केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब की राह पर राजस्थान सरकार, मुख्यमंत्री गहलोत बोले - जल्द लाएंगे बिल

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब की कैप्टेन अमरिंदर सिंह सरकार की तरह अब राजस्थान सरकार भी नए बिल लाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज राज्य मंत्री परिषद की बैठक में विचार-विमर्श के बाद विधान सभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है।

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केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब की राह पर राजस्थान सरकार, मुख्यमंत्री गहलोत बोले - जल्द लाएंगे बिलकेंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी पंजाब की तरह नए बिल लाने के संकेत दिए।

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब सरकार की देखा-देखी और राज्यों में भी विरोध के स्वर गूंजने शुरू हो गए हैं। पंजाब की तरह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी जल्द ही बिल लाने की बात कही है।

पंजाब विधानसभा में तीन नए बिल पास होने के एक दिन बाद ही राजस्थान के मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी के नेतृत्व में हमारे अन्नदाता किसानों के पक्ष में मजबूती से खड़ी है और हमारी पार्टी किसान विरोधी कानून जो एनडीए सरकार ने बनाए हैं, का विरोध करती रहेगी।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "आज पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों के विरुद्ध बिल पारित किये हैं और राजस्थान भी शीघ्र ऐसा ही करेगा।"

इससे पहले केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब सरकार ने 19 और 20 अक्टूबर को विधानसभा में दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया। लंबी बहस के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने स्वयं तीन संशोधित बिल पेश किये।

पंजाब सरकार द्वारा पेश इन बिलों में अगर किसी व्यापारी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे किसान की फसल खरीदी तो उसे तीन साल की कैद होगी, और अगर किसी व्यापारी/कंपनी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का कॉन्ट्रैक्ट किया तो उसे भी तीन साल की कैद होगी। मतलब, एमएसपी एक कानूनी प्रावधान होगा।

इसके अलावा एपीएमसी को लेकर बने कृषि कानून के विरोध में पंजाब का एपीएमसी एक्ट पूरे राज्य में लागू होगा। राज्य सरकार मंडियों के बाहर होने वाले व्यापार या ई-ट्रेडिंग पर शुल्क लगा सकती है। विवाद की स्थिति में किसानों को कोर्ट जाने का अधिकार होगा। केंद्र के कानून में किसानों को सिर्फ एसडीएम या कलेक्टर के पास जाने का प्रावधान है। साथ ही आवश्यक वस्तु के कानून में संशोधन के साथ जमाखोरी और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार को स्टॉक लिमिट लगाने का अधिकार होगा।

विधानसभा से बिल पास होने के बाद आज मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल से भेंट करने पहुंचे और उनसे सामूहिक रूप से सदन द्वारा पारित विधेयकों पर जल्द से जल्द अपनी सहमति देने का आग्रह किया।

वहीं अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी मोदी सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई है। इन कृषि कानूनों का राज्य के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों को देखते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आज राज्य मंत्री परिषद की बैठक बुलाई।

बैठक के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, "मंत्री परिषद ने प्रदेश के किसानों के हित में निर्णय किया कि उनके हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए। सत्र में भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के प्रभाव पर विचार-विमर्श कर राज्य के किसानों के हित में वांछित संशोधन विधेयक लाए जाएं।"

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