपने उसूलों पर खरे नहींउतरेंगे तो आम लोगों की रक्षा नहीं कर पाएंगे। आपको किसी भी तरह के त्याग और बलिदान के लिए तैयार रहना पड़ेगा।
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