राज्यसभा में बैठक: विपक्ष ने भाजपा पर सांप्रदायिकता फैलाने का लगाया आरोप

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राज्यसभा में बैठक: विपक्ष ने भाजपा पर सांप्रदायिकता फैलाने का लगाया आरोप

लखनऊ। राज्यसभा में मंगलवार को कांग्रेस के नेतृत्व में भाजपा पर देश में सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए चुनाव में सुधार किए जाने की मांग की। वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का विश्व में दबदबा बढ़ा है।

विपक्ष ने चुनाव आयोग की नियुक्ति के लिए कालेजियम गठित करने तथा चुनाव (ईवएम) के जरिए कागजी मतपत्रों से कराने की भी मांग की। विपक्ष ने फेसबुक जैसे सोशल मीडिया मंचों की भूमिका को लेकर भी सवाल किया और चुनाव में सभी दलों को समान अवसर दिए जाने पर बल दिया। राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर उच्च सदन में हुयी चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया।

ऐसा लगता है कि विपक्ष ने मोदी सरकार को सांप्रदायिकता के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर ली है। इस मुद्दे पर सबसे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार को लोकसभा में घेरा। इसके बाद मंगलवार को सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी राज में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी है। कुछ ऐसे ही आरोप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ रही है। इन सबके बीच बुधवार को लोकसभा में सांप्रदायिक हिंसा पर बहस होगी।

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दिग्विजय सिंह ने क्या कहा...

दिग्विजय सिंह ने कहा कि, देश में सांप्रदायिकता का जहर कूट-कूट कर भर दिया गया है, जिसे हटाना आसान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता का असर यह है कि लोकसभा तक में धार्मिक नारे लग रहे हैं।

उन्होंने झारखंड में हाल ही में भीड़ की हिंसा की घटना का जिक्र करते हुए सवाल किया कि उस समय सरकार और पुलिस कहां थी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है और संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव डाला जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में बेरोजगारी के बारे में कोई चर्चा नहीं की गई है, जो 45 वर्ष में सबसे ज्यादा स्तर पर है। ओएनजीसी, एचएएल जैसी कंपनियां भी प्रभावित हुई हैं और एचएएल को वेतन बांटने के लिए कर्ज लेना पड़ा। सरकार ने वादा किया था कि कश्मीर पंडितों को ससम्मान वापस भेजेंगे। सरकार को बताना चाहिए कि कितने लोगों को वहां वापस भेजा गया।

उन्होंने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए दावा किया कि उस मामले में खुफिया नाकामी थी, क्योंकि राज्य पुलिस ने इसके बारे में पहले ही आगाह किया था। उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि 2014 में सबका साथ सबका विकास की बात की थी जो वर्ष 2019 में परिवर्तित होकर सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास हो गया।

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दिग्विजय सिंह ने किए सवाल...

उन्होंने सवाल किया कि लोगों का विश्वास कैसे प्राप्त होगा। उन्होंने कहा, जो व्यक्ति दंगों को लेकर माफी मांगने को तैयार नहीं थे, टोपी पहनने को तैयार नहीं थे, प्रधानमंत्री रहते हुए राष्ट्रपति जी के रोजा इफ्तार में जाने को तैयार नहीं थे। वह आज अपने पहले संबोधन में अल्पसंख्यकों का विश्वास जीतने की बात करते हैं।

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि यह परिवर्तन वाकई में है या कोई जुमला है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जो कह कर रहे हैं, वो कर के दिखाएं। अगर वास्तव में परिवर्तन हुआ है, तो वह बधाई देते हैं।

जानिए भाजपा के विनय पी शास्त्र बुद्दे ने क्या कहा...

इससे पूर्व भाजपा के विनय पी शास्त्र बुद्दे ने कहा कि आज 25 जून के ही दिन (1975 में) देश में आपातकाल लागू किया गया था। उस समय पूरा देश कारावास में बदल गया था। कुछ लोगों को महीनों जेल में रखा गया और कइयों को अपना बलिदान भी देना पड़ा।

   

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