राजस्थान पंचायत चुनाव: 707 ग्राम पंचायतों में 15 मार्च को होंगे मतदान
Ranvijay Singh 29 Feb 2020 9:08 AM GMT
राजस्थान में 707 ग्राम पंचायतों के लिए चुनाव की घोषणा हो गई है। इन ग्राम पंचायतों में 15 मार्च को मतदान होंगे। इससे पहले जनवरी में आखिरी हफ्ते में 6759 ग्राम पंचायतों के चुनाव हो गए हैं। प्रदेश में पंचायतों के पुनर्गठन और फिर इस मामले के कोर्ट में चले जाने की वजह से पंचायतों के चुनाव दो बार में कराए जा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के डेप्युटी सेक्रेटरी अशोक कुमार जैन ने बताया, '',सरपंच पद का चुनाव ईवीएम मशीन से होंगे। वहीं, पंच पद का चुनाव मतपत्र से कराया जाएगा। 15 मार्च को मतदान के तुरंत बाद ही मतगणना करवाई जाएगी।''
राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019 में पंचायतों के पुनर्गठन का फैसला लिया। इससे पहले पंचायतों का पुनर्गठन 2014 में भाजपा सरकार के वक्त हुआ था। 2019 के जून से अगस्त महीने के बीच हुए पंचायतों के पुनर्गठन में आबादी की गणना घटा दी गई, यानी 4000 से 6500 की आबादी पर ग्राम पंचायतें बनाई गईं और इसी तरह 25 ग्राम पंचायतों पर एक पंचायत समिति बनाने का निर्णय किया गया।
क्यों दो बार में हुए पंचायत चुनाव?
राज्य निर्वाचन आयोग के डेप्युटी सेक्रेटरी अशोक कुमार जैन बताते हैं, ''राज्य में पुनर्गठन के कार्यक्रम के पूरा होने के बाद राजस्थान सरकार ने 15 नवंबर को अधिसूचना जारी की थी। इसके मुताबिक, राज्य में 11142 पंचायतें हो गई थीं। बाद में सरकार ने 1 दिसंबर को भी एक संशोधित अधिसूचना जारी की, जिसमें 204 नई ग्राम पंचायतें और 9 पंचायत समितियों को जोड़ा गया। राज्य सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद निर्वाचन आयोग ने भी चुनाव की तारीखें घोषित कर दीं, लेकिन तब तक यह मामला होई कोर्ट चला गया, जहां से पुनर्गठन पर रोक लगा दी गई।''
इस मामले पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा था कि सरकार पुनर्गठन का काम हमेशा जारी नहीं रख सकती। सरकार को यह काम एक बार में ही करना चाहिए। हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर 2019 को सरकार की ओर से जारी अधिसूचनाओं पर रोक लगा दी थी। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने बीच का रास्ता निकालते हुए उन ग्राम पंचायतों में चुनाव कराए जहां पुनर्गठन का काम नहीं हुआ था। ऐसी 6759 ग्राम पंचायतों में जनवरी 2020 में तीन चरणों में चुनाव खत्म हो गए।
वहीं, राजस्थान सरकार हाई कोर्ट के स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पंचायत के पुनर्गठन का सरकार के पास संवैधानिक अधिकार है, इसमें कुछ भी लगत नहीं हुआ है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी 2020 को हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी, जिससे पंचायत के चुनाव का रास्ता साफ हो गया था। अब पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है।
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