राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए मंथन जारी, गहलोत बोले- इसमें वक्त लगता है
गाँव कनेक्शन 14 Dec 2018 7:08 AM GMT
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राजस्थान के मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला लेने से पहले दो दावेदारों अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ शुक्रवार को नए दौर की चर्चा कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री का फैसला दोपहर से पहले हो सकता है और जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इसकी घोषणा की जाएगी।
इस बीच गहलोत ने कहा कि ''फैसले में देरी नहीं हो रही है। बीजेपी झूठ फैला रही है। यूपी में मुख्यमंत्री का तय करने के लिए बीजेपी को 7 दिन लगे थे। वहीं, महाराष्ट्र में 9 दिन लगे। इस प्रक्रिया में समय लगता है।''
Ashok Gehlot, Congress on #Rajasthan CM: Decision is not being delayed, BJP is spreading lies. BJP took 7 days in UP & 9 days in Maharashtra to choose a CM.The process takes time,observers go to sates for discussion.Whenever such decision is taken it takes time. pic.twitter.com/4zYrrc7upt
— ANI (@ANI) December 14, 2018
बृहस्पतिवार आधी रात तक चली कई दौर की बातचीत में कांग्रेस के अनुभवी नेता गहलोत इस पद की दौड़ में आगे नजर आ रहे हैं, जबकि प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पायलट को मनाने की कोशिशें चल रही हैं। राजस्थान के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक के सी वेणुगोपाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, कांग्रेस अध्यक्ष अंतिम फैसला लेंगे और फैसले का इंतजार है।
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि चूंकि राज्य में विधायकों ने मुख्यमंत्री पद पर फैसला लेने की जम्मिेदारी गांधी को सौंपी है तो नेताओं को आलाकमान के फैसले को चुनौती नहीं देनी चाहिए और इसे स्वीकार करना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि 41 वर्षीय पायलट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत के नाम पर राजी नहीं हैं जिससे घोषणा में देरी हो रही है। पीसीसी प्रमुख ने इसका कड़ा विरोध किया है और वह खुद इस पर दावेदारी पेश कर रहे हैं।
एआईसीसी के राजस्थान के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने पीटीआई-भाषा से कहा, कांग्रेस अध्यक्ष ने सबकी बात सुनी और गहन विचार-विमर्श के बाद वह अंतिम फैसला लेंगे जो सभी को स्वीकार्य होगा। राहुल गांधी सुलह की कोशिशों के तहत अपने आवास पर एक बार फिर पायलट और गहलोत (67) से मुलाकात कर सकते हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश में भी सुलह की कोशिशें की गईं और वहां कमलनाथ को अगला मुख्यमंत्री घोषित किया गया।
कांग्रेस नेतृत्व चाहता है कि गहलोत और पायलट विधायक दल की बैठक में एक साथ मौजूद रहें। सूत्रों ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने पायलट के नाम पर मुहर लगाने का दबाव बनाने के लिए राज्य में जिस तरह आगजनी और हिंसा की, उससे कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब राजस्थान में इस तरह की घटना हुई है और पार्टी इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
इनपुट- भाषा
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