अप्रैल से बदल जाएगी राज्यसभा की तस्वीर, 55 सदस्यों का होगा कार्यकाल पूरा 

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अप्रैल से बदल जाएगी राज्यसभा की तस्वीर, 55 सदस्यों का होगा कार्यकाल पूरा अप्रैल से बदल जाएगी राज्यसभा की तस्वीर

नई दिल्ली (भाषा)। राज्यसभा में 27 जनवरी को कांग्रेस के तीन सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद भले ही सत्तारुढ़ भाजपा सबसे बड़ा दल बन जाए किन्तु उच्च सदन की वास्तविक तस्वीर अप्रैल माह में बदलेगी जब कुल 55 सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा। अप्रैल में जिनका कार्यकाल पूरा होगा उनमें केंद्रीय अरुण जेटली, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, रेणुका चौधरी तथा मनोनीत सदस्य रेखा एवं सचिन तेंदुलकर शामिल हैं।

अप्रैल माह में भाजपा के 17, कांग्रेस के 12, सपा के छह, बसपा, शिवसेना, माकपा के एक-एक, जदयू, तृणमूल कांग्रेस के 3-3, तेदेपा, राकांपा, बीजद के 2-2 निर्दलीय तथा मनोनीत तीन सदस्य का कार्यकाल पूरा होने जा रहा हैं। भाजपा इस बार उत्तर प्रदेश से अपनी सीटों की संख्या में बढोतरी करेगी जबकि कांग्रेस को गुजरात और महाराष्ट्र से ही सीट मिलेंगी। गुजरात से रिटायर को रहे चार में से दो कांग्रेस को मिलने की उम्मीद है जबकि महाराष्ट से उसके रिटायर को रहे दो सदस्यों में से एक को वह वापस ला पाएगी।

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इस माह 27 जनवरी को उच्च सदन से कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी, परवेज हाशमी और डॉ. कर्ण सिंह सेवानिवृत्त हो रहे हैं। तीनों राज्यसभा में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और इनके स्थान पर अब आम आदमी पार्टी के तीन सदस्यों को आना है। इन तीन सदस्यों के जाने के बाद कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 54 रह जाएगी। फरवरी माह में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के हिशे लाचुंगपा 23 तारीख को सेवानिवृत्त होंगे।

अप्रैल माह में उच्च सदन में 55 सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा। जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है उनमें सपा के नरेश अग्रवाल, जया बच्चन, किरणमय नंदा, बसपा के मुनकाद अली, कांग्रेस के शादीलाल बत्रा, सत्यव्रत चतुर्वेदी, डॉ. के चिरंजीवी, रेणुका चौधरी, रहमान खान, रजनी पाटिल, राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी, नरेन्द्र बुढानिया व अभिषेक मनु सिंघवी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।

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इसी माह में जदयू के डॉ महेन्द्र प्रसाद, अनिल कुमार सहानी, वशिष्ठ नारायण सिंह, निर्दलीय चन्द्रशेखर एवं एवी स्वामी, राकांपा की वंदना चव्हाण, डीपी त्रिपाठी, शिवसेना के अनिल देसाई, भाजपा के एल गणेशन, थावरचंद गहलोत, मेघराज जैन, अरुण जेटली, मनसुख लाल मंडाविया, जेपी नड्डा, भूषणलाल जांगिड, प्रकाश जावड़ेकर, विनय कटियार, बसवाराज पाटिल, धमेन्द्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, रंगासायी रामकृष्णन, पुरुषोत्तम रुपाला, अजय संचेती, शंकरभाई एन वेंगड, भूपेन्द्र यादव तृणमूल कांग्रेस के कुणाल कुमार घोष, विवेक गुप्ता, नदीम उल हक, तेलुगु देशम पार्टी के देवेन्द्र टी गौड, सी एम रमेश, माकपा के तपन कुमार सेन, बीजद के यू सिंह देव, दिलीप तिकी तथा मनोनीत अनु आगा, रेखा और सचिन तेंदुलकर शामिल हैं।

मई 2014 में केंद्र में आयी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का भले ही लोकसभा में स्पष्ट बहुमत हो किन्तु राज्यसभा में सत्तारुढ़ भाजपा के पास अभी तक न तो बहुमत था और न ही वह सबसे बडा दल थी। बहुमत के अभाव में सरकार को उच्च सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने में कठिनाई आती है।

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