भारतीय रेल: दुर्घटनाओं के बावजूद बड़ी लापरवाही, 5000 से अधिक प्वाइंट पाए गए असुरक्षित

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
भारतीय रेल: दुर्घटनाओं के बावजूद बड़ी लापरवाही, 5000 से अधिक प्वाइंट पाए गए असुरक्षितप्रतीकात्मक तस्वीर।

लखनऊ। रेलवे में दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां तक कि रेल मंत्री और चेयरमैन को भी बदल दिया गया बावजूद उसके कोई भी फर्क देखने को नहीं मिल रहा है। पिछले आठ महीने में 5000 से अधिक प्वाइंट्स असुरक्षित पाए गए लेकिन अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों की लापरवाही रही कि इनमें से 70 प्रतिशत प्वाइंट्स पर करेक्टिव एक्शन लिया गया। इस बात को गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने सभी जीएम और डीआरएम को सख्‍त पत्र लेकर कहा है कि वे खुद मॉनिटरिंग करें और रेलवे में अनसेफ प्रेक्टिस को रोकें।

चेयरमैन ने क्‍या कहा

वेबसाइट मनी भास्कर के मुताबिक रेलवे बोर्ड के चेयरमैन (सीआरबी) अश्विनी लोहानी ने सभी जीएम और डीआरएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि मार्च 2017 को रेलवे में वेब बेस्‍ड सेफ्टी इंस्‍पेक्‍शन मैनेजमेंट मॉड्यूल (एसआईएमएम) शुरू किया गया था। जिसमें रेलवे के सभी सेफ्टी ऑफिसर द्वारा अपनी इंस्‍पेक्‍शन रिपोर्ट अपलोड करते हैं। इस सिस्‍टम के मुताबिक मार्च से लेकर अक्‍टूबर 2017 तक 5070 प्‍वाइंट्स पर डिफिशिएंसी पाई गई, लेकिन इनमें से केवल 70 फीसदी डिफिशिएंसी को दूर करने का प्रयास किया गया। लोहानी ने इसे सीरियस मानते हुए कहा है कि कंप्‍लायंस प्रतिशत संतोष जनक नहीं है।

3 माह से अधिक है पेंडिंग

पत्र में कहा गया है कि कई जोन में अनसेफ प्‍वाइंट्स को सही करने का रेश्‍यो बहुत ही ढीला है। लगभग 5 फीसदी प्‍वाइंट्स ऐसे हैं, जो अनसेफ पाए गए, लेकिन तीन माह का समय बीतने के बाद भी उन्‍हें ठीक नहीं किया गया है। लोहानी ने जीएम और डीआरएम से कहा है कि वे रेलवे में अनसेफ प्रेक्टिस को रोकने के लिए अपना व्‍यक्तिगत इन्‍वॉलवमेंट बढ़ाएं, ताकि सेफ्टी कल्‍चर बढ़े और यात्रियों को सेफ एवं विश्‍वसनीय सर्विसेज प्रदान की जा सके।

क्‍या हैं डिफिशिएंसी

रेलवे के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि सेफ्टी ऑफिसर रेलवे नेटवर्क में हर तरह के उन प्‍वाइंट्स के बारे में रिपोर्ट करते हैं, जिससे सेफ्टी प्रभावित होती है। इसमें पटरी के टूटने, कमजोर पड़ने, सिग्‍नल में दिक्‍कत, रेल कर्मचारियों द्वारा मैन्‍युअल सिग्‍नल, लेवल क्रॉसिंग जैसे प्‍वाइंट्स शामिल हैं। कई ऐसे प्‍वाइंट्स भी होते हैं, जो लगते तो बहुत छोटे हैं, लेकिन वे बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाते हैं। यही वजह है कि सीआरबी चाहते हैं कि सेफ्टी डिफिशिएंसी का कम्‍प्‍लायंस एक्‍शन 100 फीसदी हो। इसलिए उन्‍होंने यह पत्र लिखा है।

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.